दुनिया में जहां एक ओर युद्ध की संभावनाएं लगातार मंडरा रही हैं, कई देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और ज़मीनी स्तर पर तमाम चुनौतियां खड़ी हैं, वहीं दूसरी ओर भारत इन सबके बीच भी मजबूती से आगे बढ़ रही एक स्थिर और सशक्त अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। आज के भारत में युवाओं के सामने चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन उससे कहीं ज्यादा मौके भी हैं। इस बारे में TFI ने विदेशी निवेश सलाहकार और वैश्विक व्यापार विशेषज्ञ मनु सेठ से विस्तार से बातचीत की। मनु सेठ का कहना है कि भारत इस वक्त तेजी से बदल रहा है और ये बदलाव युवाओं के लिए कई नए रास्ते खोल रहा है।
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मनु सेठ ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कई ऐसी स्कीम्स लॉन्च की हैं या कदम उठाए हैं जिनका लोगों, खासकर युवाओं की मन-स्थिति पर सकारात्मक असर पड़ा है। उनका मानना है कि बदलते भारत में युवाओं के पास आत्मनिर्भर बनने, एंटरप्रेन्योर बनने, स्किल डेवलप करने और ग्लोबल स्तर पर पहचान बनाने के ढेरों मौके हैं। आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, मेड इन इंडिया जैसी योजनाओं ने युवाओं को एंटरप्रेन्योरशिप की तरफ मोड़ा है। पहले सिर्फ सरकारी नौकरी का सपना देखा जाता था, अब हर युवा खुद कुछ बनना चाहता है। स्टार्टअप कल्चर, MSME, स्किल डेवेलपमेंट और लोकल टू ग्लोबल अप्रोच ने युवाओं को एक नया आत्मविश्वास दिया है।
FDI बना रहा युवाओं के लिए नए मौके
भारत में आज का माहौल सिर्फ विकास की ओर नहीं, बल्कि युवाओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। विदेशी निवेश (FDI) अब सिर्फ एक आर्थिक शब्द नहीं रह गया, बल्कि यह देश के युवाओं के लिए रोज़गार, स्किल, टेक्नोलॉजी और एंटरप्रेन्योरशिप के नए दरवाज़े खोलने वाला माध्यम बन गया है।
विशेषज्ञ मनु सेठ के अनुसार, आज कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां एफडीआई की भूमिका सिर्फ पूंजी तक सीमित नहीं है, बल्कि वह सिस्टम में टेक्नोलॉजी, स्किल और इंटरनेशनल नेटवर्क भी ला रही है। युवाओं के लिए यह एक शानदार मौका है कि वे इन उभरते क्षेत्रों में खुद को स्थापित करें।
FDI के ज़रिए युवाओं के लिए उभरते क्षेत्र:
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर – ‘मेक इन इंडिया’ और उत्पादन आधारित योजनाएं इस सेक्टर को तेजी से बढ़ा रही हैं। युवाओं के लिए तकनीकी विशेषज्ञता, संचालन और प्रबंधन में अवसर बढ़े हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी – भारत का फोकस अब हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) पर है। युवाओं के लिए सोलर, विंड और हाइड्रो एनर्जी के क्षेत्र में रिसर्च, मैनेजमेंट और नई तकनीक सीखने का बड़ा स्कोप है।
फार्मा और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर – कोविड के बाद मेडिकल सेक्टर में भारी एफडीआई आया है। युवाओं के लिए रिसर्च, मेडिकल सप्लाई चेन, हेल्थटेक स्टार्टअप्स और टेक्निकल स्किल्स में अपार मौके हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी – भारत तेजी से डिजिटल और भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रहा है। युवाओं के लिए डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी, और लॉजिस्टिक सेक्टर में भी नौकरियां और बिजनेस चांस बढ़े हैं।
FDI युवाओं के लिए कैसे फायदेमंद है-
नई टेक्नोलॉजी सीखने और अपनाने का मौका
इंटरनेशनल कंपनियों में नौकरी और करियर ग्रोथ
स्टार्टअप्स को पूंजी और ग्लोबल कनेक्शन
स्थानीय स्किल्स को ग्लोबल मार्केट तक ले जाने का प्लेटफॉर्म
युवाओं को क्या करना चाहिए-
मनु सेठ का साफ कहना है कि युवाओं को इन क्षेत्रों पर नज़र रखनी चाहिए, जहां एफडीआई लगातार बढ़ रहा है। उन्हें खुद को तकनीकी रूप से तैयार रखना चाहिए और यह समझना चाहिए कि किन सेक्टर्स में ग्लोबल कंपनियां पार्टनरशिप या इन्वेस्टमेंट ला रही हैं। FDI के ज़रिए जो ग्लोबल पार्टनरशिप और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हो रही है, उससे भारत का इकोसिस्टम तेज़ी से बदल रहा है और यही बदलते भारत में युवाओं के लिए सबसे बड़ा अवसर बनता जा रहा है।