16 दिसंबर 2025 को भारत में विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. 1971 में इसी दिन भारत ने पाकिस्तान सेना से बंग्लादेश (Bangladesh) को स्वतंत्रता दिलाई थी. यह यद्ध सिर्फ हथियारों का चयन नहीं था बल्कि मानवता, न्याय और आत्मसम्मान की लड़ाई थी. भारत के साहसी वीरों ने अपने साहस का परिचय देते हुए इस युद्ध को अंजाम तक पहुंचाया था.
विजय दिवस का इतिहास
भारत और पाक यद्ध के बाद से पूर्वी पाकिस्तान में पनप रहे राजनीतिक और सांस्कृतिक भेद भाव से वहां के लोग परेशान थें. यहीं कारण था कि वहां के लोगों के लिेए यह विस्फोटक साबित हुआ. 26 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान में स्वतंत्रता की मांग उठी .जिसे पाकिस्तान ने पूरी तरह कुचलने की कोशिश की. ऐसे में भारत ने बंग्लादेश का समर्थन किया जो युद्ध के रूप में बदल गया.
भारत पाक युद्ध
3 दिसंबर 1971 को भारत पाक कि युद्ध की शुरुआत हुई…13 दिनों में ही भारत ने पाकिस्तान को धूल चटा दिया. 16 दिसंबर को पाकिस्तान ने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया. 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों का समर्पण अभी तक के इतिहास में सबसे बड़ा समर्पण माना गया. बंग्लादेश की जीत और पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा.
बता दें कि इस युद्ध में इंदिरा गांधी का बड़ा योगदान रहा. उन्होंने शांत रहकर बंग्लादेश का साथ दिया जो बंग्लादेशवासियों के लिेेेए वरदान के रूप में साबित हुआ. भारत ने बंग्लादेश के मुक्ति में सहायता कि. इस खास दिन को हम अपने वीर सैनिकों को याद करके विजय दिवस के रूप में मनाते है. यह दिन भारतीयों के लिेए बेहद खास है.





























