भारत ने वायुसेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को स्वदेश में ही डिजाइन और विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने विकास में सहयोग के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया है। वहीं भारत एयरक्राफ्ट के इंजन को भी देश में ही बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। इसके लिए फ्रांस की कंपनी Safaran के साथ काम शुरू किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएमसीए कार्यक्रम के कार्यान्वयन मॉडल को मंजूरी दी है।
पीएम मोदी ने की थी घोषणा
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकास में भागीदार बनने के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया है। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएमसीए कार्यक्रम के ‘कार्यान्वयन मॉडल’ को मंजूरी दी थी। जानकारी हो कि स्वतंत्रता दिवस के दिन पीएम मोदी ने लाल किले से इसकी घोषणा की थी। अब यह घोषणा मूर्त रूप ले लेगी। इससे वायुसेना की ताकत तो बढ़नी ही है, महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा की भी काफी बचत होगी। वहीं आत्मनिर्भर भारत की ओर यह बड़ा कदम होगा।
ऐसे होगा कंपनियों का चयन
रक्षा मंत्रालय के तहत कार्यरत एडीए ने बुधवार को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया। इसके अनुसार, ईओआई का उद्देश्य उन भारतीय कंपनियों को शॉर्टलिस्ट करना है जो तकनीकी रूप से एएमसीए के विकास, प्रोटोटाइप निर्माण और उड़ान परीक्षण में समक्ष हैं। आवेदक एकल कंपनी, संयुक्त उद्यम या कंपनियों के संघ के रूप में हो सकता है, जो सभी भारतीय कानूनों और विनियमों का पालन करता हो। दो इंजन वाले एएमसीए को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा उद्योगों की साझेदारी से विकसित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गत मई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएमसीए कार्यक्रम के ‘कार्यान्वयन मॉडल’ को मंजूरी दी थी। वर्तमान में सिर्फ दो देशों अमेरिका (एफ-22 एवं एफ-35) और चीन (जे-20 एवं जे-35) के पास पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान हैं। भारत इसे विकसित करने वाला तीसरा देश बन जाएगा।