पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
26 April 2024
जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।
26 April 2024
सरकार गई, लगभग पार्टी भी गई ऐसे में शिवसेना के होते-होते रह गए उत्तराधिकारी आदित्य ठाकरे अब अपने नाम अनेकानेक विवादों को "आ बैल मुझे मार" की भांति अपनी ओर आमंत्रित कर रहे हैं। हालिया मामला आरे कॉलोनी से जुड़ा हुआ है जिसके निर्णय को शिंदे सरकार ने आकर सबसे ...
बाप-दादा के नाम पर सरकार बन गई वरना आदित्य ठाकरे की हालत राजनीतिक परिदृश्य में चिराग पासवान से कम नहीं है। चूंकि महाराष्ट्र में शिवसेना का प्रादुर्भाव बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा के साथ हुआ। आदित्य ठाकरे का जन्म ऐसे राजनीतिक परिवार में हुआ जहां बालासाहेब ने लाठी झेलीं, परिश्रम ...
"जब धरती लगती है फटने, तब खैरात लगती है बंटने", ऐसा हाल तब होता है जब किसी मामले में आरोपी को धर लिया जाता है और वो अपने कर्मकांड में रहे साथियों के नाम उगलने लगता है। महाराष्ट्र के शासन और प्रशासन की मिलीभगत से चल रहे षड्यंत्रों पर अब ...
हमारे वृद्धजन ठीक ही कहा करते थे – विनाश काले विपरीते बुद्धि। एक समय अमरनाथ में तीर्थयात्रियों पर खरोंच पड़ने पर बालासहेब ठाकरे महाराष्ट्र में हज यात्रा पर प्रतिबंध लगवा देते थे। आज उन्हीं की पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए अल्पसंख्यकों की किस प्रकार से मानसिक गुलामी कर ...
रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर देश में बहस छिड़ गई है कि कैसे इतने बड़े वरिष्ठ पत्रकार को मुंबई पुलिस ने एक बंद पड़े केस में गिरफ्तार कर लिया। अर्नब की गिरफ्तारी के बाद आदित्य ठाकरे पर भी सवाल खड़े हो गए हैं जिनके खिलाफ ...
सुशांत सिंह राजपूत की मौत और रिया चक्रवर्ती की इसमें संभावित संलिप्तता के मामले ने अब एक रोमांचक मोड़ लिया है। एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बिहार पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह दावा किया कि, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को आत्महत्या की ही नहीं, बल्कि ...
महाराष्ट्र की राजनीति अपने आप में किसी मनोरंजक फिल्म से कम नहीं है। अब महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन, महा विकास अघाड़ी में एनसीपी और शिवसेना के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई ने एक बिल्कुल नया मोड़ ले लिया है। इसमें प्रमुख खिलाड़ी के रूप में आमने-सामने हैं एनसीपी सुप्रीमो ...
महाराष्ट्र में जब से कांग्रेस, NCP और शिवसेना की महा-विकास-अगाडी सरकार सत्ता में आई है, तब से ही इस बात की कयास लगाई जा रही है कि यह सरकार मतभेद के कारण अधिक समय तक नहीं चल पाएगी। हालांकि, इन अटकलों को परे रखते हुए यह सरकार अब तक अपने ...
“बोए पेड़ बबूल के, तो आम कहाँ ते होय?” शायद उद्धव ठाकरे को इस कथन का सबसे कड़वा अनुभव हो रहा होगा। इनके नेतृत्व में महाराष्ट्र प्रशासन ने किस प्रकार राज्य वासियों का जीवन नारकीय बनाया था, ये किसी से नहीं छुपा है। परंतु कोविड में केवल इनका कुप्रबंधन ही ...
पिता की विरासत को आगे बढ़ाना कोई आसान बात नहीं होती है क्योंकि जिसने संघर्ष किया होता है उसे पता होता है कि कैसे विरासते संभाली जाती हैं, लेकिन जिसे बैठे-बिठाए सबकुछ मिल जाए वो उसे संभालना क्या जानेगा? संगठन से लेकर संस्थानों तक यदि सभी को साथ जोड़कर रखना ...
कांग्रेस, सपा और शिवसेना तो यूं ही बदनाम हैं, वास्तव में परिवावाद से पोषित पार्टियों में सत्ता की ऐसी लालसा है कि सत्ता का सुख निजी संबंधों के आड़े आ जाता है। एक क्षण भी नहीं लगता और निजी संबंधों को तिलांजलि दे दी जाती है। कुछ ऐसा ही इन ...
देवेंद्र फडणवीस वो नेता हैं जो महाराष्ट्र की राजनीति का अर्जुन साबित हो रहे हैं। जैसे अर्जुन का मछली की आंख के अतिरिक्त कोई दूसरा लक्ष्य नहीं था उसी प्रकार फडणवीस का भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के अलावा कोई अन्य लक्ष्य नहीं है। संभवतः फ्लोर टेस्ट के बाद पूर्व ...