मुख्य रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी है, और भारतीय सैन्य बलों को हर समय सर्वोच्च स्तर की परिचालनिक तत्परता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने यह बात Centre for Air Power Studies द्वारा आयोजित एक सेमिनार में कही। जनरल चौहान ने कहा, “युद्ध में कोई रनर-अप नहीं होता। हमारी तैयारियाँ हर समय 24×7, 365 दिन उच्चतम स्तर पर होनी चाहिए।”
7 मई को शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर, पाक और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले
भारत ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीधा सैन्य जवाब था। इसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-निर्धारित कश्मीर (PoK) में स्थित आतंक और सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।
7 मई से 10 मई की शाम तक, जब तक सीज़फायर नहीं हुआ, भारतीय बलों ने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 100 आतंकवादियों को ढेर किया गया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 13 वायु और सैन्य ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर, भारत की विकसित हो रही आतंकवाद-रोधी नीति का हिस्सा है।
‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और ‘बालाकोट’ का अगला चरण है ऑपरेशन सिंदूर: रक्षा मंत्री
जून 2025 में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक्स और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक्स की प्राकृतिक अगली कड़ी है।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन ऐसे ढंग से अंजाम दिया गया, जिससे पाकिस्तान को सीज़फायर की मांग करनी पड़ी, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति को दर्शाता है।
भविष्य की लड़ाइयों में ‘स्कॉलर वॉरियर्स’ की भूमिका होगी अहम: CDS चौहान
अपने संबोधन में जनरल चौहान ने कहा कि सूचना, तकनीक और ‘स्कॉलर वॉरियर्स’ (विद्वान योद्धा) भविष्य की सैन्य रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने ‘स्कॉलर वॉरियर’ को परिभाषित करते हुए कहा: “ऐसे सैन्य पेशेवर जो गहरी बौद्धिक समझ और युद्ध कौशल दोनों रखते हैं। जिनके पास अकादमिक ज्ञान और व्यवहारिक सैन्य अनुभव हो, ताकि वे जटिल स्थितियों का विश्लेषण कर सकें और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रभावी समाधान दे सकें।”
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि निर्णय लेने वालों को अब बहु-आयामी क्षेत्रों में दक्ष होना होगा, ताकि वे रणनीतिक उद्देश्यों को व्यावहारिक कार्यों से जोड़ सकें। उन्होंने ज़ोर दिया कि बौद्धिक स्पष्टता और गहरी रणनीतिक समझ ही भविष्य के संघर्षों में अनुकूल परिणाम सुनिश्चित करेगी।
पाकिस्तान के ड्रोन और लूटर म्यूनिशन नाकाम, भारत ने नॉन-काइनेटिक तरीके से जवाब दिया
जनरल चौहान ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान ने बिना हथियार वाले ड्रोन और ‘लूटर म्यूनिशन’ का उपयोग किया, लेकिन वे कोई क्षति नहीं पहुँचा सके। उन्होंने कहा कि इन अधिकतर खतरों को नष्ट कर दिया गया, जिनका मुकाबला भारत ने काइनेटिक (बल-आधारित) और नॉन-काइनेटिक (तकनीकी/इलेक्ट्रॉनिक) उपायों से किया।
देशी तकनीक और आत्मनिर्भरता पर ज़ोर
जनरल चौहान पहले भी कह चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत को अपने भूगोल और ज़रूरतों के अनुसार बने देशी ड्रोन और एंटी-यूएएस तकनीक पर निर्भर रहना होगा। उन्होंने बताया- “विदेशी तकनीक पर निर्भरता हमारी तैयारी को कमजोर करती है, उत्पादन को सीमित करती है, और आवश्यक स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता में कमी लाती है।”
ऑपरेशन सिंदूर भारत की तेज़, निर्णायक और रणनीतिक सैन्य कार्रवाई का उदाहरण है, जो भारत की नई रक्षा नीति, तकनीकी आत्मनिर्भरता और आतंकवाद के विरुद्ध कठोर रुख को दर्शाता है।