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विश्व प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी ए. राजशेखर बाबू को निलंबित कर दिया है। बाबू TTD में बतौर सहायक कार्यकारी अधिकारी (AEO) काम कर रहे थे और यह कदम उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद उठाया गया है, जिनमें कहा गया है कि वे ईसाई धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे थे। टीटीडी के अधिकारियों के अनुसार, बाबू नियमित रूप से अपने गृह नगर पुट्टूर (तिरुपति ज़िला) में रविवार के दिन चर्च की प्रार्थनाओं में शामिल होते थे, जो धार्मिक ट्रस्ट की सेवा आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। TTD की सतर्कता शाखा द्वारा सौंपी गई एक विस्तृत रिपोर्ट और वीडियो फुटेज के आधार पर यह कार्रवाई की गई। इस वीडियो में बाबू को चर्च में रविवार की प्रार्थना में भाग लेते हुए देखा गया, और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद टीटीडी प्रशासन ने तत्काल आंतरिक जांच शुरू की।
आचार संहिता का उल्लंघन माना गया
टीटीडी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, ‘TTD के संज्ञान में यह बात आई है कि श्री राजशेखर बाबू हर रविवार पुट्टूर में स्थानीय चर्च प्रार्थना में भाग लेते हैं। यह TTD सेवा नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।’ टीटीडी एक धार्मिक संस्था है जो विशेष रूप से हिन्दू परंपराओं और सनातन धर्म की रक्षा और पालन के लिए कार्य करती है। ऐसे में ट्रस्ट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों, विशेषकर वरिष्ठ पदों पर कार्यरत लोगों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे केवल हिन्दू धार्मिक मूल्यों का पालन करें और व्यक्तिगत जीवन में भी उसी अनुरूप आचरण करें। अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ चर्च में उपस्थिति ही नहीं बल्कि बाबू ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार में भी भाग ले रहे थे। यह आचरण टीटीडी के लिए अस्वीकार्य है, क्योंकि कर्मचारी मंदिर और सनातन धर्म के प्रतिनिधि माने जाते हैं।
पिछले कुछ महीनों में कई स्थानांतरण
यह मामला कोई अलग घटना नहीं है। बीते कुछ महीनों में TTD ने कम से कम 18 कर्मचारियों का स्थानांतरण किया है, जिनमें शिक्षक, चिकित्सा कर्मी और तकनीकी अधिकारी शामिल हैं। इन सभी पर हिन्दू धर्म के विपरीत गतिविधियों में लिप्त होने या अन्य धर्मों के प्रचार में भाग लेने के आरोप लगे थे। यह सभी कदम एक व्यापक नीति परिवर्तन का हिस्सा माने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य टीटीडी के भीतर धार्मिक अनुशासन को और मजबूत करना है।
धार्मिक स्वतंत्रता बनाम संस्था की नीतियाँ
हालांकि कुछ आलोचक इसे धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों का हनन बता रहे हैं, लेकिन टीटीडी का पक्ष साफ है। ट्रस्ट का कहना है कि ऐसी संस्था में काम करने का अर्थ है कि कर्मचारी को संस्था की धार्मिक आस्थाओं और मूल्यों के प्रति समर्पण रखना होगा। राजशेखर बाबू के मामले में फिलहाल आंतरिक जांच चल रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
तिरुमला का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व
तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश के शेषाचलम पर्वतों में स्थित है और हिन्दू धर्म में इसे अत्यंत पवित्र तीर्थ माना जाता है। भगवान वेंकटेश्वर, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, को समर्पित यह मंदिर ‘कलियुग का वैकुंठ’ कहा जाता है। हर साल करोड़ों श्रद्धालु भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से यहां दर्शन करने आते हैं। माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने से आत्मिक शांति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंदिर की प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद, भव्य ब्रह्मोत्सव जैसे पर्व, और उसकी दिव्य भक्ति भावना इसे विशिष्ट बनाते हैं।
टीटीडी की आस्था और अनुशासन की नीति
तिरुमला की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए टीटीडी अपने कर्मचारियों से अपेक्षा करता है कि वे अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जीवनशैली में हिन्दू धर्म की मर्यादाओं का पालन करें। ट्रस्ट का मानना है कि ऐसे पवित्र स्थान पर सेवा देने वाले हर व्यक्ति को मंदिर की आध्यात्मिक गरिमा बनाए रखने की ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए। TTD का यह कड़ा कदम यही संदेश देता है कि धर्मस्थल से जुड़ी संस्थाओं में कार्य करने वालों के लिए धार्मिक अनुशासन और निष्ठा सर्वोपरि है।