केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पिछले पांच हफ्तों से खड़ा ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35B जंगी जहाज अब उड़ान भर सकेगा। जानकारी हो कि इस विमान की हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिसे अब ठीक कर लिया गया है। उड़ान के लिए आखिरी मंजूरी मिल गई है। हालांकि, इस विमान की मरम्मत में ब्रिटिश और स्थानीय तकनीशियनों ने दिन-रात मेहनत की।
केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पिछले पांच हफ्तों से खड़ा ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35B जंगी जहाज आखिरकार कल उड़ान भरेगा। इस जहाज को हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी की वजह से आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी, मगर अब खराबी को ठीक कर लिया गया है। मंगलवार को उड़ान के लिए आखिरी मंजूरी भी मिल चुकी है। इस फाइटर जेट की मरम्मत में ब्रिटिश और स्थानीय तकनीशियनों ने दिन-रात मेहनत की। अब यह पूरी तरह तैयार है। यह विमान अपने मिशन पर फिर से जाएगा।
भारत के इस एयर पोर्ट खड़ा है F-35
एफ-35बी को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है और यह दुनिया का सबसे महंगा फाइटर जेट माना जाता है। इसकी कीमत लगभग 115 मिलियन डॉलर है। यह विमान भारतीय नौसेना के साथ अरब सागर में एक सैन्य अभ्यास के सिलसिले में ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स से जुड़ा हुआ था। अभ्यास के बाद लौटते वक्त तकनीकी खराबी आने के कारण यह अपने कैरियर पर नहीं लौट सका। 14 जून से 5 जुलाई तक यह विमान खुले आसमान के नीचे धूप और बारिश में तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर खड़ा रहा।
सुरक्षा के लिए 24 घंटे तैनात रहे CISF जवान
तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इस विमान की सुरक्षा के लिए CISF जवान 24 घंटे तैनात रहे। हालांकि भारत ने विमान को हैंगर में रखने की अनुमति दी थी, लेकिन ब्रिटेन को चिंता थी कि कहीं भारत इस पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर की गोपनीय तकनीक की जानकारी हासिल न कर ले। 6 जुलाई को ब्रिटेन से आए इंजीनियरों की मौजूदगी में इसे हैंगर में मरम्मत के लिए ले जाया गया। सूत्रों के मुताबिक, इमरजेंसी लैंडिंग के बाद विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी पाई गई थी, जिसका असर बाकी सिस्टम पर भी पड़ा था।
क्यों खास है F-35
जानकारी हो कि एफ-35 एक सिंगल इंजन, मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट है। यह करीब 2,000 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह वर्टिकल टेक-ऑफ में भी सक्षम है, यानी हेलीकॉप्टर की तरह सीधा ऊपर उड़ सकता है। यह न केवल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर बल्कि इंटेलिजेंस, एयर-टू-ग्राउंड और एयर-टू-एयर मिशन में भी समान रूप से सक्षम है। जानकारी हो कि सोशल मीडिया पर भी इस विमान की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। केरल टूरिज़्म ने ‘एक जगह जिसे आप छोड़ना नहीं चाहेंगे’ जैसे मैसेज के साथ मजेदार पोस्ट किए, जबकि इसको लेकर एआई-जेनरेटेड मीम्स ने भी काफी लोकप्रियता पाई।
खड़े कर रहा कई सवाल
हालांकि कुछ समय पहले चर्चा थी कि अगर तकनीकी टीम विमान को उड़ान के लायक नहीं बना पाई तो उसे आंशिक रूप से खोलकर कार्गो प्लेन से वापस ले जाया जाएगा, लेकिन ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। यहां बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश अपने ऐसे “गेम चेंजर” विमानों को किसी तीसरे देश में लंबे समय तक नहीं छोड़ते। ऐसे में एफ-35 का इतने दिनों तक भारत में खड़ा रहना कई अहम सवाल खड़े करता है।