मेघालय हनीमून मर्डर केस में एक नाटकीय मोड़ आया है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस मामले में सोनम रघुवंशी द्वारा अपने पति राजा की हत्या में मदद करने वाले दो आरोपी- आकाश राजपूत और आनंद कुमरी ने अपने पहले के बयानों को वापस ले लिया है और अब उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने पर कोई बयान देने से इनकार कर दिया है। शिलांग सिटी के पुलिस अधीक्षक और विशेष जांच दल (SIT) के प्रमुख हर्बर्ट पाइनीयड खारकोंर ने बताया कि दोनों आरोपियों ने अपनी मौन रहने के अधिकार का इस्तेमाल किया है। उन्होंने NDTV से बातचीत में कहा “उन्होंने चुप्पी साधना चुना है, लेकिन इससे जांच प्रभावित नहीं होगी। हमारे पास मजबूत भौतिक सबूत हैं और फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट का इंतजार है ।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस के सामने की गई स्वीकारोक्ति अदालत में वैध नहीं मानी जाती, और केवल भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान ही प्रमाण के रूप में स्वीकार्य होते हैं। धारा 180 के तहत दर्ज बयान केवल जांच के दौरान सहायक होते हैं, लेकिन उन्हें साक्ष्य के रूप में नहीं माना जाता।
हनीमून के दौरान एक दिल दहला देने वाली हत्या
यह मामला एक सामान्य लापता व्यक्ति की रिपोर्ट के रूप में शुरू हुआ था, जिसमें इंदौर के नवविवाहित जोड़े, 29 वर्षीय राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी 24 वर्षीय सोनम का पता नहीं चल रहा था। दोनों ने 11 मई को शादी की थी, जबकि सोनम पहले से ही राज कुशवाहा के साथ एक प्रेम संबंध में थी, जो उनके पारिवारिक व्यवसाय में एकाउंटेंट था।
उनका हनीमून मेघालय में एक त्रासदी में बदल गया। 23 मई को दोनों नोंग्रीयाट गांव के एक होमस्टे से चेक आउट कर गायब हो गए। राजा का शव 2 जून को लगभग 20 किलोमीटर दूर मिला, जहां उन्हें आखिरी बार देखा गया था। मामला जल्द ही लापता व्यक्ति की जांच से हत्या के एक भयानक मामले में बदल गया।
साजिश का खुलासा
पुलिस के अनुसार, सोनम ने अपने पति की हत्या की साजिश राज और तीन अन्य लोगों- आकाश राजपूत, आनंद कुमरी और विशाल सिंह चौहान की मदद से रची। पुलिस का कहना है कि सोनम के चचेरे भाई जितेंद्र रघुवंशी ने भी हत्यारों को पहली किश्त दी थी।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, सोनम 8 जून को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में सामने आई और स्थानीय पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया। तब तक आकाश, विशाल और आनंद को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया जा चुका था, जबकि राज को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
परिवार का गुस्सा और प्रतिक्रिया
सोनम की इस कृत्य ने जनता में भारी निंदा उत्पन्न की है, खासतौर पर उनके अपने परिवार के बीच। उनके भाई गोविंद रघुवंशी ने कहा कि परिवार ने सोनम से सभी संबंध तोड़ लिए हैं और राजा के परिवार के साथ न्याय की लड़ाई में खड़े हैं।
“हमें शर्म आती है। हम राजा के परिवार के साथ हैं और उन्हें न्याय दिलाने में समर्थन देंगे,” गोविंद ने कहा।
जांच में विस्तार: और गिरफ्तारी हुई
जहां हत्या एक प्रेम-संबंध पर आधारित लग रही थी, वहीं जांचकर्ता इससे परे भी कई पहलुओं को देख रहे हैं। मंगलवार को मेघालय के उप मुख्यमंत्री और गृह विभाग के प्रभारी प्रेस्टन टिंसोंग ने कहा कि इस मामले में तीन और लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
इनमें शामिल हैं:
- लोकेन्द्र सिंह तोमर, उस फ्लैट के मालिक जहाँ सोनम अपराध के बाद इंदौर में रुकी थी
- सिलोमे जेम्स, वह प्रॉपर्टी डीलर जिसने फ्लैट किराए पर दिलवाया था
- बलबीर उर्फ़ बल्लू, उस क्षेत्र का एक सुरक्षा गार्ड
तीनों से पूछताछ की जा रही है कि क्या उन्होंने आरोपियों को फरार होने में मदद की।
आगे क्या होगा?
जहां दो आरोपियों ने चुप्पी साध ली है, वहीं पुलिस आश्वस्त है। “मामला केवल स्वीकारोक्ति पर निर्भर नहीं है। हमारे पास डिजिटल, फोरेंसिक और परिस्थितिजन्य सबूत हैं। आरोपियों की चुप्पी उन्हें बचा नहीं पाएगी,” खारकोंर ने कहा।
FSL की रिपोर्ट का इंतजार है और कई लोग जांच के दायरे में हैं। यह मामला न केवल एक भयानक विश्वासघात की कहानी है, बल्कि एक ऐसी साजिश का भी खुलासा कर रहा है जो केवल एक बिगड़े हुए हनीमून से कहीं ज्यादाhoney व्यापक है।