केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को घोषणा की कि भारत अब अमेरिका को सबसे ज्यादा स्मार्टफोन भेजने वाला देश बन गया है। उन्होंने बताया कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाला क्षेत्र अब ₹12 लाख करोड़ तक पहुंच गया है।
मंत्री ने बताया कि बीते 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ा है, इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी आठ गुना बढ़कर ₹3 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। यह बात उन्होंने बेंगलुरु में मेट्रो परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान कही।
अश्विनी वैष्णव, जो रेलवे, सूचना और प्रसारण मंत्री भी हैं, ने कहा, “भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन बनाने वाला देश बन चुका है।” उन्होंने कहा कि यह विकास भारत को एक वैश्विक तकनीकी निर्माण केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और प्रधानमंत्री के “हर व्यक्ति तक तकनीक पहुंचाने” के सपने को पूरा करने में मदद कर रहा है।
2014 में 2 यूनिट्स से शुरू होकर अब 300 से अधिक मोबाइल विनिर्माण इकाइयां
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में बड़ी तरक्की की है और अब यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है। 2014 में भारत में केवल 2 मोबाइल बनाने वाली फैक्ट्रियाँ थीं, जबकि अब यह संख्या 300 से अधिक हो चुकी है। इससे भारत को दूसरे देशों से मोबाइल मंगवाने की जरूरत बहुत कम हो गई है।
2014-15 में भारत में बिकने वाले मोबाइल फोनों में से केवल 26 प्रतिशत देश में बनाए जाते थे, जबकि अब यह आंकड़ा बढ़कर 99.2 प्रतिशत हो गया है। यानी अब लगभग सभी मोबाइल फोन देश में ही बनाए जा रहे हैं।
मोबाइल निर्माण का मूल्य भी तेजी से बढ़ा है, 2013-14 में यह ₹18,900 करोड़ था, जो 2023-24 में ₹4,22,000 करोड़ तक पहुंच गया है।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव के बीच नई उपलब्धि
यह सफलता ऐसे समयपर मिली है जब भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में तनाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश दिया है। यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद जारी रखने के जवाब में उठाया गया है।
इस नए टैक्स के साथ पहले से लग रहे 25% टैक्स को मिलाकर अब कुल 50% टैक्स भारतीय सामानों पर लग रहा है। इसी कारण भारत अब एशिया के उन देशों में शामिल हो गया है जिन पर अमेरिका सबसे ज्यादा टैक्स लगाता है, जैसे कि ब्राज़ील।
बोइंग डील पर रोक, रूस ने भारत का समर्थन किया
ऐसे माहौल में भारत ने अमेरिका के साथ होने वाले एक बड़े बोइंग एयरक्राफ्ट सौदे को फिलहाल रोक दिया है। यह सौदा करीब $3.6 बिलियन (लगभग ₹30,000 करोड़) का था, जिसमें छह बोइंग P-8I समुद्री निगरानी विमान खरीदने की योजना थी। इस सौदे को 2021 में अमेरिका ने मंजूरी दी थी। लेकिन अब इस सौदे की कीमत करीब 50% बढ़ गई है। इसकी वजह बताई गई है – सप्लाई चेन में दिक्कतें, महंगाई और नए टैक्स।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने अब इस डील पर फिर से सोचने के लिए इसे रोक दिया है। वहीं रूस ने भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि भारत को अपने तेल और ऊर्जा के लिए अलग-अलग देशों से खरीद करने का पूरा हक है, और उसने भारत के साथ अपनी दोस्ती को दोहराया है।