80 छात्राओं ने डॉ. अशरफ पर लगाए गंदा व्यवहार करने के आरोप, कहा- यहां नहीं कर सकते काम

डॉ. अशरफ पर अभद्र भाषा, मानसिक उत्पीड़न और गलत टिप्पणियों के आरोप

संजय गांधी अस्पताल में हंगामा: 80 नर्सिंग छात्राओं ने डॉ. अशरफ के खिलाफ उठाई आवाज़

रीवा के संजय गांधी अस्पताल में नर्सिंग कॉलेज की 80 छात्राओं ने ENT विभाग में कार्यरत डॉ. अशरफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि डॉ. अशरफ उनके साथ अशोभनीय भाषा का उपयोग करते हैं और अपमानजनक टिप्पणियाँ करते हुए क्लीनिकल प्रैक्टिस के दौरान मानसिक रूप से प्रताड़ित भी करते हैं। इसके चलते छात्राओं ने उनके साथ कार्य करने से इंकार कर दिया है।

नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने प्राचार्य को एक लिखित शिकायत सौंपकर डॉ. अशरफ के व्यवहार पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ENT विभाग में डॉक्टर बार-बार उन्हें मानसिक रूप से परेशान करते हैं और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इस शिकायत के बाद कॉलेज प्रबंधन ने डॉ. अशरफ की ड्यूटी ENT विभाग से हटा दी है।

पहले भी हो चुकी है गंभीर घटना

इससे पहले भी इसी ENT विभाग में एक नाबालिग के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। पीड़िता ने वॉर्ड बॉय पर गैंगरेप का आरोप लगाया था, जिसकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। अब नर्सिंग छात्राओं की शिकायत ने विभाग को एक बार फिर विवादों में ला दिया है।

प्राचार्य ने डीन को लिखा पत्र

छात्राओं की शिकायत के आधार पर नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रवीण पटेल ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। डीन ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। जांच टीम का नेतृत्व नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. शशि जैन करेंगी। इस टीम में डॉ. नीरा मराठे (पीएसएम), रीना पटेल (स्टाफ नर्स), और कमलेश सचदेवा (खुशी फाउंडेशन) को शामिल किया गया है।

छात्राओं की सुरक्षा को दी जा रही प्राथमिकता

प्राचार्य प्रवीण पटेल ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक शांति सर्वोपरि है। इसी कारण डॉ. अशरफ को ENT विभाग से हटा दिया गया है, जिससे छात्राएं बिना किसी दबाव के पढ़ाई और ट्रेनिंग जारी रख सकें।

यह मामला अस्पताल में छात्राओं और कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा करता है। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर हैं, जिससे तय होगा कि आरोपी डॉक्टर पर क्या कार्रवाई की जाएगी और क्या भविष्य में ऐसे मामलों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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