पीएम मोदी ने बिहार की एक बड़ी जनसभा में विपक्ष पर तीखा हमला बोला और अपनी मां को लेकर दिए गए विवादित बयानों पर गहरी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हाल ही में आरजेडी-कांग्रेस के मंच से उनकी दिवंगत मां को गालियां दी गईं, जो न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्हें चोट पहुंचाने वाली बात है बल्कि पूरे देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान है।
पीएम मोदी ने मंगलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपए की राशि को जीविका निधि में ट्रांसफर किया।
मां का अपमान, देश की बेटियों का अपमान
प्रधानमंत्री ने कहा, “बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मेरी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, उनका शरीर भी अब इस दुनिया में नहीं है। इसके बावजूद उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं। यह सिर्फ मेरी मां का नहीं, बल्कि पूरे देश की मां-बहन-बेटियों का अपमान है।”
भावुक अंदाज में साझा किया निजी दुख
मोदी ने सभा में मौजूद बड़ी संख्या में महिलाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे अपना दुख उनसे साझा कर रहे हैं ताकि उनके आशीर्वाद से इस पीड़ा को सहन कर सकें। उन्होंने अपनी मां के संघर्षों को याद करते हुए कहा, “एक गरीब मां ऐसे ही तपकर अपने बच्चों को शिक्षा-दीक्षा देती है, ऊंचे संस्कार देती है। इसलिए मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर माना जाता है। बिहार की ही संस्कृति में कहा जाता है-‘माई के स्थान देवता पीतर से भी ऊपर होला।’”
गरीब मां की तपस्या नामदार नहीं समझ सकते
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि नामदार परिवारों को गरीब मां की तपस्या और उसके बेटे की पीड़ा का अंदाजा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “ये लोग सोने-चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। देश और बिहार की सत्ता इन्हें खानदानी विरासत लगती है। लेकिन जनता-जनार्दन ने एक गरीब मां के बेटे को आशीर्वाद देकर प्रधानसेवक बना दिया। यही बात इन नामदारों को पच नहीं रही है।”
महिला विरोधी मानसिकता उजागर हुई
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मां को गाली देने वाली सोच दरअसल महिलाओं को कमजोर मानने वाली मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “जब-जब महिला विरोधी मानसिकता को सत्ता मिली है, तब-तब सबसे ज्यादा तकलीफें माताओं-बहनों-बेटियों को ही झेलनी पड़ी हैं। ऐसी सोच महिलाओं को शोषण और अत्याचार की वस्तु मानती है।”
कांग्रेस-आरजेडी पर सीधा वार
मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्हें कभी पिछड़े और अति-पिछड़े वर्ग का आगे बढ़ना बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “इनको लगता है कि नामदारों का तो अधिकार है और कामदारों को सिर्फ गालियां मिलनी चाहिए। इसलिए गालियों की झड़ी लगा दी जाती है।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान जहां भावनात्मक था, वहीं उसमें गहरा राजनीतिक संदेश भी छिपा रहा। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और मां के संघर्षों का उल्लेख कर जनता से भावनात्मक जुड़ाव बनाने की कोशिश की और साथ ही विपक्ष पर करारा हमला भी बोला। बिहार की चुनावी राजनीति में यह बयान बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि इसमें महिलाओं के सम्मान और गरीब बनाम नामदार की बहस को एक साथ पिरोया गया।