प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने LVM3-M6 मिशन की ऐतिहासिक सफलता पर देश को बधाई देते हुए इसे भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में “एक महत्वपूर्ण कदम” बताया है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने भारतीय धरती से अब तक लॉन्च किए गए सबसे भारी सैटेलाइट को उसकी तय कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।
इस मिशन के तहत ISRO के शक्तिशाली हेवी-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3-M6 ने अमेरिका के अत्याधुनिक संचार उपग्रह BlueBird Block-2 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित किया। यह उपलब्धि भारत की हेवी-लिफ्ट लॉन्च क्षमता को मजबूत करती है और यह स्पष्ट संकेत देती है कि भारत अब वैश्विक कमर्शियल लॉन्च मार्केट में एक भरोसेमंद और सक्षम भागीदार बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सफलता आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी सशक्त करती है। स्वदेशी तकनीक, उच्च-स्तरीय इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक नवाचार के बल पर हासिल यह उपलब्धि दिखाती है कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने ISRO के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत, समर्पण और उत्कृष्टता की विशेष रूप से सराहना की।
यह मिशन भारत के लिए केवल एक तकनीकी सफलता नहीं, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इससे भारत की साख एक विश्वसनीय ग्लोबल लॉन्च सर्विस प्रोवाइडर के रूप में और मजबूत होगी, जिससे भविष्य में और अधिक अंतरराष्ट्रीय उपग्रह प्रक्षेपण भारत से किए जा सकेंगे। इसका सीधा लाभ देश के अंतरिक्ष स्टार्ट-अप इकोसिस्टम, विदेशी निवेश और रोजगार सृजन को भी मिलेगा।
LVM3-M6 की यह सफलता ऐसे समय में आई है जब भारत गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन, अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल्स और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं के विस्तार की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहा है। यह मिशन आने वाले बड़े और जटिल अभियानों के लिए तकनीकी आत्मविश्वास प्रदान करता है.
LVM3-M6 मिशन:
LVM3 (Launch Vehicle Mark-3) ISRO का सबसे शक्तिशाली हेवी-लिफ्ट रॉकेट है, जिसे पहले GSLV Mk-III के नाम से जाना जाता था।
यह रॉकेट लगभग 8,000 किलोग्राम तक का पेलोड लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में और करीब 4,000 किलोग्राम तक का पेलोड जियो-सिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में ले जाने में सक्षम है।
M6 इस रॉकेट की छठी परिचालन उड़ान (Mission-6) को दर्शाता है।
LVM3 तीन चरणों वाला रॉकेट है—दो ठोस ईंधन बूस्टर (S200), एक तरल ईंधन कोर स्टेज (L110) और क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25)।
यह वही रॉकेट है, जिसे भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए भी चुना गया है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा मानकों का महत्व और बढ़ जाता है।
BlueBird Block-2 एक उच्च-क्षमता वाला आधुनिक संचार उपग्रह है, जिसे वैश्विक कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस प्रकार, LVM3-M6 मिशन न केवल भारत की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत भविष्य में अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
































