TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का उद्देश्य 1947 में प्रारंभ हुए 'राष्ट्रीय एकीकरण' के अधूरे कार्य को पूर्ण करना था।

Prof. Vivek Misra द्वारा Prof. Vivek Misra
5 August 2025
in चर्चित, भारत, मत, राजनीति
युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास

‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण

Share on FacebookShare on X

आज 5 अगस्त है और 5 अगस्त भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाने वाली तिथि है। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 अगस्त, 2019 को भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्त दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। भारत सरकार का यह कदम भारत की आज़ादी के बाद संवैधानिक और राजनीतिक यात्रा में एक मील का पत्थर माना जाता है।

भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय की छठी वर्षगांठ के अवसर पर यह अत्यंत आवश्यक है कि नई पीढ़ी यह समझे कि अनुच्छेद 370 की उत्पत्ति क्यों हुई, इसके निरस्त होने का भारतीय संघ और राष्ट्रीय एकता पर क्या प्रभाव पड़ा और इसके निरस्तीकरण को अनेक विद्वानों और नीति-निर्माताओं द्वारा तार्किक और आवश्यक कदम के रूप में क्यों देखा जाता है।

संबंधितपोस्ट

शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

सेना ने नाकाम की उरी में घुसपैठ की कोशिश, एक जवान शहीद

ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

और लोड करें

अनुच्छेद 370 की उत्त्पत्ति क्यों हुई थी ?

अनुच्छेद 370 को समझे बिना उसकी समाप्ति का महत्व पूरी तरह से नहीं आंका जा सकता। इसके लिए हमें इसके इतिहास और उत्पत्ति को अच्छे से जानना और समझना होगा। सन 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय, जम्मू और कश्मीर एक रियासत थी, जिस पर महाराजा हरि सिंह का शासन था। उस समय उनके पास रियासत को लेकर तीन विकल्प थे अर्थात् भारत में विलय करना या पाकिस्तान में शामिल होना या फिर स्वतंत्र रहना।

हालांकि, महाराजा स्वतंत्र रहने के पक्षधर थे, लेकिन पाकिस्तान समर्थित कबायलीयों ने कश्मीर पर हमला कर दिया। इस संकट की घड़ी में महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए और इस तरह जम्मू-कश्मीर आदिकाल से भारत का अभिन्न अंग रहा है, इसकी पुनः पुष्टि हुई।

अधिकांश दूसरी रियासतों के विपरीत, जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय कुछ विशेष शर्तों के साथ हुआ, क्योंकि उस समय की परिस्थितियाँ असाधारण थीं । कम्युनल अशांति, बाहरी आक्रमण और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह का आश्वासन जैसे हालात थे। इन हालातों के चलते एक विशेष संवैधानिक व्यवस्था बनाई गई, जिसके तहत राज्य को रक्षा, विदेश नीति और संचार को छोड़कर अन्य सभी मामलों में स्वायत्तता प्रदान की गई।

अनुच्छेद 370 को संविधान के भाग-XXI में, “अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधानों” के अंतर्गत शामिल किया गया था। इसे गोपालस्वामी अय्यंगार ने तैयार किया था, जिन्होंने तर्क दिया था कि कश्मीर की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक अस्थायी प्रावधान आवश्यक था ताकि विलय-पत्र  का सम्मान हो सके, जबकि राज्य की अंतिम स्थिति जनमत संग्रह के बाद निर्धारित की जाएगी। रोचक बात यह है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने इसका विरोध कर दिया था, क्योंकि उनका मानना था कि यह प्रावधान भेदभावपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय संघ की एकता की भावना के विरुद्ध था।

इस प्रकार, अनुच्छेद 370 ने जम्मू -कश्मीर को अपना स्वयं का संविधान और अधिकांश मामलों में निर्णय लेने के अधिकार प्रदान किए। इसके अतिरिक्त, यह प्रावधान संसद की राज्य पर विधायी शक्तियों को सीमित करता था, जब तक कि राज्य की संविधान सभा या सरकार की सहमति न प्राप्त हो।

अनुच्छेद 370 की ‘अस्थायी’ प्रकृति

अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण तर्क संविधान की भाषा में निहित है, इसमें इस अनुच्छेद को स्पष्ट रूप से ‘अस्थायी’ (Temporary) कहा गया था। जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा को यह अधिकार दिया गया था कि वह राज्य और भारत के संघ के बीच स्थायी संबंध निर्धारित करे। लेकिन जब 1957 में वह संविधान सभा अपने आप भंग हो गई। इसने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की कि अनुच्छेद 370 को समाप्त किया जाए या जारी रखा जाए, इस कारण तब एक कानूनी अस्पष्टता अथवा भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई। अनेक संविधानविदों का तर्क था कि संविधान सभा के समाप्त हो जाने के बाद यह अस्थायी प्रावधान अपना औचित्य खो चुका था।

कई दशकों के दौरान, राष्ट्रपति द्वारा लगातार जारी किए गए आदेशों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को कम किया गया, इसके साथ ही कई संवैधानिक प्रावधानों को भी राज्य पर लागू किया गया। फिर भी, औपचारिक रूप से उसका ‘विशेष दर्जा’ बना रहा। आलोचकों का तर्क था कि यह अर्ध-स्थायी व्यवस्था क्षेत्र के पूर्ण संवैधानिक एकीकरण में बाधा बनती रही, जिससे राज्य और केंद्र के बीच पूर्ण समन्वय संभव नहीं हो पाया।

विशेष दर्जे के बावजूद, जम्मू-कश्मीर ने खासकर 1980 के दशक के अंत से लगातार अलगाववादी आंदोलन और सशस्त्र विद्रोह का सामना किया। अलगाववादी नेता अक्सर अनुच्छेद 370 का हवाला देते हुए राज्य की कथित ‘विशेषता’ को बल देते थे और इसके माध्यम से भारत में उसके पूर्ण एकीकरण पर सवाल उठाते थे। यह स्थिति उग्रवाद और पाकिस्तान के ‘छद्म युद्ध’ के लिए वैचारिक हथियार सिद्ध हुई।

अनुच्छेद 35A, जो अनुच्छेद 370 के तहत  राष्ट्रपति के एक आदेश द्वारा जोड़ा गया था, ने राज्य को यह अधिकार दिया कि वह ‘स्थायी निवासियों’ की परिभाषा तय करे और उन्हें विशेष अधिकार एवं सुविधाएँ प्रदान करे, जैसे कि भूमि स्वामित्व और रोजगार पर सीमाएं आदि। इस प्रावधान के कारण निजी निवेश रुक गया या बहुत सीमित हो गया, औद्योगीकरण बाधित हुआ और राज्य की अर्थव्यवस्था केंद्रीय सब्सिडी पर ही निर्भर बनी रही। सामाजिक रूप से इस प्रावधान ने महिलाओं के साथ भेदभाव किया; उदाहरण के लिए, वे महिलाएं जो राज्य के बाहर शादी करती थीं, उन्हें संपत्ति का अधिकार खोना पड़ता था। साथ ही, वाल्मीकि समुदाय और पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी जैसे हाशिए पर खड़े समूह भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हुए।

निरस्तीकरण के पीछे का तर्क: राष्ट्रीय एकता को सशक्त बनाना

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का उद्देश्य 1947 में प्रारंभ हुए राष्ट्रीय एकीकरण के अधूरे कार्य को पूर्ण करना था। इसके समर्थकों का मानना है कि भारत की एकता का मूल आधार “एक संविधान, एक राष्ट्रध्वज और सभी भारतीयों के लिए एक समान नागरिकता” है। अनुच्छेद 370 को इस सिद्धांत के विपरीत एक विसंगति माना गया, जो भारत की राष्ट्रीय एकता के मूल तत्त्वों के खिलाफ था।

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A के तहत, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को ऐसे दोहरे अधिकार प्राप्त थे, जो अन्य भारतीयों को नहीं मिलते थे। यह स्थिति ‘एक राष्ट्र, एक संविधान’ के सिद्धांत का उल्लंघन करती थी। इन प्रावधानों को निरस्त करके भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारत के अन्य राज्यों के नागरिकों की तरह ही संविधान के सभी मूलभूत अधिकार समान और पूर्ण रूप से प्रदान करने का काम किया।

विशेष दर्जे से उत्पन्न कानूनी बाध्यताओं के बिना सरकार का तर्क था कि आरक्षण, सूचना का अधिकार (RTI), भ्रष्टाचार विरोधी कानून और अल्पसंख्यक अधिकारों से संबंधित राष्ट्रीय कानूनों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा। इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और वंचित एवं हाशिए पर खड़े वर्गों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

एक और महत्वपूर्ण कारण था राष्ट्रीय सुरक्षा। अनुच्छेद 370 को कई लोग एक मनोवैज्ञानिक बाधा के रूप में देखते थे, जिसका फायदा अलगाववादी तत्व उठाते थे और इससे अलगाववाद को बढ़ावा मिलता था। इसे हटाने से राज्य को प्रशासनिक और सैन्य रूप से बेहतर ढंग से एकीकृत किया जा सकता है, जिससे आतंकवाद और घुसपैठ के खिलाफ प्रभावी ढंग से निपटना संभव हो सकेगा।

निरस्तीकरण प्रक्रिया: कानूनी और राजनीतिक आयाम

5 अगस्त 2019 को, भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370(1) के तहत एक संवैधानिक आदेश जारी किया, जिसके द्वारा भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू कर दिए गए। साथ ही, संसद ने अनुच्छेद 370(3) का हवाला देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की सिफारिश की गई। इसके अतिरिक्त, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर (जिसमें विधायिका होगी) और लद्दाख (जिसमें विधायिका नहीं होगी) में विभाजित किया गया।

आलोचकों का तर्क है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के समय राज्य में निर्वाचित सरकार का न होना (क्योंकि उस समय राष्ट्रपति शासन लागू था) इस निर्णय को विवादास्पद बनाता है। वहीं सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत राज्यपाल ही राज्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं और इसलिए सहमति देने के लिए वे पूर्ण रूप से सक्षम थे।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद क्या हुआ?

अनुच्छेद 370 को हटाए हुए छह वर्ष हो गए हैं। इस छह वर्षों में इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिले हैं। इनमें से कुछ सकारात्मक संकेतक निम्नलिखित हैं:

  • केंद्रीय कानूनों का विस्तार,
  • बुनियादी ढाँचे और पर्यटन में निवेश,
  • ज़िला विकास परिषदों (DDC) के चुनाव,
  • और प्रशासनिक एकीकरण में वृद्धि

हालाँकि कुछ चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं। जनसंख्या के कुछ वर्गों में राजनीतिक असंतोष अब भी जारी है, लंबे समय तक इंटरनेट प्रतिबंध और सुरक्षा बंदिशें लागू रहीं, और प्रमुख क्षेत्रीय राजनीतिक दल अब भी राज्य का दर्जा और विशेष स्थिति की बहाली की माँग कर रहे हैं।

युवाओं विशेषकर छात्रों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वे इन घटनाक्रमों को आलोचनात्मक और वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण से समझें और मूल्यांकन करें। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की वास्तविक परीक्षा इस बात में निहित है कि यह निर्णय क्षेत्र को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से कितना सफलतापूर्वक रूपांतरित कर पाता है।

निष्कर्ष

अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण केवल भारतीय संविधान के इतिहास की एक घटना नहीं, बल्कि एक ऐसी निरंतर प्रक्रिया है जो जम्मू-कश्मीर के भविष्य के साथ-साथ भारत की संघीय संरचना को भी दिशा और आकार देगी।

भारत के युवा ही आने वाले समय के नीति-निर्माता, शिक्षाविद् और जागरूक नागरिक बनेंगे, इसलिए उनके लिए इस विषय को केवल एक पृथक संवैधानिक निर्णय के रूप में नहीं, बल्कि भारत की दीर्घकालिक एकता, एकीकरण और समावेशी विकास की संघर्षपूर्ण यात्रा के संदर्भ में समझना अत्यंत आवश्यक है। इस निर्णय से मिलने वाले सबक केवल कश्मीर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह दर्शाते हैं कि लोकतंत्र किस प्रकार विविधता से संवाद करता है, क्षेत्रीय आकांक्षाओं का प्रबंधन करता है और स्थानीय अस्मिता व राष्ट्रीय एकता के बीच संतुलन स्थापित करता है। चूँकि हम इस ऐतिहासिक निर्णय की छठी वर्षगांठ मना रहे हैं, इसलिए युवाओं के लिए यह आवश्यक है कि वे इसे मात्र दर्शक बनकर नहीं, बल्कि आलोचनात्मक सोच रखने वाले जागरूक नागरिक के रूप में समझें और इससे जुड़ें। चाहे कोई इस निर्णय का समर्थन करता हो या विरोध करता हो, हर किसी के लिए इसका संवैधानिक, कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसा करने से भारत के युवा इस वैचारिक विमर्श में सहभागी बनकर सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे कि कैसे एक ऐसा भारत निर्मित किया जाए जो वास्तव में एकजुट, समावेशी और न्यायपूर्ण हो।

 

 

Tags: 5 AugustAmit Shah on 370Article 370Article 370 AbrogationJammu and KashmirJammu Kashmir after Article 370 AbrogationNarendra Modi government
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अमेरिका का नया वीज़ा नियम: अब भरना होगा $15,000 का बॉन्ड, जानिए किसे होगा असर

अगली पोस्ट

मुरादाबाद में दिनदहाड़े महिला से छेड़छाड़, सीसीटीवी वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी गिरफ्तार

संबंधित पोस्ट

जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई
क्राइम

जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

25 August 2025

पाकिस्तान में हर साल एक हज़ार से ज़्यादा हिंदू और ईसाई लड़कियां जबरन धर्म परिवर्तन और शादियों के साये में गुम हो जाती हैं। ये...

मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात
चर्चित

मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

25 August 2025

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने की चर्चा को सिरे...

जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास
चर्चित

जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

25 August 2025

आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक राजस्थान के जोधपुर में पांच सितंबर से होने वाली है। ऐसे तो आरएसएस ने बयान जारी कर इसे हर साल...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

IADWS The Modern ‘Sudarshan Chakra’, Redefining the Laws of Future Aerial Warfare

IADWS The Modern ‘Sudarshan Chakra’, Redefining the Laws of Future Aerial Warfare

00:06:12

Is Rampur Nadrabag Mosque The Dark Web of Trafficking, Illegal Arms, Drugs & Conversion Mafia?

00:05:52

ISRO’s ₹8,240 Cr Project ‘Soorya' : India’s Ticket to Space Station & Moon Missions

00:06:37

Why Silencing History ? The Hypocrisy of Stopping Bengal Files | Kolkata | Mamata | Vivek Agnihotri

00:04:54

Reason Behind Congress and Sanjay Kumar Silently Deleting Their Fake Voter Data Tweets

00:05:56
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited