भोपाल के नवाबी परिवार की संपत्ति को लेकर चल रहे लंबे विवाद में अभिनेता सैफ अली खान को बड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहनों सोहा और सबा अली खान को भोपाल की शाही संपत्तियों का वैध उत्तराधिकारी माना गया था। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने परिवार की करीब ₹15,000 करोड़ की संपत्ति को ‘दुश्मन की संपत्ति’ घोषित कर दिया है, क्योंकि नवाब हमीदुल्लाह खान की एक बेटी विभाजन के समय पाकिस्तान चली गई थीं।
ट्रायल कोर्ट को दोबारा सुनवाई का निर्देश
हाई कोर्ट ने मामले को ट्रायल कोर्ट में वापस भेजते हुए एक साल के भीतर पुनः सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है। यह मामला नवाब हमीदुल्लाह खान की विरासत से जुड़ा है। उनकी मृत्यु 1960 में हुई थी। उनके अन्य उत्तराधिकारियों ने यह दावा किया कि संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एक्ट, 1937 के तहत होना चाहिए। उन्होंने 1999 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके आधार पर अब हाई कोर्ट ने पहले दिए गए फैसले को रद्द कर दिया है।
केंद्र सरकार ने संपत्ति को घोषित किया ‘दुश्मन की संपत्ति’
इस फैसले के अलावा, सैफ अली खान के लिए दूसरी बड़ी परेशानी यह रही कि केंद्र सरकार ने भोपाल की उनकी पारिवारिक संपत्तियों को ‘दुश्मन की संपत्ति’ घोषित कर दिया। यह निर्णय शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत लिया गया, जिसके अनुसार यदि कोई उत्तराधिकारी विभाजन के समय पाकिस्तान चला गया हो, तो उसकी संपत्तियां भारत सरकार के अधीन हो जाती हैं।
इन संपत्तियों में शामिल हैं:
- फ्लैग स्टाफ हाउस (सैफ का बचपन का घर)
- नूर-अस-सबाह पैलेस
- दार-अस-सलम
- हबीबी का बंगला
- अहमदाबाद पैलेस
- कोहेफिजा स्थित संपत्तियां
पहले मिला था स्टे, अब हट गया
2014 में सरकार ने इस संपत्ति को लेकर नोटिस जारी किया था। सैफ अली खान ने 2015 में इस पर आपत्ति जताते हुए अदालत से स्टे ले लिया था। हालांकि, 13 दिसंबर 2024 को हाई कोर्ट ने वह स्टे खत्म कर दिया। अदालत ने परिवार को 30 दिन में दावे पेश करने का मौका दिया था, लेकिन इस अवधि में कोई दावा नहीं किया गया।
नवाब हमीदुल्लाह खान का परिवार – पारिवारिक संरचना
नवाब हमीदुल्लाह खान की तीन बेटियां थीं:
- आबिदा सुल्तान – जो पाकिस्तान चली गईं।
- साजिदा सुल्तान – सैफ अली खान की दादी, जो भारत में ही रहीं।
- तीसरी बेटी – भारत में ही रहीं।
अब सरकार का कहना है कि चूंकि एक वारिस (आबिदा सुल्तान) पाकिस्तान चली गई थीं, इसलिए पूरी संपत्ति शत्रु संपत्ति कानून के तहत आती है।