अखिलेश यादव के गृह प्रवेश में जाने से काशी के पंडितों ने किया इनकार, जानें क्या है मामला?

स्थानीय पंडितों ने कराई पूजा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में अपनी सियासी जमीन और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। इसी कड़ी में उन्होंने आजमगढ़ के अनवरगंज क्षेत्र में नया घर बनवाया, जिसका गृह प्रवेश समारोह सम्पन्न हुआ है। मगर इस पूरे कार्यक्रम के दौरान एक चीज़ ने सबका ध्यान खींचा और वह थी काशी के पंडितों की अनुपस्थिति।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखिलेश यादव की इच्छा थी कि गृह प्रवेश की पूजा वैदिक विधि-विधान के साथ काशी के प्रसिद्ध ब्राह्मणों द्वारा कराई जाए। बताया जा रहा है कि इसके लिए विशेष तौर पर आमंत्रण भी भेजा गया था। लेकिन जब पूजा का समय आया, तो काशी के किसी भी पंडित ने कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा हुआ कि आखिर क्या वजह रही जो काशी के पंडितों ने एक पूर्व मुख्यमंत्री के बुलावे को नज़रअंदाज़ कर दिया।

न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दूरी के पीछे इटावा कथावाचक कांड से उपजा असंतोष है। कुछ समय पहले इटावा में ब्राह्मण समाज से जुड़ी एक अप्रिय घटना हुई थी, जिसने काशी के धर्माचार्यों को नाराज़ कर दिया था। माना जा रहा है कि उस मुद्दे पर अखिलेश यादव द्वारा गैर-ब्राह्मण कथावाचक को अपने आवास पर  बुलाकर उनका सम्मान किया था और कई तरह के आरोप लगने के बाद भी उनके साथ खड़े रहे थे। माना जा रहा है कि इस घटना ने ब्राह्मण समाज में असंतोष को और गहरा कर दिया। यही कारण था कि काशी के पंडितों ने अखिलेश के घर की पूजा में भाग लेने से परहेज़ किया।

हालांकि, पूजा-पाठ का कार्यक्रम बिना किसी विघ्न के पूरा हुआ। काशी के पंडितों की गैरमौजूदगी के बाद स्थानीय ब्राह्मणों ने जिम्मेदारी संभाली। सगड़ी क्षेत्र के चंदन मेहराज ने गृह प्रवेश की मुख्य पूजा कराई, जबकि अतरौलिया के स्याम धर चौबे ने भूमि पूजन संपन्न कराया। पूरे कार्यक्रम में पारंपरिक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा विधि पूरी की गई, जिसमें अखिलेश यादव के परिवारजन भी मौजूद रहे। यह पूरा घटनाक्रम सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि पूर्वांचल की राजनीतिक-सामाजिक नब्ज को भी टटोलने वाला संकेत है। काशी के पंडितों की दूरी और इटावा कांड की परछाईं आने वाले चुनावी समीकरणों में ब्राह्मण मतदाता वर्ग की भूमिका को अहम बना सकते हैं

अखिलेश यादव का नया घर

दरअसल, अखिलेश यादव ने आज़मगढ़ के अनवरगंज क्षेत्र में 72 बिस्वा भूमि पर एक नया आवास तैयार कराया है, जो न सिर्फ उनका निजी निवास होगा बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए एक सक्रिय कार्यालय भी। इस भवन को उन्होंने पीडीए भवन नाम दिया है। गृह प्रवेश के दिन अखिलेश यादव खुद अकेले पहुंचे और वैदिक विधि से पूजा संपन्न कराई।

इस नए आवासीय परिसर में आधुनिक सुविधाओं के साथ राजनीतिक गतिविधियों की पूरी व्यवस्था भी की गई है। यहां अखिलेश यादव के लिए एक व्यक्तिगत कार्यालय कक्ष, तीन निजी कमरे, उनके सचिव के लिए अलग ऑफिस और समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं के लिए एक विशाल सभा हॉल बनाया गया है। यह भवन जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित है और पूर्वांचल में पार्टी की पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

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