लाल किले की प्राचीर से भाषण देते हुए पीएम मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि वह उनके लिए दीवार की तरह खड़े हैं। वे किसानों को हितों से किसी प्रकार का समझौता नहीं करने वाले। पीएम के इस बयान से एक तरफ तो किसानों को भरोसा मिला। वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वार वाली धमकियों का भी जवाब मिल गया। पीएम मोदी ने अमेरिका के सामने भारत का रूख पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है।
कभी नहीं करेंगे समझौता
अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की ओर दी जा रही टैरिफ की धमकियों और व्यापार समझौते को लेकर दबाव की रणनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का रुख साफ कर दिया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने अपने संबोधन में दो टूक शब्दों में कहा कि हम खेती के मामले में वे जिले जो दूसरों से पीछे रह गए, जहां खेती अपेक्षाकृत कम है। इसके लिए हमने पीएम धनधान्य कृषि योजना को आरंभ किया है।
हमने ऐसे 100 जिलों की पहचान की है, जहां खेती कमजोर है। इस योजना के जरिए हम उन 100 जिलों में खेती को बेहतर कराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के मछुआरे, पशुपालकों से जुड़ी कोई भी अहितकारक नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़ा है। भारत अपने किसानों अपने पशुपालकों और अपने मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा।
भारत किसी भी हानिकारक नीति को स्वीकार नहीं करेगा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अमेरिका को सीधा मैसेज दिया है। पीएम ने कहा किसान हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। उन्होंने भारत को कई उत्पादों का शीर्ष उत्पादक बनाया है। भारत किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी हानिकारक नीति को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मोदी किसी भी प्रतिकूल नीति से किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करने के लिए दीवार की तरह खड़ा है. प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए शुल्क के संदर्भ में ये बात कही।
लकीर छोटी करने में बर्बाद नहीं करें समय
पीएम ने कहा हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ताकत बर्बाद न करें। मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि किसी दूसरे की लकीर को छोटी करने में हमें अपनी उर्जा नहीं खपानी है। हमें पूरी ऊर्जा के साथ हमारी लकीर को लंबा करना है। हम अपनी लकीर लंबी करते हैं, तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना पीएम ने कहा, वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनोंदिन बढ़ रहा है, मैं 25 साल के अपने शासन के अनुभव से कहता हूं कि यह रास्ता हमने चुन लिया तो कोई स्वार्थ हमने अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता है।