अमेरिका के ऊटा में स्थित हिंदुओं के प्रसिद्ध इस्कॉन राधा कृष्ण मंदिर पर बड़ा हमला किया गया है। यह मंदिर अपने रंग महोत्सव के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। बीते कुछ दिनों में, मंदिर की इमारत और आसपास की संपत्ति पर 20-30 गोलियां चलाई गईं हैं और यह घटनाएं रात के वक्त हुईं, जब मंदिर के भीतर भक्तों और मेहमानों की उपस्थिति थी। इससे इस हमले की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मुख्य हमले के बाद की स्थिति
मंदिर की सह-संस्थापक वैभवी देवी दासी ने इस हमले की जानकारी साझा करते हुए कहा कि हमले में मंदिर के हाथ से उकेरे गए मेहराब जैसे महत्वपूर्ण संरचनात्मक हिस्सों को भारी नुकसान हुआ है। मंदिर के कर्मचारियों ने 18 जून को एक तेज आवाज सुनी और देखा कि मंदिर के रेडियो स्टेशन की छत से धुआं निकल रहा था। हालांकि, वे इस घटना का कारण नहीं जान सके। इसके कुछ दिन बाद, एक खिड़की में गोली का छेद पाया गया, जिससे गोली मंदिर के मुख्य पूजा स्थल की दीवार में घुस गई। इस बीच, कुछ अन्य गोली के छेद भी मंदिर की इमारत में मिले और 20 खाली खोखे मंदिर की सुरक्षा बाड़ के ठीक बाहर से मिले हैं। फुटेज में मंदिर के बाहर एक ट्रक खड़ा नज़र आया है लेकिन फिलहाल किसी संदिग्ध को पकड़ा नहीं गया है।
हिंदू मंदिरों पर बढ़ते हमले: एक खतरनाक ट्रेंड?
मंदिर पर हुए इस हमले ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि क्या हिंदू मंदिर अब सुरक्षित नहीं रहे? क्या इस प्रकार की घटनाएं हमारे धार्मिक स्थलों पर एक नए खतरनाक ट्रेंड की शुरुआत हैं? कई वर्षों से हरे कृष्ण समुदाय का स्पैनिश फोर्क में अपने पड़ोसियों के साथ गहरा और सकारात्मक संबंध रहा है लेकिन अब यह घटना पूरी तरह से बदलती तस्वीर की ओर इशारा करती है। माउंट नेबो कम्युनिकेशन काउंसिल की सहायक निदेशक और लैटर-डे सेंट्स चर्च से जुड़ी मोनिका बामबरो ने कहा, “हमने हमारे दोस्तों पर हुए इस घृणित हमले की खबर सुनकर गहरा दुख महसूस किया। यह हिंसा पूरी तरह से निरर्थक और अस्वीकार्य है।”
मंदिर की सुरक्षा बढ़ाई गई
इस हमले के बाद, मंदिर प्रशासन ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और अमेरिका का यूटा काउंटी शेरिफ ऑफिस भी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है। सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्प्रिंगविले की सुरक्षा कंपनी GARD ने मंदिर को दो सप्ताह तक मुफ्त निगरानी ट्रक भेजने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही, हमलावर की गिरफ्तारी और सजा दिलवाने के लिए 1,000 डॉलर का इनाम भी घोषित किया गया है। मंदिर प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि यदि वे गोलीबारी की आवाज़ सुनें तो तुरंत इसकी सूचना दें।
घटना सिर्फ मंदिर पर एक हमला नहीं है बल्कि यह समाज में बढ़ती हुई नफरत और धार्मिक असहिष्णुता की ओर इशारा करती है। इस तरह के हमले केवल एक इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि पूरे समुदाय को आहत करते हैं। हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर बढ़ते हमलों से यह सवाल उठता है कि क्या हम एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज की ओर बढ़ रहे हैं या हम एक खतरनाक दिशा में जा रहे हैं?