PM मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: अब तक राष्ट्र के नाम अपने औचक संबोधनों में क्या बोले हैं प्रधानमंत्री?

पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

शाम 5 बजे पीएम मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे

नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से लगातार 13 बार राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं, यही नहीं वो संसद के भाषणों, चुनावी सभाओं या फिर अन्य सार्वजनिक मौकों पर भी जनता से संवाद का कोई मौका नहीं चूकते हैं। लेकिन उनके औचक संबोधन- अक्सर जनता के लिए चौकाने वाले ही साबित हुए हैं। फिर चाहे वो ‘नोटबंदी’ का फैसला रहा हो, या फिर ‘लॉकडाउन’ लगाने का निर्णय। एक-आध मौक़ों को छोड़ दें उनके ऐसे संबोधन अनुमान से परे ही साबित हुए हैं। फिर चाहे वो एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण का ऐलान हो या फिर अग्नि-5 के परीक्षण की घोषणा। ऐसे में सवाल यही है कि आखिर इस बार पीएम मोदी क्या कहने वाले हैं?
ये अनुमान लगाने से पहले समझते हैं कि उन्होने इससे पहले कब-कब इस प्रकार राष्ट्र को संबोधित किया है और उसमें क्या कुछ रहा?

8 नवम्बर 2016 — नोटबंदी (Demonetisation)

8 नवम्बर 2016- मंगलवार का दिन था। शाम 8 बजे तक लोग दफ्तरों से या अपने काम धंधों से लौटकर टीवी के सामने बैठे ही थे कि अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज़ न्यूज़ चैनल्स पर गूंजने लगी। वैसे तो प्रधानमंत्री हर वर्ष 15 अगस्त को लालकिले से राष्ट्र के नाम संबोधन जारी करते ही हैं, लेकिन ये संबोधन अलग था। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते प्रधानमंत्री मोदी ने एक झटके में पाँच सौ एक हज़ार के नोटों को चलन से बाहर कर दिया। कई लोग जो रास्ते में थे, या जो टीवीन्यूज नहीं देख रहे थेउन्हें भी जल्दी ही नोटबंदी के बारे में पता चल गया।

पीएम मोदी ने तब राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था किभ्रष्टाचार और काले धन के नेटवर्क को खत्म करने लिए हमने निर्णय लिया है कि आज मध्यरात्रि, यानी 8 नवम्बर 2016 से पाँच सौ और एक हज़ार रुपये के जो नोट प्रचलन में हैं, वे अब वैध मुद्रा नहीं रहेंगे।

उन्होने नोटबंदी को भ्रष्टाचार, काले धन और फेंक करंसी के खिलाफ़ उठाया गया निर्णायक कदम बताया और देशवासियों से भ्रष्टाचारविरोधी इस लड़ाई में साथ देने की अपील भी की। उन्होने तब कहा था किकुछ समय तक असुविधा होगी, लेकिन लंबे समय में यह राष्ट्र के हित में साबित होगा।

लेनदेन और कारोबार के लिए नकदी पर भरोसा रखने वाले देशवासियों के लिए ये हैरान कर देने वाला फैसला था, लेकिन लोगों ने न सिर्फ इसे स्वीकार किया, बल्कि देश में कैशलेस इकॉनमी की नई लहर शुरू हुई, जोकि आज  UPI क्रांतिमेंबदलचुकीहै।हालांकिविपक्षइसफैसलेकोलेकरपीएममोदीपर

27 मार्च 2019 — मिशनशक्ति

27 मार्च 2019- लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके ऐलान किया कि वो जल्दी ही राष्ट्र के नाम संबोधन जारी करेंगे। इस ऐलान के बाद लोग फिर नोटबंदी जैसे किसी बड़े फैसले को लेकर क़यास लगाने लगे। हालांकि बाद में पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारत ने अपनी एंटीसैटेलाइट मिसाइल (A-SAT) का सफल परीक्षण कर लिया है।पीएम मोदी ने बताया था कि भारत ने स्पेस की लोअर अर्थ ऑर्बिट में मौजूद एक निष्क्रिय सैटेलाइट को मिसाइल से मार कर नष्ट कर दिया है।

उन्होने बताया किभारत ने आज खुद को एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित कर लिया है। अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास यह क्षमता थी, लेकिन अब भारत ऐसी क्षमता रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।

ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी और इसने भारत को स्पेस पावर के रूप में स्थापित कर दिया।हालांकि चीन और अमेरिका जैसे देशों ने इसे लेकर भारत का विरोध भी किया था।

8 अगस्त 2019 — Article 370 और जम्मूकश्मीर पर संबोधन

2019 के आम चुनावों में बीजेपी को लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत मिला और 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ थी। इसके तुरंत बाद नई सरकार के पहले ही सत्र (मॉनसून सत्र) में गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दो बड़े बिल पेश किए।

पहला था Presidential Order यानी राष्ट्रपति का अध्यादेशजिसके जरिए अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने और राष्ट्रपति की शक्तियों के आधार पर संविधान की सभी धाराएँ पूरी तरह जम्मूकश्मीर में लागू करने का प्रस्ताव रखा गया।

दूसरा थाजम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 (Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2019)

इस बिल के तहत जम्मूकश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) में बाँटने का प्रस्ताव रखा गया:

6 अगस्त 2019 को ही ये बिल लोक सभा से भी पास हो गए और इसके ठीक तीन दिन बाद 8 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधन जारी किया। इस संबोधन में उन्होने जम्मूकश्मीर में हुए इस बड़े प्रशासनिक/संवैधानिक बदलाव और उससे होने वाले प्रभावों पर बात रखी

उन्होने कहा था, “अनुच्छेद 370 और 35A ने जम्मूकश्मीर को सिर्फ अलगाववाद, आतंकवाद, वंशवाद और भ्रष्टाचार दिया, लेकिन जम्मूकश्मीर और लद्दाख अब देश के बाकी हिस्सों से कटे हुए नहीं रहेंगे। वे अब पूरे भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे।

24 मार्च 2020 — कोविड-19: लॉकडाउन
2020
की फरवरी खत्म होते होते चीन और दुनिया के दूसरे हिस्सों से एक रहस्यमयी बीमारी की खबरें सामने आने लगी थीं। ये एक अदृश्य दुश्मन थाएक वायरस, जिसे कोविड-19 का नाम दिया गया। जल्दी ही ये भारत में भी इसके केस सामने आने लगे। 140 करोड़ की आबादी वाले एक देश के लिए ऐसे तेज़ी से फैलने वाले वायरस से लड़ना अपने आप में बहुत मुश्किल चुनौती थी।

सरकार इसे लेकर क्या करेगीक्या नहीं? इसे लेकर अटकलों का दौर जारी थाऐसे में पीएम मोदी एक बार फिर रात 8 बजे सामने आए और 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी nationwide lockdown का ऐलान कर दिया।

पीएम मोदी ने तब राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था  आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन होने जा रहा है। भारत को बचाने के लिए, हर भारतीय को बचाने के लिए, आपके घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी होगी।

उन्होने कहा किमैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूँजहाँ हैं वहीं रहें। घर से बाहर न निकलें। सिर्फ़सोशल डिस्टेंसिंगही हमें बचा सकती है। और अगर हम अगले 21 दिन नहीं संभले, तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा।

19 नवंबर 2021- कृषि कानूनों की वापसी

2021 आतेआते किसान आंदोलन की धार कुंद हो चली थी, लेकिन किसानों के कुछ जत्थे फिर भी दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हुए थे। सबका यही मानना था कि जब केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के चरम पर होने के बावजूद भी पीछे हटने के संकेत नहीं दिएतो अब जबकि आंदोलन लगभग ठंडा (एक्सपोज़) हो चुका है, तब सरकार के पीछे हटने का सवाल ही नहीं पैदा होता।

दिल्ली में ठंड शुरू हो चुकी थी, तभी 19 नवंबर को गुरु प्रकाश पर्व (गुरु नानक जयंती) के मौक़े पर पीएम मोदी सुबह के वक्त टीवी पर आए और ऐलान किया कि सरकार देश हित में तीनों कृषि क़ानून वापस ले रही है।

उन्होने कहा कि, “ मैं किसानों के हित के लिए कृषि क़ानून लाया था, लेकिन देश हित के लिए इन कानूनों को वापस ले रहा हूं।

उन्होने किसानों से अपील करते हुए कहा कि, “मैं किसान भाइयों से आग्रह करता हूँ कि वे अपनेअपने घरों, खेतों और परिवार के पास लौटें और एक नई शुरुआत करें।

11 मार्च 2024: ‘मिशन दिव्यास्त्रका ऐलान

तीसरी बार लोक सभा चुनावों में जाने से ठीक पहले– 11 मार्च 2024 को पीएम मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र के नाम संदेश जारी करने का ऐलान किया। चुनावी माहौल थालिहाजा अटकलों का दौर शुरू हो गया। हालांकि इस बार पीएम मोदी ने पिछली बार की तरह कोई संबोधन नहीं जारी किया, बल्कि एक एक्स पोस्ट की औरमिशन दिव्यास्त्रके सफल परीक्षण की जानकारी दी। ये मिसाइल कुछ और नहीं बल्कि Agni सीरीज़ की ही अग्नि-5 मिसाइल थी। 5,000 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज वाली इस मिसाइल को भारत की ICBM (इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) के रूप में देखा जाता है, जो एक साथ कई ठिकानों पर परमाणु हथियार दाग सकती है।

12 मई 2025 —‘ऑपरेशन सिंदूरके बाद बाद राष्ट्रसंबोधन

6-7 मई की दरम्यानी रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके के अंदर 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। ये 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले का जवाब था। कुछ घंटों की लड़ाई में ही पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और पाकिस्तान की रिक्वेस्ट पर 10 मई 2025 को भारत ने सीज़फायर का ऐलान कर दिया। सीजफायर को लेकर सेना के बयान के बावजूद विपक्ष के द्वारा इस पर सवाल उठाए जा रहे थे। इसके बाद 12 मई 2025 को एक बार पीएम मोदी ने शाम 8 बजे ‘Operation Sindoor’ के बाद पहली बार देश को संबोधित किया।

जिसमें उन्होने साफ़ कर दिया कि हिंदुस्तान पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकियों से नहीं डरेगा और हर आतंकी हमले को एक्ट ऑफ वॉर मानते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

21 सितंबर 2025- ‘महा बचत’ उत्सव की शुरुआत 

वहीं आज पीएम मोदी ने जीएसटी सुधार एवं आयकर में दी गई छूट के बारे में बात की। उन्होने कहा कि इन बड़े टैक्स सुधारों से देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हो रही है। यही नहीं उन्होने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रयास करने की भी अपील की। दरअसल उनका ये संबोधन ऐसे वक्त में हुआ जबकि अगले ही दिन यानी 22 सितंबर को GST के सुधार जारी हो रहे हैं और नई संशोधित दरें कल से ही लागू हो जाएंगी।

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