कम्युनिस्ट पार्टी CPI(M) के पूर्व विधायक आर राजेश पर केरल हाईकोर्ट आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू करेगी। जानकारी के अनुसार, यह मामला पूर्व विधायक के फेसबुक पोस्ट से संबंधित है, जिसमें उन्होंने केरल के जस्टिस डीके सिंह के कुछ मामलों में उनके फैसलों को ‘संघ परिवार’ का समर्थक बताया था। इसके बाद कोर्ट ने इसे अवमानना मानते हुए पूर्व विधायक के खिलाफ कार्रवाई का आदेश पारित कर दिया है। कोर्ट ने उनके इस फेसबुक पोस्ट को आपत्तिजनक भी बताया था।
फेसबुक पोस्ट के आधार पर कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, केरल हाई कोर्ट के जस्टिस डीके सिंह ने सोमवार (07 जुलाई 2025) को मामले में आदेश पारित किया। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस ने कहा कि पूर्व विधायक का यह फेसबुक पोस्ट न्यायालय की अवमानना के समान है। क्योंकि, पूर्व विधायक ने अपने फेसबुक पोस्ट से कोर्ट को बदनाम किया है। उन्होंने इसे कोर्ट की कार्रवाई में भी हस्तक्षेप माना और अपना आदेश पारित कर दिया। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने कहा कि यह पोस्ट उन पर दबाव बनाने का प्रयास है और यह उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करता है। न्यायमूर्ति ने कहा कि अदालत पर दबाव केवल उनके मृत शरीर पर ही डाला जा सकता है.
इसके अलावा पूर्व विधायक ने कहा था, “क्या न्याय की देवी या भगवा झंडा लेकर चलने वाली महिला ही यहां जीतती हैं।” हाईकोर्ट ने कहा कि नेता ने बेबुनियाद और निराधार आरोप लगाए हैं, जिससे जनता की नजरों में कोर्ट की गरिमा को चोट पहुंची है।
क्या है मामला?
यह मामला केरल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के निलंबन को चुनौती देने वाली रिट याचिका से जुड़ा था। पूर्व विधायक आर राजेश केरल यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट के सदस्य हैं। रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान, जब राजेश के किसी अन्य मामले में वकील कोर्ट में मौजूद थे, तब यह टिप्पणी की गई। इधर, रजिस्ट्रार द्वारा दायर याचिका को वापस ले लिया गया, यह कहते हुए कि उनका निलंबन सिंडिकेट द्वारा स्थगित कर दिया गया है।