भारत और अमेरिका के बीच हाल के दिनों में टैरिफ, तेल व्यापार और रणनीतिक रिश्तों को लेकर खींचतान चल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों से जहां भारत में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है, वहीं इसी बीच अमेरिका की प्रसिद्ध पॉप सिंगर और अभिनेत्री मैरी मिलबेन एक बार फिर भारतीय मीडिया की सुर्खियों में हैं। वजह है राहुल गांधी पर उनका करारा जवाब, जिसमें उन्होंने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव किया है बल्कि भारत के प्रति अपने सम्मान और प्रेम को भी खुलकर जताया है।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया था कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से “डरते हैं” और इसी कारण बार-बार उन्हें बधाई संदेश भेजते हैं। राहुल के इस बयान पर मैरी मिलबेन ने सोशल मीडिया के माध्यम से तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “भारत के प्रधानमंत्री मोदी निडर, निर्णायक और वैश्विक नेतृत्व के प्रतीक हैं।” उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी कि “जो व्यक्ति अपने देश का नेतृत्व करने के लिए खड़ा है, उसकी आलोचना से पहले उसके योगदानों को समझना चाहिए।”
कौन हैं मैरी मिलबेन?
मैरी मिलबेन का जन्म अमेरिका के ओक्लाहोमा शहर में एक ईसाई परिवार में हुआ था। उनकी मां एक पेंटेकोस्टल संगीत पादरी थीं, जिनसे उन्हें संगीत की प्रेरणा मिली। उन्होंने मात्र पांच वर्ष की उम्र में गाना शुरू किया और धीरे-धीरे अमेरिकी संगीत जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
मैरी मिलबेन उन चुनिंदा कलाकारों में से हैं जिन्होंने लगातार चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों — जॉर्ज बुश, बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन — के सामने राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए।
भारत से जुड़ाव और ‘ओम जय जगदीश हरे’
भारत में मैरी मिलबेन का नाम 2020 में उस समय चर्चा में आया जब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय राष्ट्रगान गाया। लेकिन उनकी वास्तविक लोकप्रियता तब बढ़ी जब उन्होंने दिवाली के अवसर पर “ओम जय जगदीश हरे” का मधुर गायन किया। इस वीडियो को भारत और अमेरिका में करोड़ों लोगों ने देखा और सराहा।
उनकी इस प्रस्तुति में भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान और अपनत्व झलकता था। 2022 में उन्हें भारत सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया गया और 2023 में उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भारत-अमेरिका संयुक्त समारोह में राष्ट्रगान गाकर दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने का संदेश दिया।
भारत प्रेम और मोदी समर्थक रुख
मैरी मिलबेन ने कई बार सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। उन्होंने कहा था कि “मुझे भारत से प्रेम है, और मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत और उसके नागरिकों की प्रगति के लिए सर्वश्रेष्ठ नेता हैं।” उनकी यह भावनाएं केवल शब्दों तक सीमित नहीं हैं। वे अक्सर भारत की सांस्कृतिक धरोहर, योग, अध्यात्म और नारी सशक्तिकरण के विषयों पर खुलकर बोलती हैं।
नीतीश कुमार पर भी साधा था निशाना
मैरी मिलबेन सिर्फ गायक ही नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखती हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिलाओं पर दिए गए विवादास्पद बयान पर उन्होंने कड़ा विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि बिहार की साहसी महिलाएं नेतृत्व के लिए आगे आएं और बीजेपी जैसी पार्टियों को महिलाओं को अधिक राजनीतिक अवसर देने चाहिए। उन्होंने इसे “वास्तविक महिला सशक्तिकरण” बताया।
राहुल गांधी को जवाब और भारत की गरिमा
राहुल गांधी के बयान के बाद मैरी मिलबेन ने जो प्रतिक्रिया दी, वह केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं थी, बल्कि भारत की गरिमा और वैश्विक सम्मान का प्रतीक बन गई। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो न केवल भारत बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया जब कुछ विदेशी मीडिया संस्थान भारत की वैश्विक नीतियों को लेकर पूर्वाग्रहपूर्ण टिप्पणियां कर रहे थे। ऐसे में एक अमेरिकी कलाकार द्वारा भारत के प्रधानमंत्री और भारत की संस्कृति के पक्ष में खुलकर बोलना अपने आप में बड़ी बात है।
भारत-अमेरिका संबंधों की सांस्कृतिक डोर
मैरी मिलबेन जैसी हस्तियां भारत-अमेरिका संबंधों में एक मानवीय पुल का काम करती हैं। राजनीति, रक्षा या व्यापार से परे, वे सांस्कृतिक स्तर पर दोनों देशों को जोड़ती हैं। उनका कहना है कि “भारत केवल एक देश नहीं, बल्कि एक भावना है — जो संगीत, अध्यात्म और मानवीय एकता से जुड़ा हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सभ्यता की सबसे बड़ी ताकत उसका ‘विविधता में एकता’ का दर्शन है, जो विश्व को एक परिवार वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव से जोड़ता है।
मैरी मिलबेन का भारत के प्रति प्रेम केवल उनके शब्दों में नहीं, बल्कि उनके कार्यों में भी झलकता है। चाहे वह दिवाली पर ‘ओम जय जगदीश हरे’ का गायन हो या प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में राष्ट्रगान की प्रस्तुति, हर बार उन्होंने भारतीयता का सम्मान बढ़ाया है। राहुल गांधी पर उनकी प्रतिक्रिया केवल एक राजनीतिक जवाब नहीं थी, बल्कि यह एक विदेशी नागरिक का उस भारत के प्रति स्नेह का प्रदर्शन था, जिसने उन्हें आध्यात्मिक रूप से छुआ है। आज जब पश्चिमी दुनिया में कई जगह भारत के प्रति पूर्वाग्रहपूर्ण धारणाएं देखी जाती हैं, ऐसे में मैरी मिलबेन जैसी आवाजें भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक आत्मविश्वास की प्रतीक बनकर उभर रही हैं, यह बताने के लिए कि भारत अब केवल सुनने वाला राष्ट्र नहीं, बल्कि प्रेरणा देने वाला राष्ट्र बन चुका है।