यूपी के बरेली से हिंदू पुरुषों के साथ दिखने वाली लड़कियों को परेशान करने वाले हैदरी गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है। बरेली पुलिस ने कथित कट्टरपंथी गिरोह के मामले में जांच तेज कर दी है। मामले में एक मस्जिद के इमाम की भूमिका सामने आने के बाद पुलिस अब उसकी तलाश कर रही है। पुलिस के अनुसार, हैदरी गैंग के कुछ गिरफ्तार सदस्यों से पूछताछ और उनके मोबाइल की जांच में यह बात सामने आई कि एक इमाम ने सोशल मीडिया पर क्यूआर कोड शेयर कर इस समूह के लिए चंदा मांगा था।
छह आरोपी गिरफ्तार
बरेली पुलिस ने मामले की जांच के दौरान मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 22 वर्षीय रियाजुद्दीन भी शामिल है। जानकारी के अनुसार पर भी एक मस्जिद में इमाम है। अन्य गिरफ्तार आरोपियों में सहेबाज उर्फ सुफियान, समीर रजा, जैश, शानू और नबी हसन शामिल हैं। सभी की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच हैं। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह सार्वजनिक स्थलों पर उन लड़कियों से जाकर सवाल करता था, जिन्हें वे हिन्दू पुरुषों के साथ देखता था।
सोशल मीडिया पर शेयर करते थे वीडियो
पुलिस का कहना है कि आरोपी युवक वीडियो बनाकर आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ सोशल मीडिया पर साझा करते थे। यह मामला तब सामने आया जब 8 जून को ऐसा एक वीडियो वायरल हुआ। जांच में पता चला कि वीडियो ‘हैदरी दल बरेली’ नामक इंस्टाग्राम अकाउंट से अपलोड किए गए थे। अब तक गिरोह की ओर से लगभग 1 लाख रुपये चंदे के रूप में एकत्र करने की बात सामने आई है। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने जब ‘हैदरी दल बरेली’ की निगरानी शुरू की तो नबी ने ‘हैदरी दल 25’ नाम से एक नया इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया था। वह इस एकाउंट पर कंटेंट अपलोड करना जारी रखने की कोशिश में था। पुलिस ने मामले में दो बैंक खातों को फ्रीज किया गया है। पुलिस दानकर्ताओं की पहचान कर रही है। सर्किल ऑफिसर आशुतोष शिवम ने बताया कि इमाम की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले की तस्वीर और स्पष्ट होगी। उन्होंने कहा कि फरार इमाम ने व्हाट्सएप ग्रुप में क्यूआर कोड भेजा था। उसने 200 रुपये या उससे अधिक की राशि दान करने की अपील की थी।
दूसरे राज्यों में भी सक्रिय है ग्रुप
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह गिरोह स्वतंत्र रूप से संचालित और छोटा समूह लगता है। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘हैदरी दल’ नाम से जुड़े 50 से अधिक सोशल मीडिया ग्रुप्स अन्य जिलों और राज्यों में भी सक्रिय हैं। शाहजहांपुर के एक मदरसे में पढ़ाई करने वाले नबी हसन के मोबाइल से पुलिस को एक नाबालिग बालक से यौन उत्पीड़न के कई वीडियो भी मिले हैं। उसके खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, नबी हसन ने ‘हैदरी दल 25’ नाम से नया इंस्टाग्राम अकाउंट बनाकर मॉनिटरिंग से बचने की कोशिश की थी, लेकिन अब उस पर भी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने सोशल मीडिया से सभी आपत्तिजनक वीडियो हटवाए हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कानूनी प्रक्रिया तेज कर दी है।
इमाम की तलाश कर रही पुलिस
इस मामले में बरेली पुलिस अब इमाम की तलाश कर रही है। पुलिस को शक है कि उसने एक ऐसे ग्रुप की मदद के लिए दान मांगा था, जो दूसरे धर्म के पुरुषों के साथ देखी गई महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाता था और उन्हें परेशान करता था। आरोप है कि समूह के सदस्य सार्वजनिक स्थानों पर दूसरे समुदाय के युवकों के साथ दिखने पर लड़कियों और महिलाओं के पास जाते थे। वे उन्हें असहज महसूस कराने के लिए उनसे भिड़ जाते थे। उनके चरित्र पर टिप्पणी करते हुए उनकी वीडियो रिकॉर्ड करते थे। यह भी पता चला है कि ये लोग आपत्तिजनक भाषा से भरे इन वीडियो को बाद में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते थे। पुलिस के अनुसार तीन सप्ताह पहले पुलिस के सामने ग्रुप का एक वीडियो आया। वायरल वीडियो में एक लड़की को ग्रुप के युवक परेशान करते दिखे थे। जांच में पाया गया कि वीडियो इंस्टाग्राम पर ‘हैदरी दल बरेली’ नामक अकाउंट से शेयर किए गए थे।
छेड़छाड़ का वीडियो वायरल
पुलिस के अनुसार, आठ जून को एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और अज्ञात लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने सोशल मीडिया से वीडियो डिलीट करवाया। गिरफ्तार आरोपियों में से एक जैश यूनानी मेडिसिन का छात्र है। वहीं, शानू इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। पुलिस ने बताया कि सहबाज, समीर और रियाजुद्दीन ने वीडियो रिकॉर्ड किए। जैश और शानू ने आपत्तिजनक भाषा के साथ उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड किया। शाहजहांपुर के एक मदरसे में पढ़ने वाले नबी हसन ने वीडियो शेयर किए।