उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। छांगुर गिरोह के बाद अब बरेली से मौलाना गैंग केमौलाना अब्दुल मजीद और उसके साथियों का खतरनाक षड्यंत्र सामने आया है। ये लोग हिंदुओं खासकर दिव्यांगों, कमजोर वर्ग और महिलाओं—को निशाना बनाकर शादी और पैसे का लालच देते थे, फिर उन्हें जबरन खतना और धर्म परिवर्तन कराने पर मजबूर करते थे।
मदरसे में बंद था दिव्यांग प्रभात
25 अगस्त को पुलिस ने भुता थाने के फैजनगर मदरसे पर छापा मारा। वहां का दृश्य चौंकाने वाला था। वहां पर अंधे युवक प्रभात उपाध्याय को चार-पांच लोग घेरे बैठे थे, उसका नाम बदलकर “हामिद” रखा जा रहा था और उसका खतना कराने की तैयारी चल रही थी। यदि पुलिस समय पर न पहुंचती तो प्रभात की पहचान, संस्कृति और आस्था सब छीन ली जाती।
शादी का लालच और धर्मांतरण का जाल
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा के मुताबिक मौलाना गैंग का तरीका बेहद घिनौना है। पहले शिकार को शादी का झांसा देते हैं, फिर धीरे-धीरे धर्मांतरण का दबाव बनाया जाता है। यही जाल प्रभात के सामने भी बिछाया गया था। शिकायतकर्ता अखिलेश कुमारी ने आरोप लगाया कि उनके बेटे प्रभात को बहकाकर मदरसे में बंधक बना लिया गया था।
पहले से दर्जनों शिकार
पुलिस के अनुसार, मौलाना गैंग पहले ही कई हिंदुओं को अपना शिकार बना चुका है। इस धर्मांतरण गिरोह ने एक ही परिवार के ब्रजपाल साहू को “अब्दुल्ला” बना दिया तो उसकी बहन राजकुमारी को “आयशा”। इतना ही नहीं, उसकी मां ऊषा कुमारी को “अमीना” बना दिया। इतना ही नहीं, एक किशोर को नशे का आदी बनाकर उसका दिमाग खराब किया गया ताकि धर्मांतरण आसान हो सके। यह केवल अपराध नहीं, बल्कि हिंदू परिवारों पर सीधा हमला है।
पुलिस के हाथ लगे चौंकाने वाले सबूत
इस मदरसे की छापेमारी के दौरान पुलिस को चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। इसके बाद इसकी जांच तेज कर दी गई है।
जाकिर नाइक की किताबें और विदेशी फंडिंग
10 संदिग्ध किताबें और 12 सीडी, जिनमें जाकिर नाइक के भाषण थे
धर्मांतरण के प्रमाणपत्र
पासपोर्ट और आधार कार्ड
कई बैंक खाते और हजारों ट्रांजेक्शन
यहां से सलमान और उसकी पत्नी के 12 बैंक खाते, अब्दुल मजीद के 5 खाते बरामद किये गए हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि विदेशी फंडिंग से यह धर्मांतरण का खेल चल रहा था।
छांगुर गिरोह से कनेक्शन?
पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या मौलाना गैंग का तार सीधे छांगुर गिरोह या किसी बड़े राष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा है। क्योंकि, दोनों गिरोह का तरीका एक जैसा ही है लालच, दबाव और जबरन धर्मांतरण।
हिंदू समाज के लिए चेतावनी
यह मामला केवल अपराध की फाइल नहीं है, बल्कि हिंदू समाज के लिए कड़ा सबक है। आज प्रभात को बचा लिया गया, कल न जाने कितने और शिकार इस जाल में फंसें। यह खेल सिर्फ धर्मांतरण का नहीं, बल्कि हिंदू अस्मिता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खोखला करने की साजिश है। यह अब स्पष्ट हो चुका है कि ऐसे गिरोह संगठित और सुनियोजित तरीके से काम कर रहे हैं।
अब सख्त कार्रवाई का वक्त
अब समय है कि ऐसे मौलाना गैंग पर केवल एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने तक सीमित न रहा जाए। इन्हें सीधे देशद्रोही और आतंकी नेटवर्क का हिस्सा मानकर कठोरतम सजा दी जाए। विदेशी फंडिंग और संगठित साजिश की गहराई तक जांच हो। हिंदू समाज को जागना होगा, क्योंकि यह हमला किसी एक प्रभात पर नहीं, बल्कि पूरे समाज की संस्कृति और पहचान पर है। यह केवल धर्मांतरण का मामला नहीं है। यह हिंदुओं पर सुनियोजित हमला है। इसे रोकना ही भारत की सुरक्षा और अस्मिता की गारंटी है।