पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

"पटना के गांधी मैदान में 6 जुलाई को आयोजित होगा विराट सनातन महाकुंभ, लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना"

पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 6 जुलाई को विशाल सनातन महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी शामिल होंगे। लेकिन विशेष बात यह है कि उनके लिए अलग से कोई दरबार नहीं लगेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री व श्रीराम कर्मभूमि न्यास के संस्थापक अश्विनी कुमार चौबे ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। वह महज “हनुमत संवाद” कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, जिसमें तकरीबन दो घंटे तक श्रद्धालुओं के साथ आध्यात्मिक चर्चा करेंगे। प्रशासन से उनकी उपस्थिति के लिए सभी आवश्यक अनुमतियाँ ली जा चुकी हैं।

राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक एकता का संदेश

यह महाकुंभ भगवान परशुराम जन्मोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। मुख्य उद्देश्य है, सनातन संस्कृति का पुनरुत्थान, सामाजिक समरसता की प्रोत्साहना और राष्ट्रीय एकता को मजबूती देना। बिहार के राज्यपाल डॉ. आरिफ मोहम्मद खान कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ के महंत के रूप में उपस्थित रहेंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई राज्यों के उपमुख्यमंत्री व राज्यपाल भी मौजूद रहेंगे।

इस आयोजन की अध्यक्षता जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य करेंगे। उन्होंने इसे मानवता के लिए पवित्र अवसर बताते हुए कहा कि यह आयोजन आध्यात्मिक शक्ति व सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। रथ यात्रा एवं गांव-गांव आमंत्रण के माध्यम से श्रद्धालुओं को शामिल किया जा रहा है।

108 फरसों का विशेष प्रयोग

सुबह 7 बजे शुरू हो रहे यज्ञ में 108 परशु (फरसे) विभिन्न गांवों से लाए जाएंगे और एक विशाल परशु गांधी मैदान में स्थापित किया जाएगा, जो भगवान परशुराम का प्रतीक होगा। फिर सुबह 9:30 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा एवं परशुराम चालीसा का पाठ किया जाएगा, जिसका उद्देश्य विश्व शांति तथा भारत को वैश्विक गुरु बनाना है।

कार्यक्रम में वेद, पुराण, उपनिषद और रामायण पर आधारित ज्ञान गोष्ठियां आयोजित की जाएँगी। भक्तों को प्रसाद के साथ रुद्राक्ष या तुलसी की माला भी मिलेंगी। दिव्यांगजन, वृद्धजन और महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन प्राथमिकता आधार पर 10,000 विशेष पास जारी किए गए हैं, जो पटना के प्रतिष्ठित संस्थानों से उपलब्ध होंगे।

राष्ट्र जागरण के माध्यम से सामाजिक-सांस्कृतिक महायज्ञ

अश्विनी चौबे ने स्पष्ट किया कि यह महाकुंभ “राष्ट्र जागरण का सामाजिक-सांस्कृतिक महायज्ञ” है, जहाँ युवाओं, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस अवसर पर “परशुराम की प्रतीक्षा” का अर्थ व्यक्ति नहीं, बल्कि जाग्रत चेतना है, एक ऐसी चेतना जो अन्याय के विरुद्ध खड़ी होती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस महायज्ञ में भाग लेने आएंगे। रथ यात्रा द्वारा गांवों में पहुँच बनाई गई है। प्रशासन ने सुरक्षा तथा अन्य सभी व्यवस्थाएँ पूर्ण रूप से सुनिश्चित कर ली हैं। इस महाकुंभ को भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान में मील का पत्थर बताया जा रहा है।

 

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