मानसून का आगमन भारत के राष्ट्रीय उद्यानों को एक नई ऊर्जा और हरियाली से भर देता है। यह समय न सिर्फ़ प्रकृति की सुंदरता को निहारने का है, बल्कि वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का भी एक विशेष अवसर होता है। हालांकि, देश के कई प्रमुख उद्यानों के मुख्य क्षेत्रों को बरसात में बंद कर दिया जाता है, जिससे पर्यटकों को भ्रम हो सकता है कि सफारी का मौसम खत्म हो गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ विशेष राष्ट्रीय उद्यान मानसून के दौरान भी खुले रहते हैं और जंगलों की जादुई सुंदरता को करीब से देखने का अवसर प्रदान करते हैं।
क्यों बंद रहते हैं कुछ राष्ट्रीय उद्यान मानसून में?
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशानिर्देशों के अनुसार, मानसून के मौसम में कई राष्ट्रीय उद्यानों के मुख्य क्षेत्रों को बंद कर दिया जाता है। इसके पीछे कुछ खास कारण होते हैं:
1. सुरक्षा कारण
बरसात के समय भारी वर्षा के कारण जंगल के रास्ते फिसलन भरे हो जाते हैं, कई बार बाढ़ या भूस्खलन जैसी स्थितियाँ बन जाती हैं, जिससे पर्यटकों और पार्क स्टाफ की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में कुछ क्षेत्रों को बंद करना जरूरी हो जाता है।
2. वन्यजीवों का प्रजनन काल
मानसून का समय वन्यजीवों के लिए प्रजनन काल होता है। बाघ, तेंदुआ, हाथी और कई अन्य जानवर इस समय घोंसले बनाते हैं, संतान पैदा करते हैं और उनका पालन-पोषण करते हैं। इसलिए, इस शांतिपूर्ण समय में मानव गतिविधियों को सीमित रखना संरक्षण के दृष्टिकोण से आवश्यक है।
3. प्राकृतिक पुनरुत्थान
बारिश जंगलों को पुनर्जीवित करती है, वनस्पति को फिर से पनपने और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलन में लाने के लिए इस समय में पर्यटन से विराम आवश्यक होता है। कई पार्क सालभर एक रोटेशन प्रणाली के तहत क्षेत्रीय बंद और खोल की नीति अपनाते हैं।
फिर भी कुछ राष्ट्रीय उद्यान मानसून में भी रहते हैं खुले-जानिए कहां जाएं
अगर आप भी बाघ या अन्य जंगली जीवों को केवल टीवी पर देख चुके हैं और उन्हें असल में देखने की ख्वाहिश रखते हैं, तो यह मानसून आपके लिए उपयुक्त समय हो सकता है। नीचे दिए गए कुछ राष्ट्रीय उद्यान मानसून के दौरान भी चयनित क्षेत्रों में खुले रहते हैं, जहां रोमांचक सफारी का अनुभव लिया जा सकता है:
1. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश
हालांकि इसका कोर एरिया मानसून में बंद रहता है, लेकिन बफर जोन खुले रहते हैं। बारिश के कारण हरियाली से भरपूर यह क्षेत्र तेंदुए, जंगली कुत्तों, भालू, सांभर हिरण आदि के दर्शन का सुंदर अवसर प्रदान करता है।
2. रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान
रणथंभौर के मुख्य क्षेत्रों को बंद कर दिया जाता है, लेकिन ज़ोन 6 से 10 तक के क्षेत्र पूरे साल खुले रहते हैं। इन ज़ोन में भी कई बाघों की सक्रियता रहती है, और हरियाली के बीच इन राजसी जानवरों को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
3. फूलों की घाटी, उत्तराखंड
मानसून के दौरान यह पार्क अपने चरम सौंदर्य पर होता है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल जून में खुलता है और बारिश के बाद 600 से अधिक किस्मों के फूलों – जैसे ऑर्किड, मैरीगोल्ड, प्रिमुला, डेज़ी, एनीमोन से भर जाता है।
4. जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड
इसके मुख्य क्षेत्र मानसून में बंद रहते हैं, लेकिन झिरना और सीताबनी जैसे बफर जोन खुले रहते हैं, जहाँ हिरण, जंगली सूअर, मृग और अन्य वन्यजीवों को देखा जा सकता है। बारिश में यह इलाका हरे-भरे दृश्य के साथ बेहद आकर्षक बन जाता है।
5. पेरियार राष्ट्रीय उद्यान, केरल
पेरियार झील के किनारे स्थित यह पार्क मानसून के दौरान पूरी तरह खुला रहता है। केरल की खूबसूरत हरियाली में आप यहां हाथियों और बंदरों को झुंडों में घूमते देख सकते हैं। यह पार्क बारिश में और भी सुंदर और जीवंत नजर आता है।
बारिश रद्द नहीं करती आपका जंगल सफारी प्लान
हालाँकि कई राष्ट्रीय उद्यान पारिस्थितिक कारणों से वर्षा ऋतु में आंशिक रूप से बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वन्यजीवों से जुड़ने के अवसर खत्म हो जाते हैं। मानसून के दौरान खुले रहने वाले इन विशेष उद्यानों की यात्रा न सिर्फ़ सुरक्षित होती है, बल्कि यह प्रकृति को उसकी सबसे सुंदर, हरी-भरी और शांत अवस्था में देखने का अद्वितीय अवसर देती है।