रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। अब भारतीय छात्र बिना किसी प्रवेश परीक्षा के रूस के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में दाखिला ले सकेंगे। इस फैसले को भारत–रूस के बीच शैक्षणिक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
रूसी सरकार के अनुसार, यह सुविधा विशेष रूप से इंजीनियरिंग, मेडिकल, साइंस, टेक्नोलॉजी और ह्यूमैनिटीज जैसे विषयों में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के लिए लागू होगी। पात्र छात्रों को केवल अपनी शैक्षणिक योग्यता और दस्तावेज़ों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, जिसके लिए अलग से किसी प्रतिस्पर्धी परीक्षा में बैठने की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत–रूस शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा
रूस लंबे समय से भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख शिक्षा केंद्र रहा है, खासकर मेडिकल और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में। नए फैसले से हर साल रूस जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। रूसी अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य प्रतिभाशाली विदेशी छात्रों को आकर्षित करना और दोनों देशों के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान को मजबूत करना है।
छात्रों को क्या होगा फायदा
बिना प्रवेश परीक्षा सीधा एडमिशन
अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा, तुलनात्मक रूप से कम फीस
अंग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाई के अधिक विकल्प
विश्वस्तरीय रिसर्च और आधुनिक सुविधाएं
भारतीय शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला उन छात्रों के लिए खास तौर पर फायदेमंद होगा, जो देश में सीटों की कमी या कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
रूसी सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) और शैक्षणिक सहयोग से जुड़ी और योजनाएं भी शुरू की जा सकती हैं। इस फैसले के बाद भारतीय छात्रों और अभिभावकों के बीच उत्साह का माहौल है।






























