नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के ओडिशा राज्य अध्यक्ष उदित प्रधान को रविवार देर रात पुलिस ने बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने एक 19 साल की इंजीनियरिंग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। यह मामला सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद भी बढ़ गया है और ओडिशा के शैक्षणिक संस्थानों में महिला सुरक्षा को लेकर चिंता गहराई है।
पीड़िता की ओर से दर्ज एफआईआर के अनुसार, यह घटना 18 मार्च 2025 को हुई। पीड़िता, जो एक फर्स्ट ईयर इंजीनियरिंग की छात्रा है, अपने एक क्लासमेट के साथ मास्टर कैंटीन स्क्वायर, भुवनेश्वर में उदित प्रधान से मिली थी। उदित प्रधान ने दोनों छात्रों को नयापल्ली इलाके के एक होटल में खाना खाने का निमंत्रण दिया। रिपोर्ट के अनुसार, होटल में पीड़िता को एक सॉफ्ट ड्रिंक दी गई, जिसमें नशा करने वाला पदार्थ मिलाया गया था। जिसे पीने के बाद पीड़िता बेहोशी जैसी हालत में पहुंच गई और घर लौटने की बात कही। बाद में जब वह होश में आई, तो उसे पता चला कि उसके साथ यौन शोषण हुआ है। पीड़िता का यह भी आरोप है कि उदित प्रधान ने उसे चुप रहने की धमकी दी।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
घटना के कुछ समय बाद, पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर मामला मानचेस्वर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने 20 जुलाई 2025 को भुवनेश्वर से उदित प्रधान को गिरफ्तार कर लिया और 21 जुलाई को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस इस मामले में फॉरेंसिक सबूत जुटा रही है और होटल के रिकॉर्ड व सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
NSUI और कांग्रेस पर दबाव- उदित प्रधान NSUI में एक प्रभावशाली पद पर थे, इसलिए उनकी गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने कांग्रेस पार्टी से मांग की है कि वह उदित प्रधान को तत्काल निलंबित करे और इस घटना की निंदा करे। अब तक NSUI या कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
महिला सुरक्षा पर फोकस- इस घटना से पहले भी ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। जून में बालासोर की एक छात्रा ने जब उसकी यौन उत्पीड़न की शिकायत को नजरअंदाज किया गया, तो उसने आत्महत्या कर ली थी। इन घटनाओं ने POSH एक्ट (कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम कानून) के तहत Internal Complaints Committees (ICCs) की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कानूनी कार्रवाई
- उदित प्रधान पर IPC की बलात्कार और धमकी से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- पीड़िता की मेडिकल जांच हो चुकी है और उसका बयान CrPC की धारा 164 के तहत रिकॉर्ड किया गया है।
- पुलिस कस्टडी के लिए अदालत में अर्जी दी जा सकती है।
सामाजिक और संस्थागत प्रतिक्रिया
महिला अधिकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है। साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों में संरचनात्मक सुधार की भी मांग उठी है। राज्य भर में विभिन्न छात्र संगठनों ने प्रदर्शन की योजना बनाई है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि जो भी लोग इस मामले को दबाने में शामिल थे, उन पर कार्रवाई हो। उदित प्रधान NSUI के ओडिशा राज्य अध्यक्ष के तौर पर एक साल से अधिक समय से काम कर रहे थे और राज्य की छात्र राजनीति में एक सक्रिय चेहरा माने जाते थे। अब उनकी गिरफ्तारी ने NSUI की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
यह मामला न केवल एक गंभीर अपराध की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ओडिशा के शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब तत्काल और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। अब जनता, राजनीतिक दल और शिक्षा संस्थान पुलिस की जांच और न्याय प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए हैं।