TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

रूस और चीन के साथ भारत के नए संबंधों के बीच अमेरिका की स्थिति पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

क्या भारत रूस और चीन के साथ ऐसी त्रिकोणीय साझेदारी विकसित कर सकता है जो न केवल उसकी ऊर्जा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करे, बल्कि अमेरिका के दबावों और धमकियों का संतुलित, लेकिन प्रभावी जवाब भी दिया जा सके

Dr. Raghvendra Pratap Singh द्वारा Dr. Raghvendra Pratap Singh
21 August 2025
in AMERIKA, एशिया पैसिफिक, भू-राजनीति, रणनीति, विश्व
क्या अमेरिकी दादागिरी का जवाब हो सकता है चीन-रूस-भारत का गठबंधन

क्या अमेरिकी दादागिरी का जवाब हो सकता है चीन-रूस-भारत का गठबंधन

Share on FacebookShare on X

भारत-अमेरिका के बीच जो कुछ भी हुआ वह अमेरिका की हनक नहीं, बल्कि एक व्यक्ति विशेष की सनक थी। आज की  बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में मनमानी या हनक जैसी शब्दावली बहुत पीछे छूट चुकी है, पहली बात तो ये कि व्यवस्था में लगभग हर एक मुल्क संप्रभु है, तो कोई दबाव बनने या बनाने का प्रश्न ही नहीं होता, कुछ मुद्दे हैं जिन पर आप दबाव बनाने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन वह कोशिश ज्यादा दिनों तक नहीं चलती क्योंकि वक्त के साथ नीतियां शिथिल होती जाती हैं, रही बात सनक की तो वह तो केवल व्यक्तिगत होती है तो कुछ दिनों में उसका बदलना तय है।
अलास्का से कुछ उत्तर प्राप्त हो चुके हैं और जल्दी ही कुछ और उत्तर भी प्राप्त हो जाएंगे… इस बीच एक अच्छी चीज यह भी देखने को मिली कि भारत और चीन अपने संबंधों को लेकर काफी सकारात्मक हैं जो संबंधों के एक नए दौर के शुरू होने का इशारा कर रहा है, खैर इस पूरी व्यवस्था को कई बिंदुओं से देखना आवश्यक है क्योंकि भारत और चीन के बीच जिस तरह के संबंध रहे हैं, उसमें हमें कोई भी निर्णय लेने से पहले उनके संभावित परिणामों की तह में भी जाना होगा।
आइए समझते हैं कि भारत रूस और चीन के संबंध में क्या कुछ नया होने वाला है और क्या कुछ होने की संभावना है। इससे भारत और अमेरिका के संबंधों में क्या कुछ परिवर्तन आने वाले हैं?

भारत की विदेश नीति बीते सात दशकों में निरंतर बदलते वैश्विक परिदृश्य के साथ विकसित हुई है। स्वतंत्रता के तुरंत बाद से ही भारत ने “गुटनिरपेक्षता” का सिद्धांत अपनाकर यह स्पष्ट किया था कि वह किसी एक शक्ति खेमे का हिस्सा नहीं बनेगा। किंतु जैसे–जैसे वैश्विक राजनीति का स्वरूप बदला और शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद बहुध्रुवीय व्यवस्था की शुरुआत हुई, भारत को अपने विकल्पों को अधिक व्यवहारिक और लचीला बनाना पड़ा। आज की स्थिति यह है कि भारत के सामने अमेरिका, रूस और चीन—तीन महाशक्तियों के साथ संबंधों को संतुलित करने की चुनौती है। अमेरिका के साथ बढ़ते रक्षा और तकनीकी सहयोग ने भारत की वैश्विक छवि को नया आयाम दिया है, लेकिन उसी के साथ कई बार रिश्तों में तल्ख़ी भी सामने आई है। रूस के साथ दशकों पुराने रणनीतिक संबंध हैं, जो रक्षा, ऊर्जा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में गहरे हैं। चीन के साथ संबंधों में प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का मिश्रण है; एक ओर सीमा विवाद और सामरिक अविश्वास है, तो दूसरी ओर व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता भी है।

संबंधितपोस्ट

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

और लोड करें

पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और भारत के रिश्तों में कुछ तनाव उभरे हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस–यूक्रेन युद्ध के प्रश्न पर स्पष्ट रूप से पश्चिमी खेमे का समर्थन करे और रूस से ऊर्जा व रक्षा सौदों को कम करे, किंतु भारत ने अपनी “रणनीतिक स्वायत्तता” बनाए रखी। भारत ने यह रेखांकित किया कि उसका प्राथमिक उद्देश्य अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है और वह किसी एक खेमे की नीतियों से अपने राष्ट्रीय हितों को खतरे में नहीं डालेगा। इसी कारण भारत ने रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल आयात जारी रखा और उससे रक्षा सहयोग भी बनाए रखा। इससे अमेरिका में असंतोष तो दिखा, परंतु भारत ने अपने विवेकपूर्ण रुख से यह संदेश दिया कि वह न तो रूस को छोड़ सकता है और न ही अमेरिका को नज़रअंदाज़ कर सकता है। यही संतुलन भारत की कूटनीति का सबसे बड़ा आधार है।

इसी संदर्भ में भारत के सामने यह प्रश्न आता है कि क्या वह रूस और चीन के साथ ऐसी त्रिकोणीय साझेदारी विकसित कर सकता है जो न केवल उसकी ऊर्जा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करे, बल्कि अमेरिका के दबावों और धमकियों का संतुलित जवाब भी दे सके। इतिहास पर नज़र डालें तो यह विचार नया नहीं है। 90 के दशक में रूस के विदेश मंत्री प्रिमाकोव ने भारत–रूस–चीन त्रिकोण की कल्पना प्रस्तुत की थी। उस समय इसे एक रणनीतिक संतुलन के रूप में देखा गया था, जिससे अमेरिका–प्रधान एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दी जा सके। इस विचार ने बाद में RIC, BRICS और शंघाई सहयोग संगठन के रूप में संस्थागत स्वरूप लिया। इन मंचों पर भारत, रूस और चीन ने कई बार मिलकर वैश्विक मुद्दों पर साझा रुख अपनाया। किंतु जब भी भारत–चीन सीमा विवाद तेज़ हुआ या चीन ने पाकिस्तान जैसे देशों का खुला समर्थन किया, तब इस त्रिकोणीय सहयोग की सीमाएँ सामने आईं।

आज की स्थिति में रूस और चीन आपसी संबंधों को लगातार गहरा कर रहे हैं। 2022 में बीजिंग में दोनों देशों ने “नो–लिमिट्स पार्टनरशिप” का ऐलान किया, जिसमें यह कहा गया कि उनका सहयोग किसी सीमा से बंधा नहीं होगा। यह संदेश स्पष्ट था कि पश्चिमी दबाव और अमेरिकी प्रभुत्व के सामने दोनों देश मिलकर खड़े होंगे। रूस पर यूक्रेन युद्ध के कारण लगाए गए प्रतिबंधों ने उसे चीन के और अधिक निकट ला दिया है। चीन भी यह समझता है कि रूस के पास ऊर्जा और सैन्य क्षमताओं का बड़ा भंडार है, जो उसे पश्चिम के खिलाफ दीर्घकालीन संघर्ष में मदद कर सकता है। ऐसे समय में भारत के लिए अवसर और चुनौती दोनों हैं। अवसर इसलिए कि रूस भारत के लिए ऊर्जा और रक्षा का भरोसेमंद भागीदार है, और यदि भारत रूस–चीन सहयोग में अपनी भूमिका बढ़ाता है तो उसे पश्चिमी दबाव का संतुलन करने का साधन मिलेगा। चुनौती इसलिए कि चीन के साथ सीमा विवाद और रणनीतिक प्रतिस्पर्धा बनी हुई है, जिससे त्रिकोणीय सहयोग की गहराई सीमित हो जाती है।

भारत यदि इस परिस्थिति में आगे बढ़ना चाहता है तो उसे तीन स्तरों पर रणनीति बनानी होगी। पहला स्तर है ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स का। रूस भारत को न केवल रियायती दरों पर तेल और गैस उपलब्ध करा रहा है, बल्कि कोयला और उर्वरक जैसी वस्तुओं में भी उसका योगदान बढ़ा है। यदि इस सहयोग को दीर्घकालिक अनुबंधों में बदला जाए और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय उत्तर–दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC), चाबहार बंदरगाह और चेन्नई–व्लादिवोस्तोक समुद्री मार्ग का उपयोग किया जाए, तो भारत अपनी ऊर्जा आपूर्ति को और अधिक सुरक्षित कर सकता है। इससे पश्चिमी मार्गों और डॉलर आधारित लेन–देन पर निर्भरता कम होगी। इसी तरह, भुगतान के लिए स्थानीय मुद्राओं और वैकल्पिक प्रणालियों का उपयोग किया जा सकता है। भारत ने पहले भी रूसी तेल के लिए दिरहम और युआन का इस्तेमाल किया है। भविष्य में BRICS बैंक और अन्य संस्थाओं के माध्यम से स्थानीय मुद्रा लेन–देन की प्रणाली को मज़बूत किया जा सकता है।

दूसरा स्तर है आर्थिक सहयोग का। भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध बड़े पैमाने पर असंतुलित हैं। भारत चीन से भारी मात्रा में आयात करता है जबकि उसका निर्यात अपेक्षाकृत कम है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए दोनों देशों को गैर–संवेदनशील क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना होगा। उदाहरण के लिए, दवा उद्योग, कृषि उत्पाद, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ सहयोग संभव है। यदि भारत और चीन व्यापार असंतुलन कम करने और विवाद समाधान के लिए त्वरित तंत्र विकसित करें तो त्रिकोणीय सहयोग का आधार मज़बूत होगा।

तीसरा स्तर है बहुपक्षीय मंचों पर समन्वय का। BRICS, SCO और RIC जैसे मंच भारत को अवसर देते हैं कि वह बहुध्रुवीय व्यवस्था का सक्रिय समर्थक बने। इन मंचों पर भारत ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद विरोधी सहयोग और वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को मज़बूत करने के लिए पहल कर सकता है। यदि भारत इन मुद्दों पर रूस और चीन के साथ मिलकर ठोस प्रस्ताव पेश करता है, तो अमेरिका और पश्चिम पर निर्भरता घटेगी और संतुलन बनेगा।

किंतु यह सब तभी संभव होगा जब भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों को भी समानांतर रूप से मज़बूत रखे। अमेरिका भारत के लिए तकनीकी और रक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस, साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में अमेरिका के साथ साझेदारी भारत की औद्योगिक प्रगति के लिए अनिवार्य है। क्वाड के माध्यम से भारत का इंडो–पैसिफिक में प्रभाव बढ़ा है। इस स्थिति में भारत को स्पष्ट करना होगा कि रूस और चीन के साथ उसका सहयोग किसी “एंटी–अमेरिका ब्लॉक” का हिस्सा नहीं, बल्कि अपनी रणनीतिक स्वायत्तता और राष्ट्रीय हितों को साधने का माध्यम है।

इस संतुलन की व्यावहारिक परिणति यह होगी कि भारत को ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में रूस के साथ गहराई से काम करना होगा, चीन के साथ सीमित परंतु व्यावहारिक आर्थिक सहयोग बढ़ाना होगा, और बहुपक्षीय मंचों पर रूस–चीन के साथ समन्वय करना होगा। साथ ही, उसे अमेरिका के साथ उच्च–प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग को और गहरा करना होगा। यही “मल्टी–अलाइन्मेंट” की नीति भारत को वह ताकत देगी जिससे वह अमेरिकी व्यापार युद्धों और धमकियों का संतुलन कर सकेगा, रूस से ऊर्जा सुरक्षा पा सकेगा, चीन से चयनित आर्थिक लाभ ले सकेगा और वैश्विक राजनीति में अपनी स्वतंत्र और मज़बूत स्थिति बनाए रख सकेगा।

भारत के दृष्टिकोण से यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में कोई एक शक्ति केंद्र पूरी दुनिया पर हावी नहीं रह सकता। बहुध्रुवीयता ही भविष्य है। भारत यदि रूस और चीन के साथ अपने सहयोग को व्यवहारिक आधार पर मज़बूत करे और अमेरिका के साथ तकनीकी व रणनीतिक सहयोग को जारी रखे, तो वह इस बहुध्रुवीय व्यवस्था का सबसे निर्णायक स्तंभ बन सकता है। यही वह नीति है जो भारत को न केवल वर्तमान तनावों से बाहर निकालेगी, बल्कि उसे 21वीं सदी की वैश्विक राजनीति में एक केंद्रीय शक्ति बना देगी।

Tags: ChinaIndiaJaishankarModiRussiaचीनजिनपिंगभारत-रूस संबंधराष्ट्रपति पुतिनरूस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘हम नहीं, चीन है रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार’, विदेश मंत्री ने अमेरिका और यूरोप पर साधा निशाना

अगली पोस्ट

इंदौर में लव जिहाद: ओवैस ने ‘अवि’ बनकर युवती को फंसाया, रेप किया, तीसरी मंजिल से कूदने पर किया मजबूर

संबंधित पोस्ट

चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है
चर्चित

चक्रवात ‘दित्वाह’ से लड़ रहे श्री लंका की मदद को भारत ने बढ़ाया हाथ, ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ ने बताया भारत क्यों है सबसे ‘भरोसेमंद’ पड़ोसी

29 November 2025

श्री लंका वक्त, बीते कुछ वर्षों की सबसे बड़ी और खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। चक्रवात दित्वाह ने वहां...

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited