अगर आप कुत्ता पालते हैं और उसका निवास प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है, तो आप बिहार की राजधानी पटना में आपका स्वागत है। यहां आइये, आपके कुत्ते का निवास प्रमाण पत्र बन जाएगा। कुछ ऐसा ही मामला बिहार की राजधानी पटना से सामने आया है। सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का यह एक जीता जागता नमूना है। पटना जिले के मसौढ़ी अंचल कार्यालय ने ‘डॉग बाबू’ के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। खास बात यह कि उस पर राजस्व पदाधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर भी हैं।
बाद में मामले की जांच के दौरान पता चला कि असली रिकॉर्ड एक महिला का था, जिसमें छेड़छाड़ की गई थी। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन की खूब किरकिरी हो रही है। इस मामले में पटना के जिलाधिकारी अब लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
चल रहा वोटर लिस्ट अपडेशन का काम
जानकारी हो कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए चुनाव से पहले वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम चल रहा है। लोगों से वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के लिए निवास प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं। इस वजह से निवास प्रमाण पत्र बनाने का काम भी तेजी से हो रहा है। इसी बीच मसौढ़ी में एक कुत्ते के फोटो लगा निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस घटना ने सरकारी सिस्टम की लापरवाही को उजागर कर दिया है।
मसौढ़ी का है मामला
प्रमाण पत्र में कुत्ते का नाम ‘डॉग बाबू’, पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’ और माता का नाम कुटिया देवी लिखा है। यह प्रमाण पत्र मसौढ़ी अंचल कार्यालय के RTPS पोर्टल से जारी हुआ है। इस मामले की जांच शुरू हो गई है। प्रमाण पत्र पर पता भी लिखा गया है- मोहल्ला काउलीचक, वार्ड नंबर 15, नगर परिषद मसौढ़ी। इस प्रमाण पत्र का नंबर BRCCO/2025/15933581 है।
राजस्व पदाधिकारी का डिजिटल साइन भी है
सबसे हैरानी की बात यह है कि इस प्रमाण पत्र पर राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान के डिजिटल हस्ताक्षर भी हैं। अंचल कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि बिना राजस्व पदाधिकारी के डोंगल के डिजिटल हस्ताक्षर नहीं हो सकते। अब सवाल उठता है कि अंचल अधिकारी के डोंगल का इस्तेमाल किसने और कैसे किया?
डीएम ने की ये कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से कुत्ते का निवास प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है। वहीं राजस्व पदाधिकारी के साइन भी हटा दिए गए हैं। इस मामले पर पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच के बाद दोषी कर्मियों और पदाधिकारी पर प्राथमिक दर्ज कराई गई है, ताकि ऐसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स बनाने के दौरान कोई लापरवाही न करे।
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि मसौढ़ी अंचल में ‘डॉग बाबू’ के नाम से निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का मामला प्रकाश में आया है। मामला संज्ञान में आते ही उक्त निवास प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है। साथ ही आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर एवं प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले पदाधिकारी के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। अनुमंडल पदाधिकारी, मसौढ़ी को संपूर्ण मामले की विस्तृत जांच कर 24 घंटा के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। दोषी कर्मियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बता दें, बिहार के सरकारी विभाग में लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले ट्रैक्टर और ब्लूटूथ का भी निवास प्रमाण पत्र विभाग जारी कर चुका है।