'अहोम साम्राज्य' के लिए खोज परिणाम

चोल साम्राज्य

भारत के सबसे महान राजवंशों में से एक था चोल साम्राज्य, लेकिन वामपंथी इतिहासकारों ने इसे दफन कर दिया

चोल साम्राज्य - दक्षिण भारत के गौरवशाली हिन्दू इतिहास को मिटाने के लिए ब्रिटिश काल से ही लगातार प्रयास किया जा रहा है। ऐतिहासिक मानवविज्ञानी इसके संदर्भ में मुख्यतः दो कारण बताते हैं। पहला, मुगलों ने इब्राहीम धर्म की पूजा की और इसलिए उन्हें दक्षिण के मूर्तिपूजकों की तुलना में ...

महाभारत

हस्तिनापुर से अहोम राजाओं के शहर तक: ऑनसाइट म्यूज़ियम के लिए आखिर क्यों चुना गया इन पाँच शहरों को?

इस वर्ष के बजट की सबसे खास बात जो रही वह है देश के सांस्कृतिक विरासत को पर्यटन के लिए विकसित करने पर अधिक ध्यान। केंद्र की मोदी सरकार ने संस्कृति और पर्यटन सेक्टर को नई दिशा देने के लिए एक नए तरह की रूपरेखा वाला बजट पेश किया। सबसे ...

Amit Shah- History

‘इतिहास में केवल मुगलों का महिमामंडन, अब हमें इतिहास लिखने से कौन रोक सकता है?’

भारत के गौरवशाली अतीत को इतिहास के पन्नों में पहले तो जगह ही नहीं मिली, अगर किसी जुनूनी भारतीय ने इसकी कोशिश भी की तो उसे सजा दी गई। उन पन्नों को जला दिया गया या फिर पूरी किताब को ही छिपा दिया गया। कई ऐसी घटनाएं हैं और कई ...

NCERT removes chapters on Mughal Empire

NCERT removes chapters on Mughal Empire: कैसे छाती पीट पीट के रो रहे हैं लिबरल मुगलों की सफाई पर

NCERT removes chapters on Mughal Empire: Nostalgia शब्द एक दोधारी तलवार समान है। अगर किसी ऐसे वस्तु या स्थान की पुरानी यादों को सहेजकर रखा जाए, जिससे समाज और संस्कृति का कल्याण हुआ हो, तो वो स्मृतियाँ व्यर्थ नहीं जाती। परंतु हमारे यहाँ कुछ ऐसे प्राणी है, कि चाहे कोई ...

Time to correct the falsified history and cinema is the way forward

अब समय आ गया है कि गलत इतिहास को सही किया जाए और सिनेमा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है

एक सिक्के के दो पहलू होते हैं लेकिन अगर आपको आपके आधे जीवन तक केवल सिक्के के एक पहलू से ही अवगत कराया जाए तो आप उसे ही सही मानने लगेंगे। कुछ ऐसा ही हमारे इतिहास और संस्कृति के साथ किया गया। इतिहास का नाम आते ही अधिकतर लोगों के ...

Hastinapur

महाभारत के कई रहस्यों से उठेगा पर्दा, पांडवों की राजधानी में काम पर लगी ASI

हिन्दू धर्मग्रंथों में लिखित बातों को अनुयायी शास्वत सत्य मान कर उसके कण-कण को पूजते थे, पूजते हैं और आगे भी पूजते रहेंगे। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि लंबे समय से कुछ तुच्छ प्रवृत्ति के विकृत मानसिकता वाले लोग महाभारत जैसे विशाल काव्य ग्रंथ को सदैव काल्पनिक बताते ...

भारतीय चालुक्य

मुगल नहीं चालुक्य, पल्लव और राष्ट्रकूट वंश हमारे इतिहास की किताबों में अधिक ध्यान देने योग्य हैं

मूल सार इतिहास की पाठ्यपुस्तक में मुग़लकालीन इतिहास का वर्णन अधिक किया गया है विदेशी आक्रमण, राजनीति और पाश्चात्य शिक्षा की आड़ में भारतीय इतिहास के राजवंशो की अनदेखी की गई है इस लेख में चालुक्य, पल्लव और राष्ट्रकूट राजवंश के विस्तृत और वृहद इतिहास को मुग़लों के सापेक्ष में ...

Kashi Vishwanath Mandir

कैसे काशी विश्वनाथ मंदिर का विध्वंस हुआ, पुनर्निर्माण हुआ और फिर हुई पुनर्स्थापना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन 13 दिसंबर 2021 को किया जाएगा। काशी विश्वनाथ की भव्यता को पुनः प्रतिष्ठित करने के उद्देश्य से इस प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी। किंतु काशी विश्वनाथ की कहानी भारत के संघर्ष की गाथा है, जिसका एक अध्याय अब भी लिखा ...

कांग्रेस के दौर में पाठ्यक्रम में जोड़े गए सभी ‘स्वतंत्रता सेनानियों’ की समीक्षा करेगी मोदी सरकार

कांग्रेस के दौर में पाठ्यक्रम में जोड़े गए सभी ‘स्वतंत्रता सेनानियों’ की समीक्षा करेगी मोदी सरकार

स्वतंत्रता के बाद, देश में कांग्रेस की सरकार ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी, जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले कई स्वतंत्रता सेनानियों को या तो विश्वविद्यालय एवं स्कूली शिक्षा से धूमिल कर दिया गया या फिर उनकी जीवनी को ...

बाहुबली आवाज बनने वाले, फिर छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभाने वाले शरद केलकर लाजवाब एक्टर हैं

बाहुबली आवाज बनने वाले, फिर छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभाने वाले शरद केलकर लाजवाब एक्टर हैं

‘अमरेंद्र बाहुबली यानि मैं, माहिष्मती की असंख्य प्रजा और उनके धन, मान और प्राण की रक्षा करूंगा। और इसके लिए अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी तो भी मैं पीछे नहीं हटूंगा। राजमाता शिवगामी देवी को साक्षी मानकर मैं ये शपथ लेता हूं’। बाहुबली2 के हिन्दी संस्करण में जब ये ...

कभी सोचा है क्यों ओडिशा का इतिहास स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता?

कभी सोचा है क्यों ओडिशा का इतिहास स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता?

इस लेख को अंग्रेजी में पढने के लिए यहाँ क्लिक करें  हजारों वर्ष पहले, महानदी के तट पर शिकार करते हुये केसरी वंश के एक राजकुमार अपने साथियों से काफी दूर चले गए। घंटों तक भटकने के बाद ये नदी पार कर एक दलदली द्वीप पर पहुंचे, जहां शास्त्रों के ...

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