‘सुपर’ कहलाने वाला जेट फिर पस्त, F-35B की जापान में इमरजेंसी लैंडिंग

कागोशिमा हवाई अड्डे पर रनवे बंद होने से उड़ानों में कुछ देर की देरी हुई, क्योंकि ब्रिटेन के अत्याधुनिक जेट को दो महीने से भी कम समय में दूसरी बार हवा में आपात स्थिति का सामना करना पड़ा।

‘सुपर’ कहलाने वाला जेट फिर पस्त, F-35B की जापान में इमरजेंसी लैंडिंग

F-35B में लगातार आ रही तकनीकी खराबी।

ब्रिटेन की रॉयल एयर फ़ोर्स का F-35B लाइटनिंग II स्टील्थ लड़ाकू विमान फिर से सुर्खियों में है। इसी तरह का एक विमान हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के कारण तिरुवनंतपुरम में पांच हफ़्ते तक ग्राउंडेड रहा था। इस दौरान वह अपनी अक्षमता के कारण जांच के दायरे में आ गया था। स्थानीय रिपोर्टों से पुष्टि हुई है कि ब्रिटेन के अत्याधुनिक बेड़े के इस विमान की रविवार सुबह उड़ान के दौरान यांत्रिक समस्या के कारण जापान के कागोशिमा हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करायी गई।

20 मिनट के लिए बंद करना पड़ा मुख्य रनवे

इस दौरान विमान को लगभग 11:30 बजे सुरक्षित रूप से उतारा गया। इस घटना के कारण हवाई अड्डे को लगभग 20 मिनट के लिए अपना मुख्य रनवे बंद करना पड़ा। इस कारण वहां पर कई व्यावसायिक उड़ानों में मामूली देरी हुई। जानकारी हो कि छोटी उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग में सक्षम F-35B आज के समय में सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक है। लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित यह पांचवीं पीढ़ी का जेट विमान स्टील्थ तकनीक और उच्च गतिशीलता का संयोजन करता है। यह विमान ब्रिटेन के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का प्रमुख घटक है। यह समूह वर्तमान में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात है, जहां इसने हाल ही में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास में भाग लिया था।

दूसरी बार इमरजेंसी लैंडिंग

हाल के महीनों में यह दूसरी बार है जब किसी ब्रिटिश F-35B विमान को किसी विदेशी मिशन के दौरान तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा है। जापानी प्रसारक एनएचके के अनुसार, रविवार सुबह उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आने के बाद ब्रिटिश एफ-35बी लाइटनिंग II स्टील्थ लड़ाकू विमान ने किरीशिमा शहर के कागोशिमा हवाई अड्डे पर बिना किसी पूर्व सूचना के आपातकालीन लैंडिंग की। यह घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 11:30 बजे के कुछ ही देर बाद हुई, जब पायलट ने हवाई यातायात नियंत्रण से संपर्क किया और संभावित यांत्रिक समस्या की सूचना देते हुए तत्काल लैंडिंग की अनुमति मांगी। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने पुष्टि की कि अनुरोध स्वीकार कर लिया गया और कुछ ही देर बाद लड़ाकू विमान सुरक्षित रूप से उतर गया।

इस दौरान सुरक्षा कारणों से कागोशिमा हवाई अड्डे का मुख्य रनवे लगभग 20 मिनट के लिए बंद कर दिया गया। इससे कई वाणिज्यिक उड़ानें बाधित हुईं। यात्रियों को थोड़ी देरी का सामना करना पड़ा, क्योंकि ग्राउंड क्रू ने विमान को टैक्सीवे पर ले जाकर रनवे को फिर से खोलने से पहले सुरक्षा जांच की। इसके तुरंत बाद सामान्य परिचालन फिर से शुरू हो गया।

एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स से संचालित

यह विमान रॉयल नेवी के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स जो ब्रिटेन का प्रमुख विमानवाहक पोत है से संचालित हो रहा था। यह पोत वर्तमान में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में ब्रिटेन के नेतृत्व वाले कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के नेतृत्व में तैनात है। इस समूह में कई जहाज और विमान शामिल हैं। यह जापान के समुद्री आत्मरक्षा बल और अमेरिका की सेना के साथ बड़े पैमाने पर संयुक्त अभ्यास में भाग ले रहा है। यह प्रशिक्षण अभियान 4 अगस्त को शुरू हुआ और 12 अगस्त तक जारी रहेगा। इस प्रकार के अभ्यासों का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगी सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को मज़बूत करना है, जहां रणनीतिक तनाव बढ़ रहा है।

तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर भी हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग

ब्रिटिश F-35B स्टील्थ लड़ाकू विमान से जुड़ी यह दूसरी हालिया घटना है। 14 जून को, HMS प्रिंस ऑफ वेल्स के एक अन्य F-35B विमान को हाइड्रोलिक खराबी के कारण भारत के केरल स्थित तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी।

यह विमान पांच हफ़्तों से ज़्यादा समय तक ज़मीन पर रहा, जहां इंजीनियरों ने 22 जुलाई को उड़ान भरने की अनुमति मिलने से पहले बड़े स्तर पर मरम्मत का काम किया। इस दौरान यह जेट अचानक ही लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा। हवाई अड्डे पर लोग इसकी तस्वीरें ले रहे थे। इसको लेकर ऑनलाइन हास्यपूर्ण मीम्स की बाढ़ सी आ गई थी। भारत में ब्रिटिश उच्चायोग ने बाद में एक सार्वजनिक बयान जारी कर मरम्मत में सहायता के लिए भारतीय अधिकारियों का धन्यवाद किया।

लगातार खराबी के कारण हो रहे परेशानी

अमेरिकी रक्षा दिग्गज लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित F-35B लाइटनिंग II, पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जो अपने उन्नत सेंसर, स्टील्थ क्षमताओं और छोटे रनवे से उड़ान भरने या हेलीकॉप्टर की तरह वर्टिकल लैंडिंग की अनूठी क्षमता के लिए जाना जाता है। ये क्षमताएं इसे आधुनिक नौसैनिक विमानन के लिए विशेष रूप से ब्रिटेन द्वारा वर्तमान में तैनात वाहक स्ट्राइक समूहों के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति बनाती हैं।

हालांकि, इस विमान में लगातार आने वाली तकनीकी समस्याएं विदेशी अभियानों के दौरान ऐसे उन्नत विमानों के रखरखाव की परिचालन चुनौतियों को उजागर करती हैं। उच्च-प्रदर्शन वाले सैन्य जेट विमानों में यांत्रिक और हाइड्रोलिक समस्याएं असामान्य नहीं हैं, लेकिन जब ये घरेलू ठिकानों से दूर होती हैं, तो इनके महत्वपूर्ण परिचालन परिणाम हो सकते हैं। एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनाती इस क्षेत्र में सुरक्षा उपस्थिति बनाए रखने में ब्रिटेन की बढ़ती रुचि को दर्शाती है। जापान और अमेरिका के साथ चल रहे त्रिपक्षीय अभ्यास, वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे क्षेत्र में नौसैनिक पहुंच का प्रदर्शन करने और रक्षा साझेदारी को मज़बूत करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं।

हालांकि, इमरजेंसी लैंडिंग में यांत्रिक खराबी के अलावा कोई चोट या क्षति नहीं हुई। यह एक चेतावनी है कि सबसे उन्नत लड़ाकू विमान भी तकनीकी खराबी से अछूते नहीं हैं। ब्रिटेन की रॉयल नेवी और रॉयल एयर फ़ोर्स के लिए, लगातार विफलताओं के बाद F-35B बेड़े की तैयारी और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।

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