नाइजीरिया में ISIS आतंकियों पर अमेरिकी हमला, कट्टर इस्लामी आतंकवाद के ख़िलाफ़ ट्रंप सख़्त

अक्टूबर और नवंबर में अमेरिका की सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी ने नाइजीरिया को चेतावनी दी थी कि अगर ईसाइयों पर हो रहे हमले नहीं रुके, तो सैन्य हस्तक्षेप किया जा सकता है।

कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

गुरुवार (26 दिसंबर) को अमेरिकी सेना ने उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया में ISIS के ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस शक्तिशाली कार्रवाई की जानकारी देते हुए आतंकियों को “आतंकी गुंडे” कहा। ट्रंप ने कहा कि यह हमला ईसाइयों की जान बचाने के लिए किया गया, क्योंकि ISIS समूह उस क्षेत्र में ईसाई समुदाय को निशाना बना रहा था।

अक्टूबर और नवंबर में अमेरिका की सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी ने नाइजीरिया को चेतावनी दी थी कि अगर ईसाइयों पर हो रहे हमले नहीं रुके, तो सैन्य हस्तक्षेप किया जा सकता है। रिपब्लिकनों ने कहा था कि वहां ईसाइयों के सामने “अस्तित्व का खतरा” है, जिसे उन्होंने “नरसंहार” जैसा बताया था। हालिया अमेरिकी हमला उसी चेतावनी के बाद किया गया।

ट्रंप ने कहा कि ये हमले उन आतंकियों पर किए गए जो “निर्दोष ईसाइयों को निशाना बनाकर बेरहमी से मार रहे थे।” उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा,“मैंने पहले ही इन आतंकियों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने ईसाइयों की हत्या बंद नहीं की, तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। और आज रात वही हुआ। युद्ध विभाग (अमेरिकी रक्षा विभाग) ने कई सटीक हमले किए, जैसा कि केवल अमेरिका ही कर सकता है।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके नेतृत्व में कट्टर इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं दिया जाएगा

सिडनी में हुए हमले के बाद भी ट्रंप ने दुनिया से कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। हाल ही में सीरिया और अब नाइजीरिया में ISIS पर हुए हमले यह दिखाते हैं कि वे इस आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई कर रहे हैं।नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय ने बताया कि ये हमले अमेरिका के साथ चल रहे सुरक्षा सहयोग के तहत किए गए। इसमें खुफिया जानकारी साझा करना और रणनीतिक तालमेल शामिल है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिए की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ईसाइयों, मुसलमानों या किसी भी समुदाय पर हमला नाइजीरिया के मूल मूल्यों के खिलाफ है।

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भी X पर पोस्ट कर नाइजीरियाई सरकार का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि निर्दोष ईसाइयों की हत्या अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ISIS को क्रिसमस के दिन निशाना बनाया गया है और आगे भी कार्रवाई हो सकती है।

इसके बाद पेंटागन ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें एक युद्धपोत से मिसाइल दागी जाती हुई दिखाई दी। इससे पहले नवंबर में ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर नाइजीरिया में हो रही “हत्याओं” को लेकर कार्रवाई की मांग की थी और हिंसा जारी रहने पर सैन्य हस्तक्षेप की चेतावनी दी थी।

हालाँकि, नाइजीरिया ने पहले ट्रंप के इस बयान से असहमति जताई थी। नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टिनूबू ने कहा कि देश का संविधान सभी धर्मों के नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि नाइजीरिया को धार्मिक रूप से असहिष्णु बताना देश की सच्चाई को नहीं दर्शाता। साथ ही उन्होंने अमेरिका के साथ मिलकर सभी समुदायों की सुरक्षा के लिए काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

नाइजीरिया की आबादी में उत्तर क्षेत्र में ज़्यादातर मुस्लिम और दक्षिण में अधिकतर ईसाई रहते हैं।

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