TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    सीएम हिमंत का आरोप

    हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    2025 के इंडो-पाक युद्ध

    भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    सीएम हिमंत का आरोप

    हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    2025 के इंडो-पाक युद्ध

    भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज पर ईरान का सीधा नियंत्रण है और ये संकरा रास्ता बंद कर वो ग्लोबल एनर्जी सप्लाई को ज़ोरदार झटका दे सकता है। ज़ाहिर है इसका प्रभाव इज़राइल और अमेरिका के ठिकानों पर गिरने वाली मिसाइलों से कहीं ज्यादा गंभीर होगा, क्योंकि इसकी ज़द में इज़राइल और अमेरिका नहीं दुनिया के ज़्यादातर देश होंगे

Sambhrant Mishra द्वारा Sambhrant Mishra
22 June 2025
in विश्व
खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

Share on FacebookShare on X

रविवार की सुबह जब लोग सो कर उठे (ज़्यादातर लोग रविवार को देर तक सोने के लिए इस्तेमाल करते हैं) तो उन्हें ईरान-इजराइल के बीच जारी जंग में अमेरिका के कूदने की जानकारी मिली। एक अप्रत्याशित हमले में अमेरिकी B2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फ़हान के परमाणु ठिकानों पर बम बरसाए। कहा जा रहा है कि इन B2 बॉम्बर्स ने मिज़ौरी के वाइटमैन एयर बेस से उड़ान भरी थी और क़रीब 12 हज़ार किलोमीटर की दूरी तय कर इन्होने फोर्दो समेत दूसरे ठिकानों पर 6 GBU-57 बम गिराए। क़रीब 14 टन वजनी GBU-57 को बंकर बस्टर्स भी कहा जाता है और ये ज़मीन के अंदर 200 फ़ीट नीचे पेनिट्रेट कर वहां मौजूद टार्गेट को तबाह कर सकते हैं।

यही नहीं ये बम क़रीब 60 फ़ीट मोटी कॉन्क्रीट के स्ट्रक्चर को भी आसानी से भेद सकते हैं। जानकारी के मुताबिक़ फोर्दो में ईरान के परमाणु संयंत्र पहाड़ में क़रीब 80/90 मीटर यानी 300 फ़ीट की गहराई पर हैं। ऐसे में बड़ी संभावना है कि इन बंकर बस्टर्स बम ने फोर्दो के प्लांट को पूरी तरह तबाह कर दिया हो। कम से कम अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रम्प का तो यही दावा है। इसके अलावा अन्य ठिकानों पर 30 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें भी दाग़ी गईं, जिनसे नतांज और इस्फ़हान के ठिकानों को भी भारी नुक़सान पहुंचा है। हालांकि इज़राइल पहले से ही इन ठिकानों को लगातार निशाना बना रहा था, लेकिन फोर्दो जैसी भूमिगत फैसेलिटी पर हमले के लिए उसके पास तकनीकी या क्षमता नहीं थी, लिहाजा उसके लिए ये काम अब अमेरिका द्वारा कर दिया गया है।

संबंधितपोस्ट

PM मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से की बात, जानें अमेरिका की स्ट्राइक के बाद क्या बोला भारत?

ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

और लोड करें

हालांकि ट्रम्प ने इससे पहले ईरान को 2 हफ्तों की समय सीमा दी थी, लेकिन संभवतः फोर्दो में बड़े पैमाने पर हलचल देख (या ईरान को चौंकाने के लिए) उन्होने दो दिन के अंदर ही ईरान पर हमले का आदेश दे दिया। डॉनल्ड ट्रम्प के अब तक के शासन में (पहला कार्यकाल और वर्तमान) ये पहली बार हुआ है, जब अमेरिका सीधे किसी जंग में उतरा हो और किसी बड़े मुल्क पर इतना बड़ा हमला किया गया हो।

ज़ाहिर है इस हमले ने ईरान को गहरी क्षति पहुंचाई है और और अब ईरान भी आत्मरक्षा के अधिकार के तहत जवाबी हमले का ऐलान कर चुका है। दरअसल, पलटवार ईरान की मजबूरी भी है, क्योंकि अगर वहां के इस्लामिक शासन को अपनी साख और सत्ता बचाए रखनी है तो उसे इस हमले का पूरी ताक़त के साथ जवाब देना होगा। लेकिन बड़ा सवाल है कि ईरान का जवाब क्या होगा ? क्या वह मिडिल ईस्ट में फैले अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला करेगा या फिर दुनिया के सबसे संवेदनशील समुद्री मार्ग – स्ट्रीट ऑफ हॉर्मुज़ – को अपना रणनीतिक हथियार बनाएगा?

मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सैन्य ठिकाने और ईरान की रेंज

पूरे मिडिल ईस्ट में अमेरिका की सैन्य मौजूदगी काफी व्यापक है। इराक, कुवैत, बहरीन, कतर, सऊदी अरब, जॉर्डन, सीरिया, साइप्रस और तुर्किए जैसे देशों में अमेरिका के क़रीब 20 स्थाई और अस्थाई सैन्य ठिकाने हैं। CNN के अनुसार इन ठिकानों पर क़रीब 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जिनमें 2,500 से अधिक सैनिक इराक में और क़रीब 9,000 सैनिक बहरीन में मौजूद हैं, जहां अमेरिका का एक नेवल हेडक्वार्टर भी मौजूद है। 
इन सैन्य ठिकानों में अमेरिका के अरबों डॉलर के हथियार और हाईटेक सैन्य साजो-सामान की तैनाती है और ये सभी ठिकानें ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज में हैं। ऐसे में काफी हद तक संभव है कि ईरान पलटवार के तौर पर इन ठिकानों को निशाना बनाने की सोचे।

वैसे भी ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची इसके स्पष्ट संकेत दे चुके हैं और उन्होने कहा था कि अमेरिका के इस कदम (परमाणु ठिकानों पर हमले) का असर ‘हमेशा के लिए’ रहेगा और ईरान अपनी ‘संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए हर विकल्प पर विचार करेगा।’ 
लेकिन ईरान के लिए ये विकल्प चुनना आसान नहीं होगा- क्योंकि अमेरिका पहले ही ईरान को चेतावनी दे चुका है कि अगर उसके ठिकानों पर हमला हुआ तो नतीजा और भी ख़तरनाक साबित होगा। ऐसा करने पर ईरान के अमेरिका के साथ सीधी जंग में उलझने का खतरा भी बढ़ेगा और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए इसकी संभावना काफी ज्यादा है कि ईरान को अपने मित्र देशों (रूस-चीन) से कोई भी सीधी मदद न मिले। 
ऐसे में ईरान दूसरे विकल्प की तरफ़ बढ़ सकता है- जो है स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़ में अपनी प्रभावशाली स्थिति का इस्तेमाल।

स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़: ईरान का स्ट्रैटेजिक प्रेशर प्वाइंट

सीधा सैन्य हमला एक विकल्प हो सकता है, लेकिन ईरान के पास इससे भी बड़ा रणनीतिक हथियार है – स्ट्रीट ऑफ हॉर्मुज़। यह संकीर्ण जलमार्ग ओमान की खाड़ी को फारस की खाड़ी से जोड़ता है, और दुनिया के कुल तेल निर्यात का लगभग 20% यानी रोज़ाना क़रीब 2 करोड़ बैरल तेल यहीं से गुजरता है। इराक़ से लेकर सऊदी अरब, बहरीन, ओमान, कतर, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश अपना तेल यूरोप और दुनिया के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाने के लिए इसी संकरे समुद्री रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।

इस समुद्री मार्ग का उत्तर तट पूरी तरह ईरान के नियंत्रण में है और ईरान ने यहां कई नौसैनिक अड्डे (बंदर अब्बास, जस्क, किश द्वीप) बना रखे हैं, जहां बड़ी संख्या में मिसाइल बोट्स, जंगी जहाज़, टॉरपीडो, समुद्री माइंस और एंटी-शिप मिसाइलें तैनात हैं। ईरान के पास 3,000 से अधिक नेवल माइंस हैं, जिनका इस्तेमाल कर वो कभी भी इस प्रेशर प्वाइंट को आसानी से चोक कर सकता है।
ईरान की ये यह रणनीति अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन सकती है क्योंकि इससे न सिर्फ वैश्विक तेल आपूर्ति प्रभावित होगी, बल्कि कच्चे तेल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी होगी और पूरी ग्लोबल इकॉनमी संकट में आ सकती है। खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पहले ही ‘एनर्जी क्राइसिस’ झेल रहे यूरोप के लिए ये दोहरा संकट होगा।

हालांकि ऐसी किसी स्थिति से निपटने के लिए अमेरिका ने इस रीज़न में अपने दो कैरियर बैटल ग्रुप- ‘हैरी एस ट्रूमैन’ और ‘कॉर्ल विंसन’ तैनात कर रखे हैं। ज़रूरत पड़ने पर यूएनएस अब्राहम लिंकन को भी वहां भेजा जा सकता है। ज़ाहिर है ये पूरी तैयारी ख़ासकर ईरान को ध्यान में रखते हुए ही की गई है। लेकिन ईरान की मज़बूत रणनीतिक स्थिति, समुद्री माइंस और उसके मिसाइल जख़ीरे को देखते हुए हॉर्मुज की खाड़ी को उसके शिकंजे से आज़ाद कराना आसान नहीं होगा।

ज़ाहिर है हॉर्मुज स्ट्रीट पर कब्जे की लड़ाई जितनी लंबी चलेगी, अमेरिका और उसके सहयोगियों पर बाक़ी दुनिया का दबाव भी उतना ही ज्यादा बढ़ेगा और भारत- जापान-चीन जैसे देश- जो ईरान के इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, वो युद्ध रुकवाने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे। यानी ईरान के पास सैन्य और रणनीतिक दोनों ही स्तरों पर जवाब देने के विकल्प हैं। मिडिल ईस्ट में अमेरिका के सैन्य अड्डे अगर उसकी सीधी रेंज में हैं, तो स्ट्रीट ऑफ हॉर्मुज़ उसका सबसे अहम रणनीतिक हथियार है।

एक रास्ता ये भी है कि ईरान अपनी जनता को मैसेज देने के लिए प्रतीकात्मक रूप से अमेरिकी ठिकानों पर कुछ हमले करे (ये सुनिश्चित करते हुए इससे अमेरिका को ख़ास नुक़सान न हो)। जनरल क़ासिम सुलेमानी का हत्या के बाद ईरान ने कुछ ऐसा ही किया था और तब ये इलाका एक बड़ी जंग में झुलसने से बच गया था। लेकिन इस बार इसकी संभावनाएं कम ही दिखती हैं, क्योंकि नेतन्याहू और ट्रंप का मुख्य लक्ष्य अब ईरान को परमाणु विहीन करने से कहीं आगे बढ़ चुका है और अब वो अयातोल्ला शासन के खात्मे की प्लानिंग कर रहे हैं। ऐसे में मामला सिर्फ ईरान की संप्रभुता का नहीं बल्कि वहां इस्लामिक सत्ता की सलामती का भी है।
ऐसे में अब ईरान के इस्लामिक शासन को ये तय करना है कि वो किस विकल्प का इस्तेमाल करेगा इस तनाव को कितना और किस तरह से आगे बढ़ाएगा?

Tags: AmericaBenjamin NetanyahuDonald TrumpIranIsraelstrait of hormuzअमेरिकाइजरायलईरानडोनाल्ड ट्रंपबेंजामिन नेतन्याहूस्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

अगली पोस्ट

आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

संबंधित पोस्ट

अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है
विश्व

ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

22 June 2025

अमेरिका ने ईरान में तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्दो, नतांज और एस्फाहान पर बम और मिसाइल से हमले किए हैं जिसके बाद इज़रायल-ईरान संघर्ष के...

2025 के इंडो-पाक युद्ध
AMERIKA

भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

22 June 2025

2025 में हुए चार दिवसीय इंडो-पाक युद्ध का प्रभाव केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने वैश्विक स्तर पर अमेरिका की दोबारा नेतृत्व...

पिज़्ज़ा = युद्ध?
विश्व

युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

21 June 2025

13 जून 2025 की शाम जब तेहरान के ऊपर मिसाइलें चमक रही थीं, उस समय सोशल मीडिया पर साज़िश-थ्योरी गढ़ने वाले लोग किसी गुप्त खुफिया...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

when the God leaves the temple to be with his devotees.

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04

kamakhya Devi and the Power of Menstruation: Ambubachi Mela Explained.

00:04:47

From love to murder- how five plots took down raja raghuvanshi

00:04:38

Marriage gone murderous: expert explains the gruesome murder case.

00:13:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited