पंजाब के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अपने ही पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में ना बोले देने जाने पर नाराजगी जतायी है। इसको लेकर मनीष तिवारी ने एक्स पर पोस्ट भी शेयर किया है। उनके इस पोस्ट की खूब चर्चा की जा रही है।
गीत ने राजनीतिक महकमें में मचाई हलचल
“है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं” कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 55 साल पुरानी फिल्म ‘पूरब और पश्चिम‘ के गाने की लाइन को एक्स पर एक क्रिप्टिक मैसेज के रूप में लिखा है। इस गीत की लाइनों ने पूरे राजनीतिक महकमे में हलचल मचा दी है। दरअसल, उन्होंने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर पार्टी द्वारा बोलने का मौका न मिलने पर नाराजगी जताई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मनीष ने खुद को और शशि थरूर को पार्टी द्वारा बोलने का मौका न दिए जाने पर गाने के जरिए अपनी नाराजगी जताई है।
सांसद ने पार्टी से मांगा था मौका
मनीष तिवारी की यह पोस्ट ऐसे समय में आई है, जब कुछ घंटों पहले ही यह पता चला कि लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस के दौरान कांग्रेस के वक्ताओं में उनको शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने अपने पोस्ट में मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है। कांग्रेस सूत्रों से पता चला कि सांसद शशि थरूर ने संसद में बोलने के लिए पार्टी से संपर्क ही नहीं किया, वहीं, मनीष तिवारी ने पार्टी से बोलने का मौका दिए जाने के लिए संपर्क किया था लेकिन पार्टी ने उनका नाम शामिल नहीं किया। कांग्रेस ने लोकसभा में जिन सांसदों को बोलने का मौका दिया है उनमें- राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, प्रणीति शिंदे, गौरव गोगोई, दीपेंद्र हुड्डा, सप्तगिरि उलाका और बिजेंद्र ओला का नाम है.
केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल में थे शामिल
आपको बता दें कि मनीष तिवारी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर कांग्रेस के दो दिग्गज सांसद थे, जिन्हें केंद्र सरकार ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को उजागर करने के लिए साझेदार देशों में भारत द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाकर विदेश भेजा था। अब इन्हीं दोनों नेताओं को संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बहस में वक्ताओं की सूची से बाहर रखा गया। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मनीष तिवारी ने पार्टी को बहस के दौरान बोलने का अनुरोध भेजा था।
शशि थरूर ने बोलने से किया इन्कार
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस चाहती थी कि थरूर इस ऑपरेशन पर सवाल उठाने के लिए बहस में शामिल हों। लेकिन, शर्त ये थी कि थरूर, कांग्रेस पार्टी लाइन का पालन करें, लेकिन थरूर ने साफ इन्कार कर दिया और संसद में बोलने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार का कदम सफल रहा।