अज़रबैजान में नया कानून: अब रिश्तेदारों के बीच शादी पर होगी जेल

1 जुलाई से लागू हुआ नया कानून, सिर्फ जुर्माना नहीं अब होगी सख्त सज़ा

अज़रबैजान में नया कानून: अब रिश्तेदारों के बीच शादी पर होगी जेल

1 जुलाई 2025 से अज़रबैजान में नजदीकी खून के रिश्तेदारों के बीच शादी करना अब कानूनन मना है। हालांकि, कुछ लोग इस नियम को अभी भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि वे शादी के बाद सिर्फ जुर्माना भरकर इस नियम से बच सकते हैं और मामला खत्म हो जाएगा। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नया कानून केवल आर्थिक दंड तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कड़ी आपराधिक और प्रशासनिक सज़ाएं भी जोड़ी गई हैं।

सरकार का कहना है कि इस क़ानून का मकसद सिर्फ रिश्तेदारों के बीच विवाह पर रोक लगाना नहीं, बल्कि समाज में स्वस्थ और सुरक्षित पारिवारिक ढांचे को बढ़ावा देना है। खासकर बच्चों के अधिकारों के लिए यह कदम बेहद जरूरी माना गया है।

 क्या सिर्फ जुर्माना भरकर बचा जा सकता है?

इस सवाल का जवाब देते हुए वकील असीम अब्बासोव ने Globalinfo.az से बातचीत में बताया कि अगर कोई इस तरह की शादी करता है तो उसके खिलाफ प्रशासनिक और आपराधिक, दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने कहा, “फैमिली कोड, क्रिमिनल कोड और एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफेंसेस कोड में ज़रूरी बदलाव किए गए हैं ताकि कम उम्र और खून के रिश्तों वाली शादियों को रोका जा सके। यह समाज के भविष्य और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी कदम है।” अब फैमिली कोड की धारा 12 के तहत, जैसे कि चाचा और भतीजी या मौसी और भांजे के बीच शादी पर सख्त प्रतिबंध है।

सज़ा क्या है?

अब अज़रबैजान में नजदीकी रिश्तेदारों के बीच शादी करने वालों के लिए सिर्फ जुर्माना भरना ही काफी नहीं होगा, बल्कि अब उन्हें जेल भी हो सकती है। क्रिमिनल कोड की धारा 176-1 और 176-2 के अनुसार, इस तरह की शादी करने या करवाने पर 2,000 से 4,000 मनात तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर 2 से 4 साल तक की जेल की सज़ा दी जा सकती है। इतना ही नहीं, अगर किसी महिला को जबरदस्ती शादी के लिए मजबूर किया जाता है, या कोई व्यक्ति ऐसी शादी का आयोजन करता है, तो यह भी एक गंभीर दंडनीय अपराध माना जाएगा और उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 नाबालिगों की शादी कराने वालों पर भी सख्त कार्रवाई

वकील ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई माता-पिता या अन्य व्यक्ति किसी नाबालिग की शादी कराने में शामिल होता है, तो उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब सगाई, रिश्ता तय करना, धार्मिक विवाह या शादी से जुड़ी कोई भी रस्में यदि किसी नाबालिग के साथ की जाती हैं, तो वे सभी गैरकानूनी मानी जाएंगी।

इस तरह की गतिविधियों के लिए आर्टिकल 189-1, 189-2 और 189-3 के तहत प्रशासनिक जुर्माना लगाया जा सकता है, और कुछ मामलों में तो हिरासत में लेने (डिटेंशन) की सज़ा भी दी जा सकती है। यह कानून अब पूरी तरह लागू है और 1 जुलाई 2025 से प्रभावी हो चुका है।

 सिर्फ जुर्माना देकर मामला खत्म नहीं होगा

अब कानून पहले से ज्यादा सख्त हो गया है। “सिर्फ पैसे देकर मामला सुलझ जाएगा”- ये सोच अब गलत है। जुलाई 2025 से लागू ये नया कानून समाज में स्वस्थ परिवार व्यवस्था और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी बदलाव माना जा रहा है।

 

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