आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान चैतन्य ने सहयोग नहीं किया, जिसके कारण उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।

आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने विधानसभा का किया बहिष्कार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी भिलाई स्थित बघेल परिवार के आवास पर छापेमारी के बाद हुई। यह कार्रवाई 2,100 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले की आय से चैतन्य को जोड़ने वाले नए सबूतों से जुड़ी थी।

भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान चैतन्य ने सहयोग नहीं किया, जिसके कारण उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। भिलाई स्थित उनके घर के बाहर पुलिस की भारी मौजूदगी की सूचना मिली, जहां कांग्रेस समर्थक विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए। यह गिरफ्तारी चैतन्य के जन्मदिन के दिन हुई, जिस पर भूपेश बघेल ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक निशाना साधने और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ज़ोर दिया।

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?सरकार

यह घोटाला 2019 से 2022 के दौरान, जब कांग्रेस  सत्ता में थी, राज्य के खजाने के लिए निर्धारित राजस्व को इधर-उधर करने की एक व्यापक साजिश से जुड़ा है। जांच से पता चलता है कि आबकारी विभाग के भीतर एक सुसंगठित नेटवर्क है, जिसमें राजनेता, नौकरशाह और निजी ठेकेदार शामिल हैं, जो अवैध लाभ कमाने के लिए देशी और विदेशी शराब की खरीद, वितरण और बिक्री में हेराफेरी करते हैं।

घोटाले के प्रमुख तथ्य

देशी शराब पर अवैध कमीशन: कथित तौर पर आपूर्तिकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के माध्यम से संचालन जारी रखने के लिए प्रति केस ₹75 तक कमीशन का भुगतान किया। ये कमीशन केंद्रीय रूप से एकत्र किए गए और वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के बीच वितरित किए गए।

बोतल होलोग्राम में हेराफेरी: शराब की बोतलों के लिए होलोग्राम छापने की प्रक्रिया में कथित तौर पर कुछ फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए हेराफेरी की गई थी। आधिकारिक इन्वेंट्री और राजस्व रिकॉर्ड को दरकिनार करते हुए सरकारी दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब बेचने के लिए नकली डुप्लीकेट होलोग्राम का इस्तेमाल किया गया था।

ऑफ-द-रिकॉर्ड शराब बिक्री: राज्य में समानांतर आपूर्ति श्रृंखला संचालित होती थी, जहां शराब बिना किसी दस्तावेज़ के पूरी तरह से नकद में बेची जाती थी, जिससे राज्य के खातों से राजस्व का गबन होता था।

विदेशी शराब लाइसेंस में हेराफेरी: निजी विक्रेताओं को विदेशी शराब बेचने की अनुमति देने वाले FL-10A लाइसेंस कथित तौर पर रिश्वत के बदले में वितरित किए गए थे। कथित तौर पर, सिंडिकेट प्रत्येक लेनदेन से 10% की निश्चित राशि लेता था।

शराब घोटाले में ये हैं आरोपी

ईडी और छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस घोटाले में शामिल कई प्रमुख लोगों की पहचान कर ली है।

कवासी लखमा: पूर्व आबकारी मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पर ₹2 करोड़ मासिक रिश्वत लेने का आरोप है। जून 2025 में दायर एक पूरक आरोप पत्र में ₹64 से ₹72 करोड़ के बीच की रिश्वत का विवरण है। उनसे जुड़ी ₹6 करोड़ से अधिक की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली गई है।

अनवर ढेबर: रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई, जिन पर इस सिंडिकेट में बिचौलिया होने का आरोप है। हालांकि उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी हिरासत को अवैध करार दिया था। हालांकि, उनके खिलाफ जांच जारी है।

अनिल टुटेजा और अरुणपति त्रिपाठी: वरिष्ठ नौकरशाहों पर शराब लाइसेंस और आपूर्ति श्रृंखलाओं में हेराफेरी की निगरानी का आरोप है।

चैतन्य बघेल: हालिया छापों के बाद गिरफ्तार, उन पर घोटाले से अवैध आय प्राप्त करने का संदेह है।

विजय भाटिया: भिलाई का एक व्यवसायी, जिसे अवैध कमीशन के प्रवाह में कथित रूप से समन्वय करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

इसके अलावा जनवरी 2024 में दर्ज एक प्राथमिकी में पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड सहित 70 से अधिक व्यक्तियों और कंपनियों के नाम शामिल हैं। ईडी का आरोप है कि रिश्वत राज्य के शीर्ष राजनीतिक अधिकारियों के निर्देशों के बाद वितरित की गई थी।

अब तक क्या-क्या जब्त हुआ?

मार्च 2025 में 39 जगहों पर छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने ₹90 लाख से अधिक की नकदी, सोना, संपत्ति के दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए। ईडी ने कवासी लखमा और सुकमा स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय से जुड़ी संपत्तियों सहित ₹205 करोड़ से अधिक की संपत्तियां भी कुर्क की हैं। अब तक चार आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं, जिनमें से एक लखमा के खिलाफ है।

भूपेश बघेल ने खाई लड़ने की कसम

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। भूपेश बघेल ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर ईडी जैसी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया। भिलाई में अपने घर के बाहर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी उनके बेटे के जन्मदिन के समय की गई एक राजनीति से प्रेरित हमला है। इस दौरान उन्होंने आरोपों से लड़ने की कसम भी खाई। इधर, कांग्रेस पार्टी ने गिरफ्तारी के विरोध में छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया और आरोप लगाया कि केंद्र विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आयकर और डीआरआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहा है।

बघेल ने यह भी दावा किया कि यह गिरफ़्तारी अडानी से जुड़ी तमनार कोयला खनन परियोजना से जुड़े पर्यावरणीय उल्लंघनों पर विधानसभा में होने वाली बहस से ध्यान भटकाने के लिए की गई थी। इससे पहले जुलाई में, उन्होंने वनों की कटाई के ख़िलाफ़ स्थानीय विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया था।

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