मुंबई के मानखुर्द इलाके से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिससे एक बड़ा सवाल पैदा हो गया है, कि क्या अब जानवरों को भी हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। मानखुर्द में सोहेल खान ने अपने पिटबुल कुत्ते को एक मासूम 11 वर्षीय बच्चे पर छोड़ दिया, जिससे बच्चे को ठोड़ी पर चोट आई और बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मामले में कुत्ते के मालिक सोहेल हसन खान (43) को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना दर्शाती है कि अब जानवरों को एक खतरनाक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे आम लोग, खासकर बच्चे, असुरक्षित हो गए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि कुत्ते के हमले के दौरान आरोपी खान हंस रहा है, जबकि आस-पास खड़े लोग भी इस खौफनाक घटना का मज़ा लेते नजर आ रहे हैं। कुछ लोग कुत्ते को बच्चे से दूर रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन खान जानबूझकर कुत्ते को बच्चे के पास जाने देता है।
बच्चे की मदद की बजाय बनाया वीडियो
हमला इतना अचानक और भयंकर था कि बच्चे हमजा को बचने का मौका भी नहीं मिला। वह ऑटोरिक्शा से कूदकर भागने लगा, लेकिन पिटबुल ने उसका पीछा किया और कई जगह काट लिया। इस दौरान आसपास मौजूद लोग मदद करने की बजाय वीडियो बनाते रहे, जिससे साफ होता है कि जिस तरह अब जानवरों को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है उसके खिलाफ सख्त कानून और सख्त सजाओं की जरूरत है।
पुलिस ने कार्यवाई की लेकिन कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए
इस घटना के बाद सोहेल हसन खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और वह गिरफ्तार भी हुआ, लेकिन नोटिस जारी करने के बाद रिहा भी कर दिया गया। ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, इसलिए जानवरों को हथियार की तरह इस्तेमाल करने वालों पर कड़ी धाराएं लगानी और कड़ी सजा देना आवश्यक है ताकि भविष्य में कोई और मासूम इससे घायल न हो।
यह घटना हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है कि जब पालतू जानवरों को हिंसा के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है, तो यह न केवल निर्दोष लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बनता है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है। ऐसे मामलों में सख्त कानून और प्रभावी कार्यवाही बेहद जरूरी है।
पिटबुल क्यों होते हैं ख़तरनाक? क्यों कई देशों ने लगाया प्रतिबंध?
पिटबुल कुत्ते शारीरिक रूप से बेहद मजबूत, फुर्तीले और आक्रामक प्रवृत्ति के माने जाते हैं। इन्हें पहले लड़ाई के लिए पाला जाता था, जिससे इनकी प्राकृतिक प्रवृत्ति आक्रामक बनी रही। ये जब हमला करते हैं, तो सामने वाले को गंभीर शारीरिक चोट पहुंचा सकते हैं और खासकर जब इन्हें सही ट्रेनिंग या नियंत्रण में न रखा जाए।
इनकी जबड़े की पकड़ बेहद ताक़तवर होती है और एक बार काट लेने पर ये जल्दी नहीं छोड़ते। यही कारण है कि कई देशों ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनज़र पिटबुल पर प्रतिबंध भी लगाया है। इनमें इंग्लैंड, फ्रांस, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड, इज़राइल और मलेशिया जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा बेल्जियम, जापान, जर्मनी, चीन और ब्राज़ील के कुछ हिस्सों में भी पिटबुल पर पाबंदियां लागू हैं। इन देशों में पिटबुल को पालने, बेचने, उनका व्यवसाय करने और प्रजनन (ब्रीडिंग) पर सख्त रोक या नियंत्रण लगाए गए हैं।