गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एअर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर फ्लाइट टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई। यह फ्लाइट लंदन जा रही थी और इसमें 242 यात्री व करीब 10 क्रू-मेंबर सवार थे। यह विमान दोपहर करीब 1:38 बजे हवाई अड्डे के उत्तर-पूर्व में स्थित मेघानीनगर में ट्रेनी डॉक्टरों की एक मेस के ऊपर गिरा गया था। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को कंपनी सबसे सुरक्षित फ्लाइट्स में एक बताती थी लेकिन इस विमान सीरीज़ पर गुणवत्ता को लेकर लंबे समय से आरोप लगते रहे हैं और इस हादसे ने बोइंग पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बोइंग पर सवाल: व्हिसलब्लोअर की मौत और कंपनी का संकट
यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है जब बोइंग पहले से ही सुरक्षा और गुणवत्ता के मुद्दों को लेकर दुनिया भर में निगरानी में है।
जॉन बार्नेट मामला: बोइंग के पूर्व क्वालिटी मैनेजर जॉन बार्नेट कंपनी के खिलाफ एक मुकदमा लड़ रहे थे। मार्च 2025 में उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बोइंग जानबूझकर घटिया पार्ट्स इस्तेमाल कर रहा है और 787 के 25% इमरजेंसी ऑक्सीजन सिस्टम खराब हो सकते हैं। FAA ने इन दावों की आंशिक रूप से पुष्टि भी की थी।
गुणवत्ता में खामियां: 2019 में फ्यूसेलाज गड़बड़ियों के चलते बोइंग ने 787 की डिलीवरी रोक दी गई थी। 2025 की शुरुआत में 737 MAX 9 की एक फ्लाइट में डोर प्लग ब्लोआउट हुआ, जिसके बाद FAA ने दोबारा ऑडिट किया और और भी कमियां पाईं।
737 MAX घोटाले (2018-2019): MCAS सिस्टम की खामियों के चलते 737 MAX 8 के दो क्रैश में 346 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद इस विमान मॉडल को दुनियाभर में ग्राउंड कर दिया गया। बोइंग ने इस मामले में अमेरिकी न्याय विभाग के साथ $2.5 बिलियन का समझौता किया।
नेतृत्व में बदलाव: हालिया घटनाओं के बाद, बोइंग के CEO डेव कैलहून ने 2025 के अंत तक पद छोड़ने की घोषणा की है। FAA ने अब कंपनी से उसकी “सेल्फ-सर्टिफिकेशन” की शक्ति वापस ले ली है।
क्या हैं 787-8 ड्रीमलाइनर की विशेषताएं?
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक लॉन्ग-हॉल, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट है जो अपनी दक्षता और अत्याधुनिक डिजाइन के लिए जाना जाता है। इसने 2011 में वाणिज्यिक सेवा शुरू की थी और यह बोइंग की नेक्स्ट-जेनरेशन ड्रीमलाइनर सीरीज़ का हिस्सा है।
डिज़ाइन और फ्यूल एफिशिएंसी: यह विमान 50% कंपोजिट मटेरियल से बना होता है, जिससे यह अन्य विमानों की तुलना में लगभग 20% कम ईंधन खर्च करता है। इसमें रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 या GE GEnx इंजन लगते हैं, जो 60% तक कम शोर करते हैं।
यात्री सुविधा: ड्रीमलाइनर यात्रियों के लिए बेहतर अनुभव प्रदान करता है, जैसे बड़े विंडो (27 x 47 सेमी) जिनमें इलेक्ट्रॉनिक डिमिंग होती है, बेहतर एयर प्रेशर और ज्यादा ह्यूमिडिटी जिससे थकान कम होती है। एयर इंडिया आमतौर पर अपने 787-8 विमानों को 242 से 248 यात्रियों के अनुसार कॉन्फ़िगर करती है।
ऑपरेशनल हिस्ट्री: 2011 से अब तक, 787 फ्लीट ने 1 अरब से अधिक यात्रियों को सुरक्षित रूप से पहुंचाया है। एयर इंडिया ने इसे दिसंबर 2013 में अपने बेड़े में शामिल किया था, खासकर अहमदाबाद से लंदन जैसी लंबी दूरी की उड़ानों के लिए।
पिछला सुरक्षा रिकॉर्ड: इस दुर्घटना से पहले 787-8 ड्रीमलाइनर की कोई घातक दुर्घटना नहीं हुई थी। हालांकि, इस विमान सीरीज़ पर गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं- जैसे फ्यूसेलाज गैप और घटिया पार्ट्स, जिनकी पुष्टि बोइंग के पूर्व क्वालिटी मैनेजर जॉन बार्नेट ने की थी। 2017 में FAA के एक ऑडिट में भी इन खामियों की पुष्टि हुई थी।
इस भीषण हादसे ने वैश्विक एविएशन समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। यह पहली बार है जब अत्याधुनिक माने जाने वाले बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के साथ कोई घातक दुर्घटना हुई है। 242 लोगों को लेकर उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए इस विमान ने न सिर्फ हवाई सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाई है, बल्कि बोइंग की निर्माण गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह हादसा ऐसे वक्त में हुआ है जब बोइंग पहले से ही सुरक्षा खामियों, हालिया व्हिसलब्लोअर की संदिग्ध मौत और पुराने हादसों को लेकर आलोचना का सामना कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक तकनीकी या मानवीय त्रुटि नहीं, बल्कि एविएशन उद्योग की प्रणालीगत खामियों का संकेत है।