Operation Spider Web: रविवार का दिन रूस-यूक्रेन युद्ध के इतिहास में एक नया मोड़ लेकर आया। यूक्रेन ने रूस के भीतर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला कर दिया। इस गोपनीय अभियान को ऑपरेशन स्पाइडर वेब नाम दिया गया है। बताया जा रहा है इसके लिए यूक्रेन करीब डेढ़ साल से तैयारी कर रहा था। लगभग 18 महीने की योजना बनाने के बाद इस हमले में 41 रूसी विमानों को क्षति पहुंचाई गई। इसमें टीयू-95, टीयू-22 बमवर्षक और ए-50 रडार डिटेक्शन विमान शामिल थे। इन विमानों का उपयोग रूस, यूक्रेन पर हमलों के लिए करता आया है।
बता दें रूस और यूक्रेन के बीच तनाव लंबे समय से चला आ रहा है। हालांकि, वर्तमान में चल रही जंग की शुरुआत 24 फरवरी 2022 से हुई थी। रूस ने यूक्रेन मिलेट्री ऑपरेशन शुरू किया था। इसके बाद से ये जंग जारी है। दोनों ओर से कई लोग मारे गए हैं। अब यूक्रेन ने ऑपरेशन स्पाइडर वेब चलाकर रूस को बड़ी चोट पहुंचाई है।
वोलोडिमिर जेलेंस्की ने जताया संतोष
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इसे शानदार ऑपरेशन बताया है। उन्होंने पुष्टि की कि इस ऑपरेशन स्पाइडर वेब में 117 ड्रोन और उतनी ही संख्या में ड्रोन ऑपरेटर शामिल थे। इससे रूसी वायुसेना अड्डों पर तैनात सामरिक क्रूज मिसाइल वाहकों को निशाना बनाया है। ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी दल ने तीन अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया और इसकी तैयारी में डेढ़ साल चल रही थी।
ज़ेलेंस्की ने कार्रवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि एक साल और छह महीने पहले उन्होंने जिस ऑपरेशन को मंजूर किया था वह अब सफल हुआ है। रूस को सामरिक विमानन की चालीस से अधिक इकाइयों को नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि कीव की सहायता करने वाले लोगों को ऑपरेशन से पहले रूसी क्षेत्र से हटाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था और यूक्रेन यह काम जारी रखेगा।
व्लादिमीर पुतिन की क्या है तैयारी?
एक तरफ यूक्रेन प्रहार कर रहा है दूसरी ओर अमेरिका के दो वरिष्ठ सीनेटरों ने अपने यूरोपीय दौरे के दौरान एक बड़ा दावा किया है। पेरिस में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति वार्ता का दिखावा कर रहे हैं। असल में वो और विनाशकारी सैन्य अभियान की योजना बना रहे हैं। दोनों सीनेटर हाल ही में कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मिले थे।
सीनेटरों का मानना है कि यूक्रेन में हाल ही में हुए रूसी हमले बेहद भयावह थे। यह संकेत हैं कि पुतिन अभी रुकने वाले नहीं हैं। उनके अनुसार, पुतिन जानबूझकर बातचीत की प्रक्रिया को लंबा खींच रहे हैं ताकि वे युद्ध के मैदान पर अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि यह केवल एक कूटनीतिक बहाना है जिसका उद्देश्य पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया को धीमा करना है।