धरती पर लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला- जानें अंतरिक्ष में क्या-क्याा किया?

18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा के दौरान किए 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग

धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला | जानें अंतरिक्ष में क्या किया

भारत का लाल वापस धरती पर लौट आया है। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री, जो Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे, अब सुरक्षित लौट चुके हैं। SpaceX का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन किया। चार पैराशूट की मदद से कैप्सूल पानी में उतरा। अब इसे समुद्र से निकाला जाएगा और एक विशेष रिकवरी जहाज पर रखा जाएगा, जहां से अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया।

अंतरिक्ष में 18 दिन क्या किया?

शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों का अंतरिक्ष मिशन शुरू में 14 दिन के लिए निर्धारित था, लेकिन इसे 18 दिनों तक बढ़ा दिया गया। इस मिशन के दौरान कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए गए, जिनमें से 7 प्रयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के थे। ये प्रयोग विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण डेटा एकत्रित करने के लिए किए गए थे, जो भारत के भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए काफी उपयोगी साबित होंगे।

शुभांशु शुक्ला अपने साथ करीब 263 किलो वजन का वैज्ञानिक उपकरण और डेटा लेकर वापस लौट रहे हैं। यह डेटा इसरो के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन, ‘गगनयान’, अगले कुछ वर्षों में यानी 2027 में लॉन्च होने वाला है। इस मिशन की सफलता और इस दौरान प्राप्त अनुभव गगनयान मिशन को और अधिक सफल बनाने में मदद करेंगे। इस मिशन पर कुल मिलाकर लगभग 550 करोड़ रुपये का खर्च आया है, जो भारत के लिए एक बड़ी निवेश और उपलब्धि है। इस प्रयास से यह साफ होता है कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और आने वाले समय में देश की अंतरिक्ष यात्रा और भी व्यापक और सफल होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया स्वागत

शुभांशु शुक्ला के धरती पर लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं.” “अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण और साहस से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन की दिशा में एक और मील का पत्थर है.”

7 दिन तक रहेंगे आइसोलेशन में

धरती पर लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला को 7 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा, क्योंकि उन्होंने लगभग 18 दिन शून्य गुरुत्वाकर्षण की स्थिति में बिताए हैं। इस दौरान उनका स्वास्थ्य ठीक तरीके से जांचा जाएगा और वे विशेष रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम के तहत रहेंगे। इस प्रोग्राम में फ्लाइट सर्जन उनकी निरंतर निगरानी करेंगे और उन्हें कई तरह की चिकित्सकीय, शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षणों से गुजरना होगा। ये मूल्यांकन यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उनका शरीर और मन पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित रहे।

 

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