हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके की माउंट बंजारा कॉलोनी में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के फहद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई उनकी पत्नी कीरथी की शिकायत के बाद हुई है, जिसमें कीरथी ने फहद पर शादी के दौरान विश्वासघात, जबरन धर्म परिवर्तन कराने और धोखा देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। कीरथी ने बताया कि 2016 में फहद ने उनसे शादी करने के लिए दबाव बनाया और इस्लाम धर्म अपनाने को मजबूर किया। साथ ही उनका नाम भी बदलकर दोहा फातिमा रख दिया गया।
फहद के अवैध संबंधों का खुलासा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कीरथी को हाल ही में पता चला कि फहद का उसकी ही कंपनी में काम करने वाली एक अन्य महिला के साथ भी अवैध संबंध था। यह जानकारी मिलने के बाद कीरथी ने तुरंत पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने फहद के साथ-साथ उस महिला को भी गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पाकिस्तान से भारत आकर बसने का मामला
कीरथी ने बताया कि फहद 1998 में पाकिस्तान से भारत आया था और हैदराबाद में बस गया। फहद के पिता का देहांत हो चुका था, और वह अपनी मां के साथ भारत आया था। कीरथी ने यह भी आरोप लगाया कि फहद पासपोर्ट नवीकरण के लिए नियमित तौर पर कमिश्नर कार्यालय जाता था, लेकिन इस बात को उसने कीरथी से छुपाया था। इस मामले की जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि फहद ने 2018 में भारतीय नागरिकता ली थी, लेकिन उससे पहले के दस्तावेजों की सच्चाई पुलिस ने जांच में रखी है।
कीरथी ने साझा की आपबीती
एबीपी न्यूज से बातचीत में कीरथी ने बताया कि उनकी पहली शादी टूट चुकी थी, और वे अपनी बेटी के लिए सहारा तलाश रही थीं। ऐसे समय में फहद ने उनकी स्थिति का फायदा उठाया और जबरन इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। कीरथी ने बताया, “मुझे यह नहीं पता था कि फहद और उसका परिवार पाकिस्तानी हैं। जब मुझे उसके अवैध संबंधों के बारे में पता चला, तो मैंने पुलिस को खबर दी।”
पुलिस में मामला दर्ज और जांच
लंगरहाउस पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर बी. वेंकट रमुलु ने बताया कि कीरथी की शिकायत पर फहद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद पुलिस उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। पुलिस ने कीरथी की बहादुरी की सराहना की है और कहा है कि वे इस तरह के मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं।
राजनीतिक विवाद भी उठा
इस मामले ने राजनीतिक बहस को भी जन्म दिया है। बीजेपी नेता माधवी लता ने इस घटना को ‘वोट जिहाद’ करार देते हुए दावा किया कि हैदराबाद के संसदीय क्षेत्र में हजारों रोहिंग्या परिवार गैरकानूनी तरीके से आधार कार्ड, वोटर आईडी जैसे दस्तावेज लेकर रह रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यह सब बिना राजनीतिक संरक्षण कैसे संभव हो पाया। इस तरह की बातें इस मामले को राजनीतिक रंग दे रही हैं।
यह मामला पहचान धोखाधड़ी, जबरन धर्म परिवर्तन और फर्जी शादियों जैसे गंभीर मुद्दों को फिर से चर्चा में ला रहा है। प्रशासन और पुलिस को ऐसे मामलों की जांच और कड़ी कार्रवाई के लिए सतर्क रहने की जरूरत है ताकि समाज में किसी भी प्रकार का गलत इस्तेमाल रोका जा सके। कीरथी जैसे लोगों की हिम्मत ही ऐसी घटनाओं को उजागर करती है और कानून को सही दिशा में काम करने का मौका देती है। उम्मीद की जानी चाहिए कि पुलिस जल्द ही सच सामने लेकर आएगी और दोषी को उचित सजा मिलेगी।