हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

हिमाचल प्रदेश में हाल के महीनों में कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में देरी ही नहीं, बल्कि कटौती की बात ने भी गहरी चिंता पैदा कर दी है।

TFI Desk द्वारा TFI Desk
8 September 2025
in अर्थव्यवस्था, चर्चित, राजनीति, वाणिज्य, समीक्षा
हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि वित्तीय कठिनाइयों के चलते सभी कर्मचारियों को तत्काल सैलरी-DA देना संभव नहीं है।

Share on FacebookShare on X

हिमाचल प्रदेश में हाल के महीनों में कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में देरी ही नहीं, बल्कि कटौती की बात ने भी गहरी चिंता पैदा कर दी है। यह सिर्फ़ सरकारी कर्मचारियों का मसला नहीं है, बल्कि पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था, छोटे व्यापार और सामाजिक ताने-बाने पर असर डालने वाला मुद्दा है। विपक्षी भाजपा ने इसे कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी विफलता करार दिया है और जनता के बीच इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने में लगी है।

वेतन कटौती: सरकार का तर्क बनाम कर्मचारियों की तकलीफ़

वित्तीय संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर कटौती की बात कही। सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य की आर्थिक हालत बहुत खराब है और सरकार के पास वेतन-पेंशन के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने खुद का वेतन दो माह तक न लेने की घोषणा कर यह संदेश देने की कोशिश की कि वे भी इस बोझ को साझा कर रहे हैं।

संबंधितपोस्ट

आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

अरुणाचल निकाय चुनाव में BJP का दबदबा: 170 सीटों पर जीत, PPA को 28; ईटानगर नगर निगम के 14 वॉर्ड भाजपा के नाम

भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

और लोड करें

लेकिन कर्मचारियों का गुस्सा इससे शांत नहीं हुआ। कर्मचारी संगठनों ने साफ कहा कि वेतन कटौती या देरी किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। उनका तर्क है कि वे पहले से महंगाई, आवास और शिक्षा के बढ़ते खर्च से जूझ रहे हैं। भाजपा ने भी इस कदम को कर्मचारियों के अधिकारों पर हमला बताया और कहा कि सरकार ने अपनी नाकामी का बोझ मेहनतकशों पर डाल दिया है।

आर्थिक संकट की जड़ें

सच यह है कि हिमाचल का राजस्व घाटा लगातार बढ़ रहा है। जीएसटी मुआवजा बंद होने, केंद्र से मिलने वाले अनुदान में कटौती और प्राकृतिक आपदाओं से विकास परियोजनाओं पर अतिरिक्त खर्च के कारण खज़ाना खाली हुआ। वेतन और पेंशन मद राज्य के बजट का लगभग आधा हिस्सा खा रहे हैं।

भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव जीतने के लिए मुफ्त बिजली, महिलाओं को भत्ता और लाखों नौकरियों के वादे कर डाले लेकिन इनके लिए वित्तीय रोडमैप तैयार नहीं किया। अब जब पैसा नहीं है तो सबसे आसान रास्ता चुना — कर्मचारियों की जेब पर कैंची चला दी।

कर्मचारियों का मनोबल और सामाजिक असर

वेतन कटौती और देरी से कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है। पेंशनरों के लिए यह और भी मुश्किल है क्योंकि उनकी पूरी आय इसी पर निर्भर है। छोटे शहरों और कस्बों में वेतन दिवस का मतलब है बाजार में खरीदारी और व्यापार में रौनक। जब वेतन समय पर नहीं मिलता या कम मिलता है तो खपत घटती है, जिससे छोटे व्यापारी और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ता है।

HRTC जैसे सार्वजनिक उपक्रमों में स्थिति इतनी बिगड़ी कि हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और आदेश दिया कि कर्मचारियों का बकाया चुकाया जाए। यह स्थिति बताती है कि वित्तीय प्रबंधन में गंभीर खामियां हैं।

भाजपा का आक्रामक रुख

भाजपा ने विधानसभा से लेकर सड़क तक इस मुद्दे को उठाया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने वित्तीय अनुशासन तोड़ा और अब कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि सरकार वादे पूरे नहीं कर सकती थी तो ऐसे अव्यावहारिक वादे करने ही क्यों गए।

भाजपा यह भी याद दिला रही है कि उनके शासन में भले ही कर्ज़ बढ़ा, लेकिन वेतन और पेंशन समय पर दिए जाते थे और कर्मचारियों को ऐसी असुरक्षा का सामना नहीं करना पड़ा।

चुनावी असर

हिमाचल में सरकारी कर्मचारी और पेंशनर एक बड़ा वोट बैंक हैं। वेतन कटौती का यह मुद्दा आने वाले चुनावों में निर्णायक बन सकता है। भाजपा इसे “कांग्रेस की आर्थिक विफलता” का सबूत बताकर जनता के बीच ले जा रही है।

आगे की राह

आर्थिक सुधार के लिए सरकार को कर्ज़ पुनर्गठन, राजस्व बढ़ाने के नए रास्ते और अनुत्पादक खर्च पर नियंत्रण की जरूरत है। केवल वेतन कटौती से समस्या हल नहीं होगी बल्कि कर्मचारियों का असंतोष और बढ़ेगा। भाजपा पहले ही यह नैरेटिव बना चुकी है कि सरकार कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में सैलरी कटौती सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है। कर्मचारियों का गुस्सा और विपक्ष का हमला दोनों मिलकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस सरकार को चाहिए कि वह तात्कालिक संकट से बाहर निकलने के लिए पारदर्शी रोडमैप दे और जनता को भरोसा दिलाए। अन्यथा भाजपा इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने का पूरा प्रयास करेगी।

हिमाचल प्रदेश में वेतन-पेंशन कटौती: आर्थिक दबाव या प्राथमिकताओं का सवाल?

वित्तीय चित्र का आकलन

2024–25 (BE): राज्य की कमाई (revenue receipts) लगभग ₹42,181 करोड़ थी; वहीं वेतन, पेंशन और ब्याज पर खर्च मिलाकर ₹33,463 करोड़ यानी राजस्व का 79% हिस्सा गया। इस आंकड़े से स्पष्ट है कि वेतन-पेंशन जैसे स्थायी व्यय ने बजट की ज़्यादातर सुविधा स्थान ही हास‍िल कर लिया।

2025–26 (BE): कुल बजट ₹58,514 करोड़ में से, केवल 24% विकास कार्यों पर ख़र्च होगा; जबकि वेतन (25%), पेंशन (20%), ब्याज (12%) और ऋण चुकौती (10%) मिलाकर 67% हिस्सा ले रहे हैं। इसका मतलब बजट का भारी हिस्सा कर्मचारियों व कर्ज़ पर ही व्यतीत हो रहा है, विकास व्यय ग्राउंड पर घटा है।

कर्ज का बोझ: हिमाचल प्रदेश का कर्ज़—जो 2018 में ₹47,906 करोड़ था—2024 में बढ़कर ₹86,589 करोड़ तक पहुँच चुका है, और 2025–26 में यह अनुमानित रूप से ₹1 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। कर्ज़-to-GSDP अनुपात लगभग 44–45% है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक में से है।

वित्तीय असंतुलन: CAG ने FY 2023–24 के लिए रिपोर्ट दी कि राजस्व-खर्च असंतुलन लगातार बना हुआ है — राजस्व घाटा ₹5,558 करोड़ (2.68% of GSDP) और राजस्व व्यय का 72% हिस्सा ऐसा है जिसे बदला नहीं जा सकता।

सैलरी कटौती की पृष्ठभूमि: सरकार का तर्क और भाजपा की प्रतिक्रिया

सरकार की स्थिति

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि वित्तीय कठिनाइयों के चलते सभी कर्मचारियों को तत्काल सैलरी-DA देना संभव नहीं है। 2025–26 बजट भाषण में उन्होंने 3% DA जारी करने की घोषणा की, जबकि बाकी 8% का भुगतान “आर्थिक सुधारों के बाद” किया जाएगा।

केंद्र से मिलने वाली राजस्व घाटा अनुदान (RDG) ₹11,000 करोड़ से घटकर अब ₹3,200 करोड़ रह गई है—जिसे वित्तीय तंगी का एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है।

BJP का तर्क

भाजपा ने विधानसभा में सैलरी कटौती की कड़ी आलोचना की, इसे कर्मचारी वर्ग की उपेक्षा बताया और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष ने कहा कि कर्मचारियों ने इस सरकार को सत्ता में पहुंचाने में योगदान दिया था, उन्हें धोखा नहीं देना चाहिए था। भाजपा यह भी कह रही है कि कांग्रेस सरकार ने अव्यवहारिक वादे किए जिनका वित्तीय आधार नहीं था, और अब परेशानी का बोझ सीधे कर्मचारियों पर आया है।

सरकारी कर्मचारी और आम जनता पर प्रभाव

आय में कटौती/देरी से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिरता प्रभावित होती है। महंगाई के बढ़ते दबाव में यह चोट उनकी जीवनशैली पर सीधा असर डालता है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था: जब सैलरी और DA समय पर नहीं मिलते, तो बाजार में मांग कम होती है—छोटे व्यापार एवं किराना दुकानों में बिक्री घटती है।

सार्वजनिक उपक्रमों में बाधा: जैसे HRTC में वेतन बकाया सवालों का विषय बना—इससे सार्वजनिक सेवाओं की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है।

राजनीतिक और चुनावी मायने

हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारी और पेंशनर एक बड़ा वोट बैंक हैं। सैलरी कटौती इस वर्ग का असंतोष बढ़ाएगी, और भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बना सकती है। भाजपा यह स्पष्ट कर रही है कि कांग्रेस की नीतियों ने राज्य को वित्तीय रूप से बेहाल किया, और अब कर्मचारियों पर इसका प्रत्यक्ष भार डालना लोकतंत्र के महत्त्व को ठेस पहुंचाता है।

निष्कर्ष एवं आगे के विकल्प

वित्तीय दबाव वास्तविक है — राज्य की राजस्व सीमा के पार, कर्ज़ बढ़ रहा है और केंद्र की मदद घट रही है — लेकिन कर्मचारियों को कटौती या देरी के नाम पर वित्तीय बोझ नहीं उठाना चाहिए।

सरकार के पास विकल्प — जैसे गैर-ज़रूरी खर्च में कटौती, सब्सिडी का पुनः मूल्यांकन, कर राजस्व बढ़ाने के उपाय या विज़न-आधारित वादों की जगह बजट संतुलन।

पारदर्शिता जरूरी — सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि DA और सैलरी में देरी कितनी अस्थायी है, और कब पूरा भुगतान होगा — ताकि कर्मचारियों में भरोसा पैदा हो।

BJP के पास नैरेटिव प्रबल है — यदि कांग्रेस वित्तीय सुधार का रोडमैप नहीं दिखाती, तो भाजपा का यह दांव कि कांग्रेस ने कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है, चुनावी रूप में और प्रभावी बन जायेगा।

कमिटेड व्यय वेतन-पेंशन-ब्याज पर 79–67% राजस्व खर्च
कर्ज और घाटा कर्ज़ ₹1 लाख करोड़, राजस्व घाटा ~2.5% GSDP
सैलरी/DA देरी DA में देरी, केवल 3% DA जारी; बाकी बाद में
भाजपा रुख कर्मियों के साथ अन्याय, वादाखिलाफी का आरोप
आम जनता प्रभाव खर्च में कटौती, स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित
राजनीतिक असर बड़ा कर्मचारी वोट बैंक असंतुष्ट, चुनावी परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।

Tags: BJPCongressemployees problemHimachal Pradeshsalary crisissalary cutकर्मचारियों की समस्याकांग्रेसभाजपावेतन में कटौतीवेतन संकटहिमाचल प्रदेश
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल हैं, लेकिन केंद्र सरकार को उन्हें मुआवजा देने में क्यों हो रही है दिक्कत?

अगली पोस्ट

पंजाब में बाढ़, बीमा की कमी और किसानों की त्रासदी

संबंधित पोस्ट

अस्थिरता के साये में बांग्लादेश
राजनीति

हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

23 December 2025

छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की 11 दिसंबर को हुई हत्या के बाद बांग्लादेश में हालात और अधिक बिगड़ गए हैं। हादी का संबंध नेशनल...

23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द
इतिहास

23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

23 December 2025

भारत में परावर्तन आंदोलन के सबसे प्रभावशाली और निर्भीक अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि भारत में निवास करने वाले मुसलमानों के...

अटल मोदी
राजनीति

आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

23 December 2025

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आंध्र प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से ‘अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा’ की शुरुआत कर रही है। इस यात्रा...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited