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भारत की पूर्व अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी 25 वर्षीय राधिका यादव की सनसनीखेज हत्या के मामले में हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि राधिका की अपने पिता दीपक यादव (49) से चल रही मामूली बहस केवल 15 दिनों में हिंसा और हत्या तक पहुंच गई थी। घटना गुरुग्राम के सेक्टर-57 की है, जहां राधिका कथित तौर पर एक टेनिस अकादमी चला रही थीं। इसी अकादमी को लेकर पिता-पुत्री में विवाद शुरू हुआ था। पुलिस के अनुसार, दीपक यादव लगातार राधिका से अकादमी बंद करने की मांग कर रहे थे और इसके लिए आर्थिक नुकसान तक उठाने को तैयार थे लेकिन राधिका ने इससे इनकार कर दिया था।
‘बेटी की कमाई खाता है’- अपनों की बातें बनीं जहर
दीपक ने पुलिस को बताया कि जब वह वज़ीराबाद में दूध लेने गए, तो कुछ परिचितों ने उनके ऊपर ताने कसे कि वह बेटी की कमाई पर जीते हैं और राधिका के ‘चरित्र’ पर भी टिप्पणी की। इन बातों से आहत होकर वह मानसिक रूप से टूट गए। हत्या से तीन दिन पहले पिता-पुत्री के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें दीपक ने कथित तौर पर बेटी को गोली मारने या खुद को खत्म करने की धमकी दी थी।
गुरुवार सुबह जब राधिका रसोई में खाना बना रही थीं, दीपक ने पीछे से उन पर चार गोलियां दाग दीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि सभी गोलियां पीठ से मारी गई थीं और फेफड़ों व दिल को नुकसान पहुंचाते हुए राधिका की मौके पर ही मौत हो गई।
जिसपर था गर्व उसी का दीपक यादव ने किया कत्ल
दीपक ने राधिका के करियर पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए थे और हर टूर्नामेंट में उसके साथ रहते थे। SHO विनोद कुमार के मुताबिक, दीपक का स्वभाव झगड़ालू और संदेह से भरा था। उनकी मानसिक स्थिति भी स्थिर नहीं लग रही थी। 15 दिन पहले मनसर के कसन गांव में रिश्तेदारों से मिलकर लौटने के बाद उनके बर्ताव और खराब हो गया था। राधिका की मां मंजू ने पुलिस को बताया कि दीपक की पहले से ही शक करने की प्रवृत्ति थी। शादी के शुरुआती सालों में भी उन्होंने मंजू के एक पुरुष रिश्तेदार से बात करने पर आपत्ति जताई थी।
परिवार के लोगों को भी नहीं हो रहा भरोसा
राधिका का परिवार के लोग भी दीपक द्वारा उसकी हत्या किए जाने से हैरान हैं। दीपक के चचरे भाई चचेरे भाई राजकुमार ने कहा, “दीपक ने अपनी बेटी राधिका पर सब कुछ लुटा दिया था, ऐसा कभी सोच भी नहीं सकते कि वो उसकी जान ले लेगा।” उस वक्त राधिका का भाई धीरज ऑफिस में था और उसकी मां अपने कमरे में आराम कर रही थीं। नीचे फ्लोर पर रहने वाले दीपक के भाई कुलदीप ने अचानक गोली की आवाज़ सुनी। जब वो वहां पहुंचा तो देखा कि राधिका बेहोश पड़ी है और पास में ही दीपक की रिवॉल्वर रखी हुई थी। पुलिस ने मौके से पांच खाली कारतूस और एक जिंदा गोली भी बरामद की। राधिका को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिर शुक्रवार शाम को उसका अंतिम संस्कार किया गया।
अब दीपक को कोर्ट में पेश किया गया और एक दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। असल में ये घटना सिर्फ एक होनहार खिलाड़ी की दुखद मौत नहीं है, बल्कि ये उस मानसिकता की भी कहानी है जहां अपने ही शक और बातों ने प्यार को अपराध में बदल दिया। समझ रहा है न? कैसे कभी-कभी परिवार के अंदर जो रिश्ते होते हैं, वो दर्दनाक मोड़ भी ले लेते हैं।