भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि, पाकिस्तान नहीं: बिहार चुनाव में बुर्का विवाद पर गिरिराज सिंह ने विपक्ष को दिखाया आईना

गिरिराज सिंह ने बिहार चुनाव में बुर्का विवाद पर विपक्ष को आईना दिखाया। भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि, पाकिस्तान नहीं। वोटिंग में कड़ी पहचान जांच जरूरी।

भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि, पाकिस्तान नहीं: बिहार चुनाव में बुर्का विवाद पर गिरिराज सिंह ने विपक्ष को दिखाया आईना

पूरे घटनाक्रम में विपक्ष की भूमिका निराशाजनक और राष्ट्र विरोधी दिखाई देती है।

बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण देश के लोकतंत्र की ताकत और सुरक्षा का एक बड़ा परीक्षण है। इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि भारत पाकिस्तान या किसी इस्लामिक राष्ट्र की तरह नहीं है, बल्कि यहां लोकतंत्र सर्वोपरि है। बुर्का पहनकर वोट डालने वाले मतदाताओं की कड़ी जांच इस बात की गारंटी है कि वोटिंग निष्पक्ष और ईमानदार रहे।

गिरिराज सिंह ने वोटिंग के बाद मीडिया से स्पष्ट कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है, और यहां शरिया कानून लागू नहीं होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहचान जांच चुनाव आयोग के नियमों के तहत अनिवार्य है। जब कोई नागरिक आधार कार्ड बनवाता है या एयरपोर्ट पर जाता है, तो उसका चेहरा दिखाना अनिवार्य होता है। बुर्का पहनकर फर्जी मतदान की कोई गुंजाइश नहीं है। यह केवल वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता और लोकतंत्र की रक्षा का मामला है।

लेकिन विपक्ष, खासकर राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता, इस मुद्दे को राजनीतिक अवसर में बदलने में लगे हैं। उन्हें लोकतंत्र और वोटिंग की पारदर्शिता की कोई चिंता नहीं है। गिरिराज सिंह के बयान पर चिराग पासवान ने भी पलटवार किया और विपक्ष की राजनीति को बेअसर बताया। उनका कहना है कि कांग्रेस अगर अपने आरोपों पर विश्वास करती है तो उन्हें अदालत में जाना चाहिए, न कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाना चाहिए।

गिरिराज सिंह ने यह स्पष्ट किया कि बुर्का पहनकर वोटिंग में धांधली रोकने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्थानीय अधिकारियों का सहयोग जरूरी है। यह केवल चुनाव आयोग के नियमों का पालन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित करने का कदम है। पीएम मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह पहल समाज में विकास और स्थिरता का प्रतीक है।

भारत में लोकतंत्र की ताकत इस बात में है कि सभी नागरिक वोट डाल सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विपक्षी नेताओं का यह दावा कि बुर्का पहनने वाले मतदाता निशाने पर हैं, पूरी तरह राजनीतिक है और वास्तविकता से दूर है। गिरिराज सिंह के बयान ने यह साबित कर दिया कि भारत में वोटिंग निष्पक्ष और सुरक्षित रहेगी।

बिहार में पहले फेज़ के लिए 121 सीटों पर मतदान चल रहा है। कुल 3.75 करोड़ से अधिक मतदाता 1,314 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। 45,341 मतदान केंद्रों में से 36,733 ग्रामीण इलाकों में हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बड़े लोकतांत्रिक उत्सव में लोकतंत्र की रक्षा सर्वोपरि है और किसी भी राजनीतिक दंभ या फर्जीवाड़ा इसे प्रभावित नहीं कर सकता।

इस पूरे घटनाक्रम में विपक्ष की भूमिका निराशाजनक और राष्ट्र विरोधी दिखाई देती है। राहुल गांधी जैसे नेता राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दों को भड़काते हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री और अन्य नेतृत्व लोकतंत्र की सुरक्षा और ईमानदारी सुनिश्चित करने में लगे हैं। यह स्पष्ट संदेश है कि भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि है और किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गिरिराज सिंह ने चुनाव आयोग और भारतीय लोकतंत्र की ताकत को उजागर करते हुए विपक्ष के दावों को हवा में उड़ा दिया। यह दिखाता है कि भारतीय लोकतंत्र मजबूत है और किसी भी राजनीतिक विरोध या धांधली की कोशिश के सामने अडिग है। जनता और मतदाता इस लोकतांत्रिक ताकत का प्रमाण हैं, और उनके सहयोग से भारत में लोकतंत्र हमेशा जीवित रहेगा।

अंततः, यह साफ़ हो गया है कि बिहार में लोकतंत्र की रक्षा, वोटिंग की पारदर्शिता और विपक्ष की राजनीतिक बयानबाज़ी — यह सभी तत्व एक साथ मिलकर यह संदेश देते हैं कि भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि है। कोई भी पाकिस्तान जैसी राजनीति या शरिया कानून का भ्रम यहाँ नहीं चलेगा। और जो विपक्ष हवा में सवाल उठाता रहा, उसका जवाब बस इतना है: ‘भारत में लोकतंत्र जिंदा है, और आपकी राजनीति तुच्छ है।’

Exit mobile version