अवैध हथियार व्यापार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) बुलंदशहर यूनिट ने अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र में चल रही एक गुप्त हथियार निर्माण फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन सोमवार देर शाम को चलाया गया, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जो इस अवैध हथियार तस्करी रैकेट में सीधे तौर पर शामिल थे।
गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार की गई है:
अरशद, पुत्र हस्मत
बबलू, पुत्र हाशिम
मनोज, पुत्र किशन
तीनों आरोपी अलीगढ़ निवासी हैं और आशंका है कि ये सभी एक किराए के मकान से यह गुप्त गतिविधि संचालित कर रहे थे। प्रारंभिक पूछताछ में यह भी सामने आया है कि वे एक स्थानीय हथियार निर्माण और वितरण सिंडिकेट का हिस्सा थे, जिसकी कड़ियाँ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न आपराधिक गिरोहों से जुड़ी हो सकती हैं।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
छापेमारी के दौरान STF ने बड़ी संख्या में अवैध हथियार और हथियार बनाने के उपकरण जब्त किए, जिनमें शामिल हैं:
दर्जन भर तैयार और अधबने देसी कट्टे
बैरल, स्प्रिंग और ट्रिगर मैकेनिज्म
ड्रिलिंग और कटिंग मशीनें जो हथियार असेंबली में प्रयुक्त होती हैं
लोहे की रॉड, वेल्डिंग सामग्री और मोल्ड जैसे कच्चे माल
STF अधिकारियों का कहना है कि यह फैक्ट्री हर सप्ताह कई चालू हथियार बनाने में सक्षम थी, जिन्हें संभवतः अपराधियों को बेचा जाता था और क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों में उपयोग किया जाता था।
काम करने का तरीका (Modus Operandi)
STF सूत्रों के अनुसार, आरोपी पारंपरिक हथियार निर्माण तकनीकों का उपयोग कर रहे थे, जो लंबे समय से काले बाजार में प्रचलित हैं। ये तकनीकें सस्ते और कम तकनीकी संसाधनों के साथ छोटे अपराधियों तक हथियार पहुंचाने में मदद करती थीं।
फैक्ट्री एक अर्ध-आवासीय क्षेत्र में स्थित थी और इस तरह से छुपाई गई थी कि पड़ोसियों को इसकी जानकारी तक नहीं हो सकी। स्थानीय लोगों को इस गतिविधि का कोई अंदेशा नहीं था।
बड़े नेटवर्क की संभावना
प्रशासन को शक है कि यह इकाई अवैध हथियार आपूर्ति नेटवर्क की एक कड़ी मात्र हो सकती है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में सक्रिय है। STF अब मोबाइल डेटा, वित्तीय लेनदेन और पूछताछ के आधार पर सप्लायर और खरीदारों की पहचान में जुट गई है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या ये हथियार किसी उग्रवादी संगठन, डकैत गिरोह, आपसी गैंगवार या राजनीतिक धमकी देने की घटनाओं में प्रयोग किए जा रहे थे।
गिरफ्तार आरोपियों पर Arms Act और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया है और आगे की पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा।
जन सुरक्षा की चिंता
एक और अवैध हथियार फैक्ट्री का खुलासा यह दर्शाता है कि राज्य में अवैध हथियारों का खतरा लगातार बना हुआ है। चुनाव नजदीक आने के साथ ही कुछ जिलों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियाँ पूरी तरह सतर्क हैं।
STF ने अवैध हथियार तस्करी और निर्माण पर सख्ती से कार्रवाई जारी रखने का संकल्प लिया है और आम जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।