एक ओर जहाँ पूरे देश में नवरात्रि के पावन पर्व को लेकर उत्सव का वातावरण है, घर–घर में माँ दुर्गा की प्रतिमाएँ सज रही हैं और पंडालों में भक्तिभाव का माहौल है, वहीं दूसरी ओर कट्टरपंथी तत्व एक बार फिर हिन्दू पर्वों से पहले नापाक साज़िश में जुट गए हैं। दरअसल कानपुर में ‘I Love Muhammad’ के बैनर को लेकर भड़की आग उन्नाव तक पहुँच चुकी है। ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर पर मचे बवाल को हथियार बनाकर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जगह–जगह हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश का उन्नाव शहर रविवार (21 सितम्बर 2025) की रात हिंसा की आग में झुलस उठा। मुस्लिम समुदाय के 100 से अधिक लोग बिना अनुमति जुलूस निकालते हुए सड़कों पर उतर आए। इस जुलुस में केवल पुरुष ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बुर्का पहने महिलाएँ भी शामिल थीं। भीड़ ने मां दुर्गा के मंदिर के सामने हंगामा शुरू कर दिया और खुलेआम ‘सर तन से जुदा’ जैसे जिहादी नारे भी लगाए। मौके की संवेदनशीलता को देखते हुए जब वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो न सिर्फ पुलिस पर पथराव किया गया, बल्कि भीड़ में शामिल कुछ महिलाओं ने पुलिस कर्मियों के हाथ से लाठी छीनने का भी प्रयास किया।
30 उपद्रवियों पर FIR दर्ज, 6 गिरफ़्तार
कानपुर से शुरू हुआ “आई लव मोहम्मद” का विवाद अब उन्नाव तक पहुँच चुका है और लगातार कई जिलों में इसे बहाना बनाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। शनिवार को भी कुछ लोगों ने गुपचुप तरीके से जुलूस निकाला था, जिसकी जानकारी पुलिस तक नहीं पहुँच पाई। लेकिन रविवार की रात शुक्लागंज इलाके में अचानक बड़ी संख्या में युवक सड़क पर उतर आए और जोर–जोर से नारेबाजी करने लगे। पुलिस के रोकने व समझाने पर भीड़ द्वारा पथराव भी किया गया।
हालात काबू में लाने के लिए प्रशासन ने दंगा नियंत्रण वाहन और PAC के जवानों को तैनात किया। आसपास के कई थानों से फोर्स बुलाकर चप्पे–चप्पे पर पुलिस तैनाती की गई। जिले में धारा 163 डीएमपीएस एक्ट पहले से लागू है, जिसके तहत पांच से अधिक लोगों का जुटना प्रतिबंधित है, इसके बावजूद बड़ी भीड़ इकट्ठी होकर कानून की धज्जियाँ उड़ाती रही। पथराव की वजह से कई घरों और दुकानों को नुकसान हुआ। घटना के बाद पुलिस ने सख़्ती दिखाते हुए अहमद पुत्र अहमद, मोहम्मद वसीम पुत्र अहमद, अयान पुत्र अनीश, सोहेल और आलम पुत्र आलम समेत आठ लोगों को नामजद किया है, जबकि 30 अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा दर्ज कर छह लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा डालने और उपद्रव फैलाने के गंभीर आरोपों में कार्रवाई शुरू कर दी है। इलाके में अभी भी पुलिस बल तैनात है और माहौल को सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं।
हिंदुओं के धार्मिक बैनर फाड़ने पर शुरू हुआ था विवाद, अब कहानी कुछ और बताई जा रही है
ये पूरा विवाद कानपुर से शुरू हुआ था। दरअसल, इस महीने की शुरुआत में 4 सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं के एक धार्मिक बैनर को फाड़ दिया था, इसे लेकर विवाद शुरू हुआ, लेकिन इसे बाद में दूसरा रंग दे दिया गया। पुलिस का दावा है कि ‘आइ लव मोहम्मद के स्लोगन’ से मुकदमे का कोई लेनादेना नहीं है।
मुकदमा बारावफात की रोशनी कार्यक्रम के दौरान बिना अनुमति के गेट बनाने और हिंदुओं के द्वारा लगाए जाने वाले भंडारे का बैनर फाड़ने पर हुआ। लेकिन इसके बावजूद झूठा नैरेटिव फैलाया गया और देशभर में प्रदर्शन कर सर तन से जुदा के नारे लगा रहे कट्टरपंथी और उनके समर्थक यही दावा करते रहे कि उनके ऊपर सिर्फ इसलिए केस दर्ज हुआ क्योंकि उन्होने“आई लव मोहम्मद” का बैनर लगाया था।
दरअसल, यही झूठा नैरेटिव आगे बढ़ाकर नवरात्रि जैसे पावन पर्व से ठीक पहले एक बार फिर सामाजिक सौहार्द और समरसता को चोट पहुँचाने की साजिश रची जा रही है, जिससे सावधान रहने की ज़रूरत है।