मिशन Axiom-4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में गए भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अपने अन्य साथियों के साथ स्पेस से धरती के लिए रवाना हो गए हैं। भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में कुल 18 दिन बिताए हैं। अभी तक की जानकारी के अनुसार, स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान की अनडॉकिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है और ये यान धरती की ओर रवाना हो चुका है। करीब 23 घंटे बाद ये यान कैलिफोर्निया के तट पर उतरेगा।
स्पेसक्राफ्ट की हुई अनडॉकिंग
जानकारी के अनुसार, गगनयात्री शुभांशु एक्सिओम-4 मिशन के अपने तीन सहयोगी अंतरिक्षयात्रियों के साथ मंगलवार को प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर उतरेंगे। थोड़ी देर पहले ही ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग हो गई है।
धरती पर वापसी में लगेंगे 23 घंटे
अनडॉकिंग के बाद ये स्पेसक्राफ्ट धरती की ओर उड़ान भरेगा। स्पेसक्राफ्ट को इस अंतरिक्षयान को वापस धरती पर आने में कुल 23 घंटों का समय लगेगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अनडॉकिंग के करीब 23 घंटों बाद प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया के तट के पास स्पलैशडाउन की उम्मीद है। एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु और तीन अन्य अंतरिक्षयात्री 26 जून को आईएसएस पर पहुंचे थे। आईएसएस पर इन अंतरिक्षयात्रियों ने कई प्रयोग किए। बता दें कि इस स्पेसक्राफ्ट की धरती तक वापसी की पूरी प्रक्रिया स्वचालित होगी।
सारे जहां से अच्छा दिखता है भारत: शुभांशु
गौरतलब है कि रविवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस से एक भावपूर्ण विदाई भाषण दिया। ये वह मौका था जब एक्स-4 चालक दल पृथ्वी पर वापस जाने की तैयारी कर रहा था। उन्होंने अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के प्रसिद्ध शब्दों को दोहराते हुए कहा कि आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है। उन्होंने कहा, यह मेरे लिए कमाल की यात्रा रही है। जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं। अब यह यात्रा समाप्त होने वाली है। लेकिन हमारी मानव अंतरिक्ष उड़ान की यात्रा बहुत लंबी है। इधर, नासा ने बताया कि ड्रैगन अंतरिक्ष यान 580 पाउंड से अधिक कार्गो के साथ पृथ्वी पर लौटेगा, जिसमें नासा के हार्डवेयर और मिशन के दौरान किए गए 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तीन अन्य क्रू सदस्यों के साथ सोमवार को हैच बंद होने और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक होने से पहले स्पेसएक्स ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान में प्रवेश कर गए। उन्होंने भारतीय समय के अनुसार शाम 4:30 बजे अंतरिक्ष की ओर अपनी वापसी यात्रा शुरू कर दी। भारतीय वायुसेना के शुभांशु शुक्ला आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं और वे अंतरिक्ष यान का संचालन करेंगे।
क्या होती है ‘अनडॉकिंग’
स्पेस से वापसी की प्रक्रिया को ‘अनडॉकिंग’कहा जाता है। इसमें ड्रैगन कैप्सूल ISS से अलग होकर पृथ्वी की ओर यात्रा शुरू करता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से कंप्यूटर नियंत्रित होती है, जिसमें स्पेस क्राफ्ट की स्पीड की गति और दिशा को सटीकता से नियंत्रित किया जाता है, ताकि वह सुरक्षित तरीके से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सके। अनडॉकिंग के बाद कैप्सूल पृथ्वी की ओर बढ़ता है और वायुमंडल में प्रवेश करते समय इसकी गति लगभग 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाती है। कैप्सूल में विशेष हीट शील्ड लगाए जाते हैं। लैंडिंग से कुछ समय पहले पैराशूट्स खुलते हैं, स्पेसएक्स की रिकवरी टीम तुरंत कैप्सूल को समुद्र से निकालती है और अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालती है।