महाराष्ट्र के नागपुर और नासिक में पुलिस ने इंटरनेट मीडिया पर चुनाव संबंधी गलत जानकारी देने पर सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के सह निदेशक संजय कुमार के खिलाफ अलग-अलग दो एफआइआर दर्ज की हैं। जानकारी हो कि संजय कुमार ने 2024 के आम चुनावों की तुलना में दो विधानसभा सीटों पर मतदाताओं की संख्या में भारी गिरावट का दावा किया था। यह चुनाव महज छह माह के अंतराल के भीतर कराए गए थे। नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने बताया कि हमने तहसीलदार रामटेक से प्राप्त शिकायत के आधार पर संजय कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है।
दावे और सत्य में काफी फर्क
नागपुर के जिला चुनाव अधिकारी नागपुर ने कहा कि संजय कुमार ने मतदाताओं की भ्रामक जानकारी पोस्ट की है। नासिक पुलिस ने भी संजय कुमार के खिलाफ देवली के मतदाताओं के बारे में भ्रामक जानकारी देने पर मामला दर्ज किया है।
बता दें कि संजय ने दावा किया था कि नागपुर के हिंगना विधानसभा में 2024 में मतदाताओं की संख्या लोकसभा चुनावों में 4,66,203 और विधानसभा चुनावों में 2,86,931 थी यानी विस चुनाव में मतदाताओं में 38.45 प्रतिशत की कमी का दावा किया गया था। इसी तरह उन्होंने नासिक की देवलाली सीट के बारे में लिखा था कि वहां 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 4,56,072 थी जबकि वास्तविक संख्या 2,76,902 थी।
ICSSR भी CSDS के खिलाफ करेगी कार्रवाई
इधर, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ‘हेरफेर’ वाले चुनावी आंकड़े जारी कर अनुदान नियमों के उल्लंघन के लिए सीएसडीएस को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। परिषद ने कहा कि उसने सीएसडीएस द्वारा आंकड़ों के कथित हेरफेर और निर्वाचन आयोग की शुचिता को कमजोर करने के लिए नैरेटिव गढ़ने के प्रयास का संज्ञान लिया है।
जानकारी हो कि चुनाव विश्लेषक और सीएसडीएस के प्रोफेसर संजय कुमार ने रविवार को एक्स पर पिछले साल के महाराष्ट्र चुनावों से संबंधित दो विधानसभा सीटों के मतदाता आंकड़े शेयर किये थे। इसके बाद मंगलवार को उन्हें हटा दिया गया। उन्होंने माइक्रोब्लागिंग मंच पर गलत आंकड़े पोस्ट करने के लिए माफी भी मांगी थी। जानकारी हो कि आइसीएसएसआर सामाजिक विज्ञान और मानव विज्ञान में अनुसंधान के लिए सरकार की सर्वोच्च संस्था है। सीएसडीएस को आइसीएसएसआर द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
अनुदान नियमों का घोर उल्लंघन
परिषद ने एक बयान में कहा, “आइसीएसएसआर के संज्ञान में आया है कि परिषद द्वारा वित्तपोषित शोध संस्थान सीएसडीएस में एक जिम्मेदार पद पर आसीन एक व्यक्ति ने सार्वजनिक बयान दिया था, जिसे बाद में वापस लेना पड़ा। बयान में महाराष्ट्र में चुनावों के संबंध में आंकड़ों के विश्लेषण में गड़बड़ी का जिक्र किया गया था।” इसे आइसीएसएसआर के अनुदान नियमों का घोर उल्लंघन बताते हुए परिषद ने कहा कि वह सीएसडीएस को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी।