‘इस्लाम में महिलाओं की इज्जत नहीं’: स्वालेहीन और नूरफातिमा ने हिंदू प्रेमियों से मंदिर में रचाई शादी, की घर वापसी

शादी के बाद दोनों ने नया जीवन शुरू करने का संकल्प लिया है लेकिन अपने परिवार से जान का खतरा भी जताया है।

नूर फातिमा उर्फ नीलम और गौरव कुमार (बाएं) स्वालेहीन और अमित कुमार (दाएं) ने मंदिर में की शादी

नूर फातिमा उर्फ नीलम और गौरव कुमार (बाएं) स्वालेहीन और अमित कुमार (दाएं) ने मंदिर में की शादी

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक चर्चित मामला सामने आया है, जहां दो मुस्लिम युवतियों ने अपनी इच्छा से धर वापसी करते हुए हिंदू धर्म अपनाया और अपने प्रेमियों से शादी रचा ली। इस मामले की गूंज न केवल स्थानीय स्तर पर है बल्कि सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चित हो चुका है। स्वालेहीन और नूरफातिमा नाम की इन युवतियों ने अपने-अपने हिंदू प्रेमियों से आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया। शादी के बाद दोनों ने नया जीवन शुरू करने का संकल्प लिया है लेकिन अपने परिवार से जान का खतरा भी जताया है।

स्वालेहीन बनीं शालिनी और नूरफातिमा बनीं नीलम

जानकारी के अनुसार, स्वालेहीन जो कि मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं, उन्होंने धर्म परिवर्तन के बाद अपना नाम बदलकर शालिनी रख लिया और पंडित नगला के रहने वाले अमित कुमार से विवाह किया। वहीं, भोजपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली नूरफातिमा ने गौरव कुमार से विवाह के बाद अपना नाम नीलम रखा। दोनों युवतियों ने आर्य समाज मंदिर में बाकायदा विधिवत प्रक्रिया के तहत धर्म परिवर्तन किया और उसके बाद शादी की है।

शालिनी ने बताया कि वह तुर्क बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं और वह काफी समय से अमित कुमार से प्रेम करती थीं। लेकिन परिवार की ओर से लगातार विरोध होने और सामाजिक दबाव के चलते वह चुप रहीं। अंततः उन्होंने यह निर्णय लिया कि वह अपने जीवन के फैसले स्वयं लेंगी और अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन कर अमित से विवाह कर लिया। शालिनी ने आरोप लगाया है कि उसके अपने माता-पिता से उसे जान का खतरा है। उसने पुलिस को दी गई शिकायत में स्पष्ट तौर पर कहा है कि उसके परिवार के लोग उसकी और उसके पति की जान ले सकते हैं। इसी वजह से उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है

‘इस्लाम में महिलाओं की इज्जत नहीं’

नीलम ने भी यही बताया कि गौरव कुमार से वह प्रेम करती हैं और उन्होंने पूरी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया है। नीलम ने भी मुख्यमंत्री और मुरादाबाद पुलिस से सुरक्षा की अपील की है। दोनों युवतियों ने साफ कहा है कि उनके धर्म परिवर्तन में किसी प्रकार की जोर-जबरदस्ती नहीं की गई और उन्होंने अपने जीवनसाथी को चुनने का फैसला पूरी स्वतंत्रता से लिया है। दैनिक भास्कर के मुताबिक, हिंदू ब्वायफ्रेंड से शादी के बाद हिंदू धर्म अपनाने वाली लड़कियों का कहना है कि इस्लाम में महिलाओं की इज्जत नहीं होती। इसलिए दोनों ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है।

आर्य समाज मंदिर के अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि दोनों युवतियों ने विधिवत रूप से धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की और उनके विवाह पूरे हिंदू रीति-रिवाजों से संपन्न हुए। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर से धर्मांतरण, प्रेम विवाह और सामाजिक स्वीकार्यता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन शालिनी और नीलम जैसी युवतियों का स्पष्ट कहना है कि उन्होंने यह कदम अपनी आज़ादी और सम्मान के लिए उठाया है।

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