कांग्रेस छोड़ रहे हैं शशि थरूर!: क्रिप्टिक X पोस्ट ने अटकलों को दी हवा

शशि थरूर के पार्टी लाइन से इतर बयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ या बीजेपी जैसी लाइन पर उनका बोलना इन अटकलों को बल भी देता रहा है

शशि थरूर का क्रिप्टिक पोस्ट

शशि थरूर का क्रिप्टिक पोस्ट

कांग्रेस नेता शशि थरूर अब पार्टी छोड़ेंगे, तब पार्टी छोड़ेंगे और कब पार्टी छोड़ेंगे ऐसी अटकलें और ऐसे सवाल पिछले कुछ वक्त से हवा में तैर रहे हैं। शशि थरूर के पार्टी लाइन से इतर बयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ या बीजेपी जैसी लाइन पर उनका बोलना इन अटकलों को बल भी देता रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने थरूर को निशाना तीखा व्यंग किया तो अब थरूर ने ‘X’ पर एक पोस्ट किया है जिसके बाद लग रहा है कि अटकलों की लौ अपने आखिरी दौर में पहुंच गई है। थरूर शायद कांग्रेस को अलविदा कहने का मन बना चुके हैं।

खरगे की टिप्पणी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की शशि थरूर पर अप्रत्यक्ष लेकिन तीखी टिप्पणी ने यह सवाल उठा दिया कि क्या पार्टी अपने सबसे चर्चित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित नेताओं को ही अपने भीतर असहज महसूस करवा रही है? खरगे ने बेहद सधे हुए लेकिन व्यंग्य से भरे लहजे में कहा कि हमारे लिए, देश पहले है लेकिन कुछ लोगों के लिए, मोदी पहले हैं। यह वाक्य जितना छोटा था, उतना ही भारी और संकेतों से भरा हुआ। हर कोई समझ गया कि ये शब्द सीधे शशि थरूर की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने हाल ही में केंद्र सरकार के कुछ विदेश नीति फैसलों की सार्वजनिक सराहना की थी।

इसके बाद खरगे ने एक और बयान दिया, उन्होंने कहा, “मैं अंग्रेज़ी अच्छी नहीं पढ़ सकता। उनकी भाषा बहुत अच्छी है। इसलिए हमने उन्हें CWC का सदस्य बना दिया।” इसके बाद कई लोगों को यह लगा कि पार्टी नेतृत्व अपने ही नेताओं को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है।

उड़ने की अनुमति मत मांगो: शशि थरूर

शशि थरूर ने इन बयानों का कोई सीधा जवाब नहीं दिया लेकिन उन्होंने X पर एक ऐसी पोस्ट की जिसने सबका ध्यान खींचा है। थरूर के इस पोस्ट में एक उड़ते हुए पक्षी की तस्वीर के साथ कहा गया है, “उड़ने की अनुमति मत मांगो। पंख आपके हैं। और आकाश किसी एक का नहीं है।” इस पोस्ट के पीछे का संकेत स्पष्ट है कि थरूर झुकेंगे नहीं, और न ही अपनी स्वतंत्र सोच से पीछे हटेंगे।

अब कांग्रेस के सामने दोराहा है, एक ओर वह थरूर जैसे नेता को ‘अनुपयुक्त बयान’ देने वाला मानती है, तो दूसरी ओर उनके कद का भी लाभ उठाती है। अब सवाल यही है कि क्या पार्टी थरूर को खुलकर सोचने, बोलने और बढ़ने की जगह देगी? या फिर धीरे-धीरे उन्हें किनारे लगा देगी?

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