भारत को समझना हो तो भारत के सैनिक को देखना पड़ता है। मेजर (रिटायर्ड) विक्रांत कुमार जेटली का मामला इस सच्चाई का जीवंत प्रमाण है कि जब तक सैनिकों का सम्मान नहीं होगा, राष्ट्र की शक्ति अधूरी है। चार पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा देने वाला यह परिवार केवल इतिहास में नहीं, वर्तमान में भी भारत की रक्षा का प्रतीक है। वह सिर्फ़ एक रिटायर्ड अफसर नहीं हैं, वह COAS Gallantry Commendation से सम्मानित 3 PARA Special Forces के अनुभवी कमांडो हैं, जिन्होंने अपनी पूरी जवानी राष्ट्र की सेवा में लगा दी। जब एक ऐसा सैनिक नौ महीने तक अज्ञात अवस्था में रहता है, जब उसके बारे में कोई सूचना नहीं मिलती और फिर उसकी डिटेंशन की खबर आती है, तो यह सिर्फ़ एक व्यक्तिगत दुख नहीं है, यह पूरे राष्ट्र की रीढ़ को झकझोरने वाली घटना है।
देश ने देखा है कि इसके पहले के वर्षों में ऐसे मामलों में केवल डोज़ियर, हल्की बयानबाजी और कैंडल मार्च ही विकल्प रहते थे। 2025 में भारत अब वह राष्ट्र नहीं है जो सिर्फ़ इंतजार करता था। यह नया भारत है, सक्रिय, निर्णायक और अपने सैनिकों के पीछे खड़ा होने वाला। दिल्ली हाईकोर्ट ने जस्टिस सचिन दत्ता के आदेश के साथ केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया, स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और नोडल अधिकारी नियुक्त कर मामले की लगातार निगरानी सुनिश्चित की। हाईकोर्ट का यह कदम केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं है, यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब अपने सैनिकों के प्रति निष्क्रिय नहीं रहेगा।
सिर्फ़ अदालत नहीं, बल्कि मोदी सरकार ने भी अपने स्पष्ट संदेश के साथ इसे प्राथमिकता दी है। 2014 के बाद की रणनीति यही रही है कि भारत अपने नागरिकों और सैनिकों को किसी भी परिस्थिति में अकेला नहीं छोड़ता। कतर नेवी केस, अफगानिस्तान से निकासी ऑपरेशन, यूक्रेन में भारतीय छात्रों और नागरिकों के सुरक्षित निकासी अभियान, ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि भारत अब केवल कूटनीति और इंतजार से काम नहीं चलाता, बल्कि सक्रिय कार्रवाई करता है। यह नीति अब सैनिकों के साथ सीधे जुड़ी हुई है, और मेजर विक्रांत जेटली का मामला इसे और भी गंभीर बना देता है।
RAW, Military Intelligence और MEA का यह त्रिकोण इस मामले में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। RAW ने विदेशी लोकेशन और ऑपरेशनल क्लू जुटाने का काम किया, MI ने सैनिक की रणनीतिक स्थिति और सुरक्षा पर नजर रखी, और MEA ने राजनयिक माध्यमों से मामले को आगे बढ़ाया। यह संयोजन दिखाता है कि भारत अब अपने सैनिकों के लिए केवल भावनात्मक समर्थन ही नहीं, बल्कि संपूर्ण राज्य-संरचना के साथ सक्रिय प्रतिकार सुनिश्चित करता है। भारत की यह रणनीति पुराने दिनों के passive approach की तुलना में पूरी तरह बदल चुकी है।
बहन की नहीं, पूरे देश की लड़ाई
सेलीना जेटली ने अपने ट्वीट में स्पष्ट किया कि यह केवल एक बहन की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे राष्ट्र की लड़ाई है। उनके शब्द, “You fought for us, bhai, now it’s time for us to stand behind you,” यह केवल व्यक्तिगत भाव नहीं हैं, यह पूरे देश का संकल्प है। इस भाव को राष्ट्रव्यापी आंदोलन में तब्दील करने की शक्ति यही नया भारत रखता है। यह वह भारत है जो अपने सैनिकों के लिए इंतजार नहीं करता, बल्कि कार्रवाई करता है।
इतिहास गवाह है कि भारत पहले अपने सैनिकों के पीछे खड़ा नहीं होता था। 1999 के कारगिल युद्ध में, 2008 के मुंबई हमलों के बाद, ऐसे समय में भारत अक्सर international pressure या wait-and-watch की नीति अपनाता रहा। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक, ऑपरेशन गंगा और अफगानिस्तान से सुरक्षित निकासी, ये सभी उदाहरण स्पष्ट करते हैं कि भारत अब केवल passive नहीं बल्कि active retaliatory शक्ति बन चुका है।
मेजर विक्रांत जेटली का मामला केवल व्यक्तिगत या पारिवारिक संकट नहीं है। यह भारत के सैनिकों के प्रति नैतिक और सामरिक कर्तव्य का संकेत है। यह दिखाता है कि अब देश अपने सैनिकों की रक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ता। कोर्ट, सरकार, सेना और खुफिया एजेंसियों का यह संयुक्त प्रयास एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि भारतीय सैनिक किसी भी परिस्थिति में अकेले नहीं रहेंगे।
यह नया भारत वह नहीं है जो केवल मीडिया कवरेज और सोशल मीडिया पोस्ट पर भरोसा करता था। यह भारत सशक्त, निर्णायक और रणनीतिक रूप से सक्रिय है। जब कोई भारतीय सैनिक विदेश में खतरे में होता है, तो यह सिर्फ़ स्थानीय समस्या नहीं होती, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला बन जाता है। भारत अब international arena में ऐसे मामलों में अपनी नीति के साथ कदम बढ़ाता है, न केवल बातचीत और प्रार्थना से, बल्कि वास्तविक कार्रवाई से।
सैनिकों को अकेला नहीं छोड़ती मोदी सरकार
इस पूरे मामले में MODI सरकार का निर्णायक कदम और अदालत का सक्रिय हस्तक्षेप यह दिखाता है कि अब भारत अपने सैनिकों को किसी भी स्थिति में अकेला नहीं छोड़ता। RAW, MI, MEA और न्यायपालिका का यह संयुक्त मोड दिखाता है कि भारत अब अपने सैनिकों के लिए global-level coordination करने में सक्षम है। यह केवल भावनात्मक समर्थन नहीं, बल्कि वास्तविक operative strategy का हिस्सा है।
देश अब यह संदेश स्पष्ट रूप से देता है कि भारतीय सैनिकों पर हमला करना सिर्फ़ व्यक्तिगत अपराध नहीं है, बल्कि यह भारत के संप्रभुता और सामरिक सम्मान पर हमला है। इस संदर्भ में मेजर विक्रांत जेटली का मामला पूरे राष्ट्र के लिए चेतावनी और प्रेरणा दोनों है। यह दिखाता है कि अब भारत केवल प्रतीक्षा नहीं करता, बल्कि सक्रिय रूप से कार्रवाई करता है।
राष्ट्र की शक्ति और आत्मा केे प्रतीक हैं हमारे सैनिक
भारत का नया मॉडल यह है कि सैनिक किसी भी खतरे में हों, सरकार, सेना और खुफिया नेटवर्क एक साथ खड़ा रहता है। यह नीति अब सार्वजनिक और वैश्विक स्तर पर स्पष्ट हो चुकी है। अब दुनिया को यह समझना होगा कि भारत के सैनिक केवल व्यक्तिगत वीरता के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि पूरे राष्ट्र की शक्ति और आत्मा के प्रतीक हैं।
यह मामला दर्शाता है कि भारत का नया दृष्टिकोण केवल reactive नहीं, बल्कि proactive है। सेना, सरकार और खुफिया एजेंसियां अब किसी भी संभावित खतरे के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार रहती हैं। यह बदलाव 2014 के बाद की नीति का परिणाम है, जिसने भारत को विश्व स्तर पर निर्णायक शक्ति में बदल दिया है।
भारत अब अपने सैनिकों को किसी भी स्थिति में अकेला नहीं छोड़ता। चाहे वह कतर हो, यूक्रेन हो, अफगानिस्तान हो या पाकिस्तान से जुड़े किसी ऑपरेशन में हो, नया भारत हर बार सक्रियता दिखाता है। मेजर विक्रांत जेटली का मामला इसका प्रतीक बन गया है।
अंततः, यह केवल एक परिवार की लड़ाई नहीं है। यह पूरा भारत है जो अपने सैनिकों के लिए खड़ा है। यह वह नया भारत है जो अब प्रतीक्षा नहीं करता, कार्रवाई करता है, न्याय सुनिश्चित करता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी शक्ति प्रदर्शित करता है।
भारत अब यह संदेश स्पष्ट कर चुका है कि अपने सैनिकों की रक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। और इसलिए, जैसे ही मेजर विक्रांत जेटली सुरक्षित रूप से अपने घर लौटेंगे, यह केवल एक सैनिक की वापसी नहीं होगी, यह नया भारत की निर्णायक शक्ति का प्रमाण होगा।
भारत अब बदल चुका है। अब कोई विदेशी या आंतरिक शक्ति यह सोचने की गलती नहीं कर सकती कि भारतीय सैनिक अकेले हैं। नया भारत खड़ा है, जागरूक है और सक्रिय है। यह वही भारत है जो अपने वीर सैनिकों के लिए पूरी ताकत से खड़ा रहता है, और जो भी इसे चुनौती देने का प्रयास करेगा, उसे जवाब मिलेगा।



























